सचिन तेंदुलकर को सलाम करते हुए पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने आज कहा कि ‘मास्टर ब्लास्टर’ एक ‘नैसर्गिक स्पिनर’ थे और उन्होंने कभी-कभी गेंदबाज के तौर पर मेरे स्थान को खतरे में डाला।
40 वर्षीय तेंदुलकर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में अपना आखिरी एवं 200 वां टेस्ट मैच आज से खेलने वाले हैं। यह मैच वेस्टइंडीज के साथ है।
कुंबले ने कहा, मैंने सचिन के साथ 132 टेस्ट मैच खेले हैं। मैंने बल्लेबाज के रूप में टीम में सचिन के स्थान के लिए कभी खतरा पैदा नहीं किया लेकिन उन्होंने कभी कभी गेंदबाज के तौर पर मेरे लिए खतरा पैदा किया। वह गेंद के एक नैसर्गिक स्पिनर हैं। साथ ही, कुंबले ने यह भी कहा कि भारत पिछले दशक में खेल राष्ट्र बन गया और अन्य खेलों को क्रिकेट से सबक लेना चाहिए।
कुंबले ने कहा कि न सिर्फ क्रिकेट बल्कि अन्य खेलों में एथलीटों की सफलता ने भी भारत को खेल राष्ट्र बनने में मदद की है।
कुंबले ने यहां एमएके पटौदी लेक्चर देते हुए कहा कि बरसों से हम सोचते थे कि हम खेल राष्ट्र हैं लेकिन हमारे पास दिखाने को बहुत कम था। पिछले दशक में भारत को मिली खेल सफलताओं ने सब कुछ बदल दिया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल, लंदन ओलंपिक और शतरंज, बिलियर्ड्स, स्नूकर, बैडमिंटन तथा टेनिस के खिलाड़ियों का वर्ल्ड टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन हमारी तरक्की के सबूत हैं।
कुंबले ने भारत के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का जिक्र करते हुए कहा कि एक दशक पहले तक यदि कोई यह कहता कि रांची का कोई खिलाड़ी एक दिन भारतीय टीम का नेतृत्व करेगा तो इस पर हंसा जाता।
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