भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बुधवार को साल 2023-2024 के लिए खिलाड़ियों के लिए केंद्रीय अनुबंध का ऐलान किया. ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को रणजी ट्रॉफी में खेलने के निर्देशों का पालन नहीं करना भारी पड़ा और बीसीसीआई ने इन दोनों को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया. राष्ट्रीय टीम में नहीं होने के बावजूद 25 वर्षीय किशन झारखंड की तरफ से रणजी ट्रॉफी में नहीं खेले और उन्होंने इसके बजाय अगले महीने शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की तैयारी पर ध्यान दिया. वह दिसंबर में निजी कारणों से दक्षिण अफ्रीका के दौरे के बीच में से स्वदेश लौट आए थे और इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिली. दूसरी तरफ अय्यर ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के बाद भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद मुंबई के बड़ौदा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल के लिए खुद को उपलब्ध नहीं रखा था. उन्हें हालांकि 2 मार्च से शुरू होने वाले रणजी सेमीफाइनल के लिए मुंबई की टीम में चुना गया है.
वहीं ईशान किशन और श्रेयस अय्यर के केंद्रीय अनुबंध से बाहर होने पर रवि शास्त्री ने ट्वीट कर इस दोनों खिलाड़ियों को सपोर्ट करते हुए लिखा,"क्रिकेट के खेल में वापसी आपके जज्बे को परिभाषित करती है. हौसला रखो, श्रेयस अय्यर और ईशान किशन. चुनौतियों का सामना करें तथा और भी मजबूत होकर वापसी करें. आपकी पिछली उपलब्धियां बहुत कुछ बयां करती हैं और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप एक बार फिर जीत हासिल करेंगे."
In the game of cricket, comebacks define the spirit. Chin-up, @ShreyasIyer15 and @ishankishan51! Dig deep, face challenges, and come back even stronger. Your past achievements speak volumes, and I have no doubt you'll conquer once again.
— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) February 28, 2024
बीसीसीआई ने 2023-24 के लिए केंद्रीय अनुबंधों की घोषणा करते हुए खिलाड़ियों को फिर से सलाह दी कि जब वह राष्ट्रीय टीम की तरफ से नहीं खेल रहे हो तो घरेलू क्रिकेट में खेलने को प्राथमिकता दें. बीसीसीआई ने बयान में कहा,"कृपया ध्यान दें कि वार्षिक अनुबंध के लिए श्रेयस अय्यर और ईशान किशन के नाम पर विचार नहीं किया गया." बयान में कहा गया है,"बीसीसीआई ने सिफारिश की है कि सभी खिलाड़ी जब राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हों तो वे घरेलू क्रिकेट में खेलने को प्राथमिकता दें."
छह क्रिकेटरों को ए वर्ग में रखा गया है जिनमें रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, केएल राहुल, शुभमन गिल और हार्दिक पंड्या शामिल हैं. भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाला पांचवा और अंतिम मैच अश्विन का टेस्ट क्रिकेट में 100वां मैच होगा. यह ऑफ स्पिनर हाल में अनिल कुंबले के बाद टेस्ट क्रिकेट में 500 विकेट लेने वाला दूसरा भारतीय गेंदबाज बना था. सिराज पहले बी वर्ग में थे लेकिन उन्हें अब ए वर्ग में रखा गया है जबकि अक्षर पटेल को ए वर्ग से हटाकर बी वर्ग में शामिल किया गया है. अक्षर के अलावा सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत, कुलदीप यादव और यशस्वी जायसवाल को बी वर्ग में रखा गया है.
पंत पिछले साल ए वर्ग में थे लेकिन दिसंबर 2022 में सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद उन्होंने कोई क्रिकेट मैच नहीं खेला है और इसलिए उन्हें नवीनतम अनुबंध में बी वर्ग में रखा गया है. बीसीसीआई ने 15 खिलाड़ियों को सी वर्ग में रखा है जिनमें रिंकू सिंह, तिलक वर्मा, रुतुराज गायकवाड़, शार्दुल ठाकुर, शिवम दुबे, रवि बिश्नोई, जितेश शर्मा, वाशिंगटन सुंदर, मुकेश कुमार, संजू सैमसन, अर्शदीप सिंह, केएस भरत, प्रसिद्ध कृष्णा, आवेश खान और रजत पाटीदार शामिल हैं.
जिन खिलाड़ियों ने एक निश्चित अवधि के अंदर कम से कम तीन टेस्ट या आठ वनडे या 10 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हो उन्हें स्वत: ही सी वर्ग में जगह मिल जाती है. जैसे कि ध्रुव जुरेल और सरफराज खान ने अभी तक केवल दो टेस्ट मैच खेले हैं और इंग्लैंड के खिलाफ 7 मार्च से धर्मशाला में होने वाले पांचवें और अंतिम मैच में खेलने पर उन्हें वर्ग सी में शामिल कर दिया जाएगा.
जिन प्रमुख खिलाड़ियों ने अपना वार्षिक अनुबंध गंवाया है उनमें चेतेश्वर पुजारा, शिखर धवन, उमेश यादव और युजवेंद्र चहल भी शामिल हैं. यह सभी खिलाड़ी पिछले कुछ समय से राष्ट्रीय टीम से बाहर हैं. चयन समिति ने तेज गेंदबाजों आकाश दीप, विजयकुमार विशाक, उमरान मलिक, यश दयाल और विदवथ कावेरप्पा के लिए भी अनुबंध की सिफारिश की है. आकाशदीप ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट क्रिकेट मैच में पदार्पण करते हुए अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया था. भारत ने यह मैच जीतकर सीरीज अपने नाम की थी.
बीसीसीआई ने इसके साथ ही मानदंडों से हटकर इस बार चारों वर्गों में शामिल खिलाड़ियों को वार्षिक अनुबंध के लिए मिलने वाली धनराशि का उल्लेख नहीं किया है. आमतौर पर ए प्लस वर्ग में शामिल खिलाड़ियों को प्रतिवर्ष 7 करोड़, ए वर्ग के खिलाड़ियों को 5 करोड़, बी वर्ग के खिलाड़ियों को तीन करोड़ और सी वर्ग के खिलाड़ियों को एक करोड रुपए की धनराशि दी जाती है. यह धनराशि उनकी मैच फीस से इतर होती है.
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