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अमेरिका का दबाव डालने का तरीका... ट्रंप के टैरिफ बम पर क्‍या बोले एक्‍सपर्ट्स 

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. टैरिफ 1 अगस्‍त से लागू हो जाएगा. एक्‍सपर्ट्स भी इस ऐलान को अलग-अलग तरह से देख रहे हैं. 

अमेरिका का दबाव डालने का तरीका... ट्रंप के टैरिफ बम पर क्‍या बोले एक्‍सपर्ट्स 
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जो अगस्त से लागू होगा.
  • ट्रंप ने कहा कि रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने पर भारत को अतिरिक्त जुर्माना भी देना होगा.
  • भारत ने अमेरिकी टैरिफ निर्णय पर गौर किया है और दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता जारी है.
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नई दिल्‍ली:

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. टैरिफ 1 अगस्‍त से लागू हो जाएगा. ट्रंप जो भारत को अमेरिका का दोस्‍त बताते हैं,  उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध के मद्देनजर रूस से तेल और मिलिट्री इक्विपमेंट्स की खरीद के चलते भारत को अतिरिक्त जुर्माना देना होगा. ट्रंप ने हालांकि इसका इशारा 29 जुलाई को ही कर दिया था. वहीं भारत ने कहा है कि उसने अमेरिकी राष्‍ट्रपति के इस ऐलान पर गौर किया है और इसके 'निहितार्थ' का अध्‍ययन किया जा रहा है. वाणिज्‍य मंत्रालय ने अपने बयान में यह कहा कि दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर वार्ता जारी है. साथ ही यह भी स्‍पष्‍ट कर दिया है कि राष्‍ट्रीय हित हमेशा सर्वोपरि हैं. वहीं एक्‍सपर्ट्स भी इस ऐलान को अलग-अलग तरह से देख रहे हैं. 

'ब्‍लैकमेल नहीं कर सकते'  

भारत पर अमेरिका की तरफ से 50 फीसदी टैरिफ और पेनाल्टी को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद और उद्योगपति अशोक मित्तल ने बहुत ही दुखदाई करार दिया है. उन्‍होंने कहा, 'अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने जो अनाउंसमेंट किया है वह काफी दुखदायी है. हम उम्मीद नहीं कर रहे थे कि अमेरिका हमारे साथ ऐसा करेगा. भारत से जो भी चीज एक्सपोर्ट होगी, वह अमेरिका में महंगा हो जाएगी. चाहे हम सॉफ्टवेयर भेजते हो या फिर फॉर्मा इंडस्ट्रीज, यह सारी चीजें अमेरिका के लोगों को महंगे दामों पर मिलेंगे. मुझे लगता है आप हमारी बात सुने या ना सुने अपने लोगों की बात जरूर सुनेंगे क्योंकि अब अमेरिकी लोगो को भारत में बनी हुई चीज महंगी मिलेगी.' 

उन्‍होंने कहा कि  यह अमेरिका का दबाव डालने का एक तरीका है. इतना बड़ा देश है, इतने पुराने संबंध हैं, उसके बावजूद इस तरह की हरकत करना ठीक नहीं है. अमेरिका से जिस तरह से रिश्ते हैं उसे बेतूके टैरिफ नहीं लगाना चाहिए. उन्‍होंने साफ कहा, 'भारत एक संप्रभुतापूर्ण देश है,  हम किस देश के साथ क्या कर रहे हैं, यह हम तय करें. आप भारत को ब्लैकमेल नहीं कर सकते. भारत एक ऐसा देश है जो दबाव में नहीं आता है वह करता है दोस्ती के साथ खुले दिल से करता है.' 

भारत के लिए बड़ा मौका 

ट्रंप के ऐलान पर पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन की मानें तो यह भारत के लिए मौका है. उन्‍होंने कहा, 'जैसे-जैसे अमेरिका अपनी व्यापार नीति में बदलाव कर रहा है और चीन, वियतनाम और बांग्लादेश सहित प्रमुख निर्यातक देशों पर उच्च टैरिफ लगा रहा है, यह साफ है कि दुनिया सप्‍लाई चेन रिस्‍ट्रक्‍चरिंग के एक नए दौर में दाखिल हो रही है.' उन्‍होंने कहा कि हालांकि भारतीय एमएसएमई पर प्रभाव पड़ा है लेकिन यह कुछ क्षणों के लिए ही होगा. वैश्विक खरीदार चुनिंदा भौगोलिक क्षेत्रों पर अत्यधिक निर्भरता से जोखिम कम करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में भारत सबसे विश्वसनीय, लोकतांत्रिक और मापनीय विकल्प के तौर पर उभर रहा है.

उन्‍होंने कहा, 'हमारे पास जनसंख्‍या का फायदा, टेक्निकल स्किल्‍स और ग्‍लोबल डिमांड को पूरा करने के लिए उद्यमशीलता की गहराई है, इंजीनियरिंग वस्तुओं और वस्त्रों से लेकर फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स तक, सभी क्षेत्रों में, हमारे पास टैलेंट मौजूद है. अब समय आ गया है कि भारतीय उद्योग गुणवत्ता, अनुपालन और प्रतिस्पर्धात्मकता के साथ आगे बढ़े. चीन और वियतनाम की तरह ही टैरिफ संबंधी चुनौतियों का सामना करते हुए, भारत दीर्घकालिक विश्वास, विविध बाजार हिस्सेदारी और एक मजबूत वैश्विक साझेदार के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने की स्थिति में है.' उन्‍होंने इस क्षण को एक झटके के तौर पर न देखकर बल्कि एक स्प्रिंगबोर्ड की तरह करार दिया है. 

BTA के बाद अलग होगी तस्‍वीर 

वहीं इंडो- अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स एग्जिक्यूटिव काउंसिल मेंबर सुनील जैन ने कहा कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेरिफ बढ़कर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की है. उन्होंने यह संदेश दिया है कि भारत को रूस से भी माल नहीं खरीदना चाहिए.  उन्‍होंने कहा, 'अमेरिका ने जो 25 फीसदी टैरिफ लगाई है, वो थोड़ी ज्‍यादा है. हम अमेरिका के साथ बीटीए की बात कर रहे हैं. भारत के ऊपर क्‍या पेनाल्‍टीपेनाल्‍टी लगेगी. लेकिन इस टैरिफ के बाद भारत के एक्‍सपोर्टर और अमेरिका के इंपोर्टर दोनों के बीच बातचीत होगी. हमें यह देखना होगा कि हम इसे किस हद तक सॉल्‍व कर सकते हैं और एक लॉन्‍ग टर्म रिलेशन की बात कर सकते हैं. कुछ ही महीनों में बीटीए होगा जिसके बाद यह ड्यूटीज काफी नीचे चली जाएंगी.' 

ड्यूटी हो जाएंगी कम 

फेडरेशनल ऑफ इंडियन एक्‍सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (FIEO)के डीजी अजय सहाय ने कहा, 'अमेरिका ने भारत पर जो ड्यूटी लगाई है वह थोड़ा ज्यादा है. भारत और अमेरिका के बीच जब द्विपक्षीय ट्रेड एग्रीमेंट होगा तब यह ड्यूटी काफी नीचे आ जाएगी. अमेरिका ने भारत पर जो ड्यूटी लगाई है वह थोड़ा ज्यादा है. भारत के ऊपर क्या पेनल्टी लगेगी यह अभी क्लियर नहीं है. हम अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्‍यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं. कुछ ही महीने में भारत और अमेरिका के बीचट्रेड एग्रीमेंट होगा जिससे यह ड्यूटी काफी नीचे आ जाएगी. 

पीएचडीसीसीआई  के सीईओ और सेक्रेटरी जनरल रंजीत मेहता ने भी कुछ ऐसा ही कहा. उन्‍होंने कहा, 'हमारी इंडस्ट्री और एक्सपोर्ट्स पर शॉर्ट टर्म में जरूर असर पड़ेगा क्योंकि अचानक भारत से अमेरिका एक्सपोर्ट करना महंगा हो जाएगा. लेकिन लॉन्ग टर्म में भारत के पास एक मौका होगा अपने एक्सपोर्ट का नए सिरे से विस्तार करने का. अमेरिका ने भारत के प्रतिद्वंद्वी देशों जैसे चीन और वियतनाम पर ज्यादा टैरिफ लगाया है. हमें उम्मीद है कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्‍यापार समझौता (BTA) अगले दो-तीन महीने में हो जाएगा. हमें उम्मीद है क्या अमेरिका के साथ BTA से बढ़ी हुई से हमें राहत मिलेगी. 

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