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उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने ली मासूम की जान! अब CM धामी ने दिए जांच के आदेश

CM पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पोस्ट में लिखा, 'बागेश्वर में एक मासूम बच्चे की चिकित्सा में लापरवाही से मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है. जैसा कि अभी तक सूचना प्राप्त हुई है, उनसे प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कतिपय स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती गई है.

उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने ली मासूम की जान! अब CM धामी ने दिए जांच के आदेश
  • उत्तराखंड के ग्वालदम में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण डेढ़ साल के शुभम जोशी की मृत्यु हुई.
  • शुभम के पिता दिनेश चंद्र जोशी ने अपने बेटे के लिए पांच अस्पतालों का चक्कर लगाया लेकिन उचित इलाज नहीं मिला.
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कुमाऊं आयुक्त को तत्काल जांच के निर्देश दिए.
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उत्तराखंड के ग्वालदम के एक सुदूर गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाल स्थिति ने एक डेढ़ साल के मासूम बच्चे शुभम जोशी की जान ले ली. शुभम के पिता दिनेश चंद्र जोशी, जो सेना में देश की सरहदों की रक्षा करते हैं, अपने बेटे को बचाने के लिए पांच अस्पतालों के चक्कर काटते रहे. लेकिन कहीं भी उचित इलाज नहीं मिला. सिस्टम की इस लापरवाही ने एक परिवार के चिराग को बुझा दिया. लेकिन अब इस मामले पर CM पुष्कर सिंह धामी ने एक्शन लिया है. CM ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. 

'कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही...'
CM पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पोस्ट में लिखा, 'बागेश्वर में एक मासूम बच्चे की चिकित्सा में लापरवाही से मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है. जैसा कि अभी तक सूचना प्राप्त हुई है, उनसे प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कतिपय स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती गई है.

CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस अत्यंत संवेदनशील प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए कुमाऊं आयुक्त को तत्काल जांच के आदेश दिए गए हैं. इस मामले में यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता पाई जाती है तो दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. जनता के विश्वास और जीवन की रक्षा में कोई कोताही सहन नहीं की जाएगी.

क्या है पूरा मामला?
शुभम की तबीयत अचानक बिगड़ने पर परिजन उसे ग्वालदम अस्पताल ले गए, जहां सुविधाओं के अभाव में इलाज नहीं हो सका. वहां से उसे बैजनाथ अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन वहां भी कोई इलाज नहीं मिला. इसके बाद परिजन बागेश्वर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां दिनेश के अनुसार डॉक्टर मोबाइल पर व्यस्त थे और नर्सें आपस में हंसी-मजाक कर रही थीं. इमरजेंसी में भी डॉक्टर ने शुभम का ठीक से इलाज नहीं किया और उसे अल्मोड़ा रेफर कर दिया. बागेश्वर में दो घंटे (शाम 7 से 9 बजे) तक एंबुलेंस नहीं मिली. 9:30 बजे एंबुलेंस मिलने पर परिजन अल्मोड़ा पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बच्चे का इलाज किया और व्यवहार भी अच्छा रखा, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया गया. हल्द्वानी में शुभम को वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन 16 जुलाई को डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया

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