यह ख़बर 18 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

रांची वनडे : अपने घर में इंग्लैंड को धूल चटाना चाहेंगे धोनी

खास बातें

  • महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम शनिवार को रांची में तीसरा वनडे खेलेगी और उसका एकमात्र मकसद कप्तान के शहर में पहली बार हो रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच को जीतना होगा।
रांची:

कोच्चि में खेले गए दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में इंग्लैंड पर प्रभावशाली जीत दर्ज करने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के गृहनगर रांची में है। धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम शनिवार को रांची में खेलेगी और उसका एकमात्र मकसद कप्तान के शहर में पहली बार हो रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच को जीतना होगा।

एचईसी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम कॉम्पलेक्स में होने वाले इस मैच को जीतकर भारतीय टीम पांच मैचों की इस शृंखला में 2-1 की बढ़त हासिल कर सकती है और वर्षों से इस अहम क्षण का इंतजार कर रहे रांचीवासियों को शानदार तोहफा दे सकती है।

झारखंड में इससे पहले जमशेदपुर में अंतरराष्ट्रीय मैच हुए हैं, लेकिन राजधानी रांची को पहली बार इस तरह की मेजबानी का मौका मिला है। कोच्चि में सराहनीय प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम की मुश्किलें कुछ कम होती दिख रही हैं। कप्तान धोनी के नेतृत्व में बल्लेबाजों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था, वह काबिले तारीफ है, लेकिन शीर्ष क्रम की नाकामी अब भी टीम को साल रही है। यही एक पक्ष है, जिसे लेकर भारत बीते एक साल से चिंतित रहा है।

मौसम में नमी को देखते हुए रांची में भी स्विंग और सीम गेंदबाजों को मदद मिलने के आसार हैं। ऐसे में कोच्चि में तीन विकेट लेकर इंग्लैंड के शीर्ष क्रम को धराशायी करने वाले भुवनेश्वर कुमार से फिर एक बार चमकदार प्रदर्शन की उम्मीद होगी। रांची में चूंकि पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय मैच का आयोजन हो रहा है, लिहाजा पिच को लेकर ज्यादा कुछ नहीं कहा और लिखा गया है। ऐसे में कप्तान को टीम संयोजन को लेकर सचेत रहना होगा।

वैसे कोच्चि में जीत हासिल करने वाली टीम में परिवर्तन के आसार कम दिखाई दे रहे हैं। कोच्चि में रवींद्र जडेजा का हरफनमौला प्रदर्शन भारत के लिए खुशी की खबर लेकर आया है। सालों से अदद हरफनमौला खिलाड़ी की कमी से जूझ रही भारतीय टीम को जडेजा के आत्मविश्वास से नया आत्मविश्वास मिला है। उम्मीद है कि जडेजा अपना यह प्रदर्शन रांची और आने वाले मैचों में भी जारी रखेंगे। इंग्लैंड की टीम ने राजकोट में अच्छी बल्लेबाजी और गेंदबाजी की थी, लेकिन कोच्चि एकदिवसीय में उसके बल्लेबाज स्तरीय प्रदर्शन नहीं कर सके थे।

इंग्लैंड की स्थिति भारत के उलट है। उसकी सलामी जोड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन करती रही है, लेकिन कोच्चि में उसके नाकाम होने के बाद टीम लय से भटक गई। अब रांची में कप्तान एलिस्टर कुक और इयान बेल एक बार फिर टीम को अच्छी शुरुआत देने का प्रयास करेंगे। जहां तक गेंदबाजी का सवाल है, तो कोच्चि में पारी के मध्यांतर तक अच्छी लय में दिख रहे इंग्लिश गेंदबाज अंतिम समय में लय से भटकते दिखे, जिसका फायदा धोनी और जडेजा ने उठाया तथा भारत को अच्छा स्कोर दिया।

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इंग्लिश गेंदबाजों का प्रदर्शन स्तरीय रहा है और इस कारण उनके लय में लौटने की उम्मीद है। कप्तान कुक को यह ध्यान में रखना होगा कि भारत में उनके गेंदबाजों की सफलता की गारंटी बहुत कम रहती है, क्योंकि यहां की पिचें सपाट और बल्लेबाजों को मदद पहुंचाने वाली होती हैं, लिहाजा वह अपने बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर अधिक से अधिक आश्रित रहें तो ज्यादा बेहतर होगा।