जैसा की अब सभी को पता ही है कि भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला जीतने के लिए लगातार नेट्स में प्रैक्टिस कर रही है. पिछले कुछ समय से भारतीय टीम मैनेजमेंट का ध्यान ओपनिंग जोड़ी से हटकर मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजी पर आ गया है.
मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजी के लिए भारतीय टीम में चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली और अंजिक्य रहाणे हैं और टीम मैनेजमेंट को इसी बात की चिंता है कि पिछले दो सालों से इन तीनों से मिलकर केवल एक शतक लगाया है और इन तीनों दिग्गजों का औसत 30 से नीचे का रहा है. इस दौरान इनकी अगर औसत पर नजर डालें तो रहाणे का 24.39, पुजारा 27.38, कोहली 26.04 का रहा है. रोहित शर्मा हैमस्ट्रिंग चोट के कारण टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए हैं, ऐसे में अनुभवी बल्लेबाजों पर दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत की टीम को आगे ले जाने और पहली सीरीज जीतने का दबाव होगा.
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सेंचुरियन में रविवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट से पहले भारतीय टीम प्रबंधन के सामने एक मुश्किल है. ऐसा महसूस हो रहा है कि रहाणे (Ajinkya Rahane) के साथ टीम अपना पेशंस खोती जा रही है. दौरे से पहले रहाणे को उपकप्तानी के पद से हटाकर ये जिम्मेदारी रोहित शर्मा को दे दी गई और इसके बाद जब रोहित शर्मा (Rohit Sharma) चोटिल होकर सीरीज से बाहर हुए ये जिम्मेदारी रहाणे को ना देकर केएल राहुल को दी गई. श्रेयस अय्यर जिन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया उन्होंने रहाणे के लिए और मुश्किलें पैदा कर दी हैं.
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भारत के पूर्व क्रिकेटर प्रवीण आमरे (Pravin Amre) को लगता है कि रहाणे और अय्यर में से जो भी नेट्स में अच्छी बल्लेबाजी करता हुआ दिखाई देगा शायद टीम मैनेजमेंट उसी को पहले टेस्ट में जगह देने वाले हैं. प्रवीण आमने ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि "ये टीम मैनेजमेंट को तय करना है, प्रैक्टिस के दौरान दोनों खिलाड़ी कैसे खेलते हैं इस बात पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा. हर दौरे पर पहला टेस्ट बहुत महत्वपूर्ण होता है. दिग्गज खिलाड़ी और इन फॉर्म खिलाड़ी में से एक खिलाड़ी को चुनना हमेशा ही मुश्किल होता है ऐसे में ये ही एक तरीका होता है कि जो भी खिलाड़ी नेट्स में गेंद को अच्छे से मिडिल कर रहा हो उसे ही मौका मिलना चाहिए. कई बार टीम मैनेजमेंट कड़े फैसले भी लेता है. मुझे खुद 11 टेस्ट में बाहर बैठने के बाद खेलने का मौका मिला था" .
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