हमने यह बड़ा जुआ खेला और यह काम कर गया, कोच चंद्रकांत पंडित ने खोला रणजी ट्रॉफी जीतने के राज़

आदित्य श्रीवास्तव की अगुवाई वाली टीम ने 41 बार की रणजी चैंपियन रह चुकी मुंबई को घरेलू क्रिकेट के इस सबसे बड़े मुकाबले में रविवार को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में पटखनी दी और मध्यप्रदेश के गठन के साढ़े छह दशक के लम्बे अंतराल के बाद पहला रणजी खिताब अपने नाम किया.

हमने यह बड़ा जुआ खेला और यह काम कर गया, कोच चंद्रकांत पंडित ने खोला रणजी ट्रॉफी जीतने के राज़

चंद्रकांत पंडित अपनी कोचिंग में छह रणजी खिताब जीत चुके हैं

खास बातें

  • हाल ही में मध्य प्रदेश ने जीती पहली बार रणजी ट्रॉफी
  • चंद्रकांत पंडित की हो रही है जमकर तारीफ
  • अपनी कोचिंग में छह रणजी खिताब जीत चुके हैं चंद्रकांत
इंदौर:

पिछले दिनों मध्य प्रदेश रणजी ट्रॉफी जीतने वाली टीम के कोच चंद्रकांत पंडित (Chandrakant Pandit) को लेकर चौतरफा चर्चा हो रही है. हर कोई इस तरह की  बातें कर रहा है कि आखिरकार चंद्रकांत पंडित के हाथ ऐसा कौन सा फॉर्मूला लग गाय है, जिससे इस कोच ने अपनी मार्ग-दर्शन में छह खिताब जिता दिए हैं. बातें इस तरह की भी हो रहीं हैं कि आखिरकार बीसीसीआई (BCCI) ने पंडित की सेवाएं राष्ट्रीय स्तर पर क्यों नहीं ली  हैं. बहरहाल, अब पंडित ने अपने मुख्य फॉर्मूले के बारे में तो कुछ नहीं बताया लेकिन मध्य प्रदेश के खिताब जीतने के पीछे का राज जरूर खोल दिया है. पंडित सोमवार रात इंदौर के होलकर स्टेडियम में मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) द्वारा विजेता टीम के भव्य स्वागत समारोह को संबोधित कर रहे थे. आदित्य श्रीवास्तव की अगुवाई वाली टीम ने 41 बार की रणजी चैंपियन रह चुकी मुंबई को घरेलू क्रिकेट के इस सबसे बड़े मुकाबले में रविवार को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में पटखनी दी और मध्यप्रदेश के गठन के साढ़े छह दशक के लम्बे अंतराल के बाद पहला रणजी खिताब अपने नाम किया.

मध्यप्रदेश के पहले रणजी खिताब के प्रमुख शिल्पकार कोच चंद्रकांत पंडित ने कहा है कि उनकी टीम ने फाइनल में दिग्गज मुंबई के खिलाफ चार गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरने का‘जुआ' खेला और आखिरकार ट्रॉफी जीतने में सफल रही. पंडित ने रणजी फाइनल के कश्मकश भरे पलों को याद करते हुए कहा,‘मैं फाइनल से पहले अपनी टीम में गेंदबाजों की संख्या को लेकर खुद दुविधा में था. चिंतित कप्तान श्रीवास्तव ने मुझसे कहा कि वह केवल चार गेंदबाजों के साथ मैच संभाल नहीं सकेंगे और मुझे उन्हें एक और तेज गेंदबाज देना ही होगा.'

कोच ने बताया कि उन्होंने अपनी दुविधा दूर करने के लिए मध्यप्रदेश के वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक संजय जगदाले को फोन किया. उन्होंने बताया,‘जगदाले मुझसे बोले कि अगर मेरा दिल कहता है कि मैं फाइनल में चार गेंदबाजों के साथ टीम उतारूं, तो मुझे इसी योजना पर आगे बढ़ना चाहिए.'पंडित ने कहा,‘हमने चुनौती स्वीकार करते हुए तय किया कि हम चार गेंदबाजों के साथ ही फाइनल खेलेंगे क्योंकि अगर मुंबई की टीम अच्छे बल्लेबाजों से लैस है, तो जवाब में हमारे पास भी अच्छे बल्लेबाज हैं. हमने एक जुआ खेला. ईश्वर ने हमें अपना आशीर्वाद दिया.'


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