वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि अब वह दोबारा कोच पद के आवेदन नहीं करेंगे.
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कोच नहीं बनने के पीछे के कारणों का खुलासा किया है. पूर्व ओपनर ने कहा कि बीसीसीआई में शामिल अधिकारियों का संरक्षण नहीं मिलने के कारण वह भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच बनने से चूक गए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब वह दोबारा इस पद के लिए आवेदन नहीं करेंगे.
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'कोच चुनने वालों से कोई सेटिंग नहीं थी'
सहवाग इस पद की दौड़ में रवि शास्त्री से पिछड़ गए. रवि शास्त्री को कप्तान विराट कोहली की पसंद माना जा रहा था. यह फैसला हालांकि सर्वसम्मत नहीं था और क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में शामिल पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली इसके खिलाफ थे. सहवाग ने एक चैनल से चैट शो के दौरान कहा, देखिए मैं कोच इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि जो भी कोच चुन रहे थे उनसे मेरी कोई सेटिंग नहीं थी. इस पूर्व आक्रामक सलामी बल्लेबाज ने दावा किया कि जब वह इस पद के लिए आवेदन कर रहे थे तब बीसीसीआई के एक वर्ग ने उन्हें भटका दिया था.
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'मुझे कोच बनने की पेशकश की गई थी'
सहवाग ने खुलासा किया, मैंने कभी भारतीय क्रिकेट टीम को कोचिंग देने के बारे में नहीं सोचा था. मुझे टीम का कोच बनने की पेशकश की गई थी. बीसीसीआई के (कार्यवाहक) सचिव अमिताभ चौधरी और महाप्रबंधक (खेल विकास) एमवी श्रीधर मेरे पास आए थे और मुझे इस पेशकश के बारे में सोचने का आग्रह किया था. मैंने समय लिया और इसके बाद इस पद के लिए आवेदन किया. उन्होंने दावा किया कि इस पद के लिए आवेदन करने से पहले उन्होंने भारतीय कप्तान विराट कोहली से भी सलाह मशविरा किया था.
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विराट से भी हुई थी बात
सहवाग ने कहा, मैंने विराट कोहली से भी बात की थी. उसने मुझे आगे बढ़ने को कहा था. इसके बाद ही मैंने आवेदन किया था. अगर आप मेरा नजरिया पूछो तो मैं कहूंगा कि मेरी इसमें कभी रुचि नहीं थी. उन्होंने कहा, मैंने सोचा कि वे आग्रह कर रहे हैं इसलिए मुझे उनकी मदद करनी चाहिए. मैंने कभी स्वयं आवेदन के बारे में नहीं सोचा और न ही कभी भविष्य में आवेदन करूंगा. सहवाग ने साथ ही कहा कि शास्त्री ने शुरुआत में उन्हें कहा था कि वे इस पद के लिए आवेदन नहीं करेंगे और अगर उन्हें पहले से उनके इरादे का पता होता तो वह अपना नाम नहीं भेजते.
इनपुट: भाषा
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'कोच चुनने वालों से कोई सेटिंग नहीं थी'
सहवाग इस पद की दौड़ में रवि शास्त्री से पिछड़ गए. रवि शास्त्री को कप्तान विराट कोहली की पसंद माना जा रहा था. यह फैसला हालांकि सर्वसम्मत नहीं था और क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में शामिल पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली इसके खिलाफ थे. सहवाग ने एक चैनल से चैट शो के दौरान कहा, देखिए मैं कोच इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि जो भी कोच चुन रहे थे उनसे मेरी कोई सेटिंग नहीं थी. इस पूर्व आक्रामक सलामी बल्लेबाज ने दावा किया कि जब वह इस पद के लिए आवेदन कर रहे थे तब बीसीसीआई के एक वर्ग ने उन्हें भटका दिया था.
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'मुझे कोच बनने की पेशकश की गई थी'
सहवाग ने खुलासा किया, मैंने कभी भारतीय क्रिकेट टीम को कोचिंग देने के बारे में नहीं सोचा था. मुझे टीम का कोच बनने की पेशकश की गई थी. बीसीसीआई के (कार्यवाहक) सचिव अमिताभ चौधरी और महाप्रबंधक (खेल विकास) एमवी श्रीधर मेरे पास आए थे और मुझे इस पेशकश के बारे में सोचने का आग्रह किया था. मैंने समय लिया और इसके बाद इस पद के लिए आवेदन किया. उन्होंने दावा किया कि इस पद के लिए आवेदन करने से पहले उन्होंने भारतीय कप्तान विराट कोहली से भी सलाह मशविरा किया था.
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विराट से भी हुई थी बात
सहवाग ने कहा, मैंने विराट कोहली से भी बात की थी. उसने मुझे आगे बढ़ने को कहा था. इसके बाद ही मैंने आवेदन किया था. अगर आप मेरा नजरिया पूछो तो मैं कहूंगा कि मेरी इसमें कभी रुचि नहीं थी. उन्होंने कहा, मैंने सोचा कि वे आग्रह कर रहे हैं इसलिए मुझे उनकी मदद करनी चाहिए. मैंने कभी स्वयं आवेदन के बारे में नहीं सोचा और न ही कभी भविष्य में आवेदन करूंगा. सहवाग ने साथ ही कहा कि शास्त्री ने शुरुआत में उन्हें कहा था कि वे इस पद के लिए आवेदन नहीं करेंगे और अगर उन्हें पहले से उनके इरादे का पता होता तो वह अपना नाम नहीं भेजते.
इनपुट: भाषा
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