पिछले हफ्ते ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खत्म हुई टेस्ट सीरीज के साथ ही भारतीय टीम से जुड़ी नाउम्मीदी की बातें भी खत्म होती जा रही हैं। अगले महीने शुरू होने वाले आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप, 2015 और उससे पहले ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत के बीच होने वाली त्रिकोणीय शृंखला से पहले भारत के पहले वर्ल्डकप विजेता कप्तान कपिल देव ने मौजूदा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टीम से फिर जीत की उम्मीद जताई है।
धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले को बेहद बोल्ड फैसला मानते हुए कपिल देव ने कहा, धोनी चाहते तो आसानी से 100 टेस्ट मैच खेल सकते थे, लेकिन उन्होंने 90 टेस्ट के बाद ही आंकड़ों की परवाह किए बगैर टेस्ट को अलविदा कह दिया... कपिल का कहना है कि जो काम वह खुद या उनके जैसे कई अन्य क्रिकेटर नहीं कर सके, धोनी ने वह कर दिखाया।
पूर्व टेस्ट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी आखिरी पारी में शतक या अर्द्धशतक नहीं बनाया, लेकिन उनके आखिरी टेस्ट को उनके रन, विकेट के पीछे कैच या स्टम्प से ज्यादा दूसरी वजहों के लिए याद किया जाएगा। अपने 90वें टेस्ट के बाद धोनी ने पांच दिनों के क्लासिक क्रिकेट को अलविदा कहा तो संन्यास की वजहों को लेकर कई तरह के कयास लगाए गए और विवाद भी हुए, लेकिन ज्यादातर जानकारों ने इसे धोनी का बहुत बोल्ड फैसला माना।
कपिल ने कहा, धोनी ने जो कुछ किया है, उससे एडमिनिस्ट्रेटर्स भी सबक ले सकते हैं। धोनी को देखकर अब अधिकारी 30 साल या पूरी जिन्दगी कुर्सी पर जमे रहने का फैसला छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि वक्त आ गया है कि टीम इंडिया दो या तीन कप्तानों की नीति पर विचार करे। उन्होंने अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान के रखे जाने के फॉमूले पर विचार का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि ऐसा वक्त भी आ सकता है कि टीम इंडिया में नॉन-प्लेइंग कप्तान के रखे जाने पर विचार किया जाए।
कोलकाता में चौथे पटौदी मेमोरियल लेक्चर के दौरान बोलते हुए कपिल ने पूर्व कप्तान टाइगर मंसूर अली खान पटौदी की भी तारीफ की। कपिल ने वर्ल्डकप में टीम इंडिया की जीत की उम्मीद जताई और टीम को सबसे बड़े टूर्नामेंट के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
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