पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पेसर ब्रेट ली (Brett Lee) को सबसे महान तेज गेंदबाजों में से एक माना जाता है. ली ने अपने शानदार करियर के दौरान कई विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान किया है. उन्होंने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), जैक कैलिस, वीरेंद्र सेहवाग (Virendra Sehwag) और यहां तक विराट कोहली (Virat Kohli).. के खिलाफ गेंदबाजी कर चुनौती पेश की है. हालांकि ली के अनुसार भारत के महान क्रिकेटर तेंदुलकर उनके लिए सबसे मुश्किल बल्लेबाज रहे. इसके बावजूद मास्टर ब्लास्टर को सबसे ज्यादा बार (14 बार) ब्रेट ली ने ही आउट किया है.
सचिन के अलावा एक और भारतीय बल्लेबाज है, जिसका बैट ली सर्वोच्च सम्मान करते हैं. वो बल्लेबाज भारत (Team India) के लिए वनडे में सचिन तेंदुलकर के साथ ओपनिंग पार्टनर हुआ करते थे – वीरेंद्र सहवाग. तेंदुलकर की तरह बैट ली ने सहवाग के खिलाफ भी कई लड़ाई लड़ी है. इसमें सबसे चर्चित 2003 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच (Boxing Test Match) होगा, जिसमें सहवाग ने 195 रन की पारी खेली थी.
ली ने अपने यूट्यूब चैनल ‘ब्रेट ली टीवी' पर कहा, "आप क्रूर शब्द के बारे में सोचते हैं. आप swashbuckling शब्द के बारे में सोचते हैं. अप्रत्याशित शब्द के बारे में सोचो, मैं वीरेंद्र सहवाग के अलावा ये किसी और के बारे में नहीं सोचता. वह अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ खेला करते, इरादे से ... उस प्रकार का खिलाड़ी जो मैच की पहली गेंद पर छक्का मारना चाहता हो... और उसने ऐसा किया है. वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिसे गेंदबाजी करना इतना कठिन है क्योंकि जैसा कि मैंने उल्लेख किया है, अप्रत्याशितता. आप उस खूबसूरत लाइन और लेंथ में गेंदबाजी करेंगे जो मैंने किया है ये सोचकर की विकेट मिलेगा... गेंद आकार ले रही थी. और बड़ी मुस्कान लेकर सहवाग ने बैंग, आपको कवर्स पर छक्का लगा."
जब सहवाग (Virendra Sehwag) ने करियर की शुरुआत की उनकी बल्लेबाजी शैली सचिन तेंदुलकर से बिलकुल मेल खाती थी. बल्कि सबसे लंबे समय तक वो दोनों जब भारत (Indian Cricket Team) के लिए ओपनिंग करने उतरे तो लोग दोनों में अंतर नहीं कर पाते थे. बेशक, सालों में यह बदल गया और सहवाग अपनी रिकॉर्ड-तोड़ पारी की बदौलत और अपनी खुद की विरासत को तराशने के लिए तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की छाया से बाहर आने में सक्षम हुए. ली ने जब पहली बार सहवाग को देखा तो उन्हें वो तेंदुलकर की हुबहु छवि के रूप में दिखाई दिए.
ली ने कहा, "वह व्यक्ति जो बल्लेबाजी करते समय सचिन तेंदुलकर जैसा दिखता था. और मैंने सोचा ‘ये लो. एक और सचिन तेंदुलकर. जैसे एक काफी नहीं था, जो हमारे लिए दूसरा आ गया है और वह ओपनिंग कर रहा है." ऑस्ट्रेलियाई टीम में हमारे पास सहवाग के लिए एक चाल थी और यहां तक कि एक तीसरे व्यक्ति के साथ टेस्ट मैच की शुरुआत भी की थी. मैंने सोचा कि 'यह आदमी बहुत अच्छा है'. सहवाग के बारे में सबसे अच्छी बात यह थी कि वह एक कैरेक्टर थे. उन्हें क्रिकेट खेलना पसंद था और गेंदबाज के खिलाफ वो छोटी लड़ाई लड़ाना. उनमें लोगों को सीटों से चिपकाने की क्षमता है."
उन्होंने कहा, "बहुत से लोगों ने पूछा, 'क्या वह एक वनडे क्रिकेटर है, या एक टी20 क्रिकेटर है? मुझे ऐसा नहीं लगता है. मुझे लगता है कि वह टेस्ट क्रिकेट के लिए पूरी तरह से अनुकूल थे क्योंकि गेंदबाजी करते समय गेंदबाज के रूप में सबसे कठिन चीज थी कि एक टेस्ट मैच की पहली गेंद, आप लय की तलाश करने की कोशिश कर रहे होते हैं. आप जब वह करते हैं और आपकी पहली गेंद चौके के लिए जाती है, यह वास्तव में एक गेंदबाज के दिमाग में बहुत कुछ कर सकता है. मैंने मैदान पर कुछ बेहतरीन लड़ाइयां की हैं, वह एक शानदार व्यक्ति है. वीरेंद्र सहवाग, आप एक सुपरस्टार हैं और मुझे उम्मीद है कि और भी कई बल्लेबाज होंगे जो आपकी बल्लेबाजी शैली का अनुकरण करेंगे."
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