यह ख़बर 26 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मैंगलोर से मेलबर्न तक का लोकेश राहुल का सफर

भारत के 284वें टेस्ट खिलाड़ी लोकेश राहुल को टेस्ट कैप देते कप्तान महेंद्र सिंह धोनी

नई दिल्ली:

मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट शुरू होने के पहले भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और उनके पीछे पूरी टीम इंडिया एक साथ खड़ी हुई। मौक़ा ख़ास था। 22 साल के दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज़ केएल यानी कन्नौर लोकेश राहुल को धोनी ने टेस्ट कैप दिया। लंबे कद के राहुल भारत के 284वें टेस्ट खिलाड़ी हैं। उन्हें रोहित शर्मा की जगह टीम में शामिल किया गया है। हालांकि राहुल को शायद इस टेस्ट में ओपनिंग करने का मौक़ा नहीं मिले। उन्हें नंबर-6 पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजा जाएगा।

बेहद मृदुभाषी राहुल पढ़ाई में भी अच्छे रहे हैं। 11 साल सी उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया। मैंगलोर में उन्होंने टेनिस बॉल से शुरुआत की। दक्षिण कर्नाटक क्रिकेट संघ के नेहरू मैदान पर सैमुअल जयराज उनके पहले कोच थे। राज्य के अंडर-13 टूर्नामेंट में दो दोहरे शतक लगाकर उन्होंने बता दिया था कि वह लंबी रेस का घोड़ा बनने का माद्दा रखते हैं। राहुल जब 17 साल के हुए तो बेंगलुरु आ गए।

लोकेश राहुल 2010 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेले। उसी साल उन्होने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कदम रखा। रणजी ट्रॉफ़ी में लगातार अच्छे प्रदर्शन से उन्होंने चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा। साल 2013-14 में रणजी ट्रॉफ़ी में वे दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने 50 के भी ज्यादा की औसत से 1,158 रन बनाए। इसमें 3 शतक, 4 नर्वस नाइंटीज़ और फ़ाइनल में मैन ऑफ़ द मैच का खिताब शामिल था। इन आंकडों से ज़ाहिर है कि कर्नाटक को रणजी चैम्पियन बनाने में लोकेश राहुल की भूमिका अहम रही।

पिछले महीने दिलीप ट्रॉफ़ी की दोनों पारियों में उन्होंने ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी की। दक्षिण क्षेत्र की ओर से खेलते हुए उन्होंने मध्य क्षेत्र के ख़िलाफ़ पहली पारी में 185 और दूसरी में 130 रन ठोके। इस दौरान पैवेलियन में बैठे चयनकर्ताओं के लिए उन्हें नजरअंदाज़ करना मुश्किल था। लिहाज़ा इसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया का टिकट मिल गया और अब टेस्ट टीम में जगह मिल गई है।

आईपीएल में वह रॉयल चैलंजर्स बैंगलोर की ओर से खेलते थे। पिछली नीलामी में उन्हें खरीदने के लिए ज़बरदस्त होड़ लगी और आखिरकार सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें एक करोड़ में खरीदा।

पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ लोकेश राहुल की तकनीकी दक्षता से खासे प्रभावित हैं। लोकेश भी द्रविड़ को अपना आदर्श मानते हैं और उनकी बल्लेबाज़ी से सीखने की कोशिश करते हैं। द्रविड़ की तरह ज़रूरत पड़ने पर विकेटकीपिंग भी कर सकते हैं।

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लोकेश राहुल के पिता डॉ लोकेश भूगर्भशास्त्र (ज्यॉलजी) और मां राजेश्वरी इतिहास की प्रोफेसर हैं। बेशक लोकेश राहुल नई पीढ़ी के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक हैं।