यह ख़बर 18 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

आईपीएल : तेज गेंदबाज प्रदीप सांगवान डोप परीक्षण में फेल

खास बातें

  • बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘हां, प्रदीप सांगवान को इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान प्रतिबंध पदार्थों के सेवन का दोषी पाया गया है। बीसीसीआई इस संबंध में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को पत्र भेज चुका है। उसके ‘ए’ नमूने मे
नई दिल्ली:

स्पॉट फिक्सिंग के कारण चर्चा में रहे छठे इंडियन प्रीमियर लीग को दिल्ली एवं कोलकाता नाइटराइडर्स के बायें हाथ के तेज गेंदबाज प्रदीप सांगवान रैंडम डोप परीक्षण में प्रतिबंधित दवा सेवन के दोषी पाए जाने के बाद अब डोपिंग का डंक लगा है। आईपीएल के इतिहास में सांगवान दूसरे क्रिकेटर हैं जिन्हें प्रतिबंधित दवा सेवन का दोषी पाया गया है। इससे पहले पाकिस्तानी तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ को आईपीएल में डोपिंग में पकड़ा गया था।

बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘हां, प्रदीप सांगवान को इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान प्रतिबंध पदार्थों के सेवन का दोषी पाया गया है। बीसीसीआई इस संबंध में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को पत्र भेज चुका है। उसके ‘ए’ नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ मिला है।’

अधिकारी से पूछा गया कि यह केवल प्रतिबंधित दवा है या शक्तिवर्धक दवा, उन्होंने कहा, ‘हम ‘बी’ नमूने के परीक्षण के बाद ही यह जान पाएंगे। आपने अन्य खेलों में भी देखा होगा कि ‘बी’ नमूने का परीक्षण अमूमन वही परिणाम दिखाता है जो ‘ए’ नमूने का रहता है। एक चीज स्पष्ट है कि बीसीसीआई का डोप में पकड़े गए खिलाड़ी के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति है लेकिन अभी हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते कि दोषी खिलाड़ी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।’

नजफगढ़ के रहने वाले सांगवान ने पिछले आईपीएल में रायल चैलेंजर्स बेंगलूर और सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ दो मैच खेले थे। वह आईपीएल के इन दोनों मैचों में एक भी विकेट नहीं ले पाये थे। बीसीसीआई हालांकि वाडा (विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी) या इसके राष्ट्रीय सहभागी नाडा (राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी) के तहत नहीं आता है लेकिन उनकी खुद की डोपिंग रोधी एजेंसी है।

आईसीसी की प्रतियोगिताओं की तरह ही आईपीएल में भी मैचों से पहले और बाद में रैंडम डोपिंग परीक्षण होते हैं। आईपीएल के दौरान सांगवान के कंधे में चोट लग गई थी और उन्होंने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम में भाग लिया था।
अभी वह ऑपरेशन के लिए ब्रिटेन गए हुए हैं। वह टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे। क्रिकेट जगत में डोपिंग का सबसे बड़ा विवाद तब पैदा हुआ था जब 2003 में विश्वकप से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर शेन वार्न डोप परीक्षण में नाकाम रहे थे।

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इसके बाद पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर और मोहम्मद आसिफ भी भारत में 2006 में हुई चैंपियन्स ट्रॉफी से पहले डोप परीक्षण में असफल रहे थे।