भारत के पूर्व स्पिनर अमित मिश्रा ने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-2 से मिली हार के बाद जोर देते हुए कहा है कि सीनियर खिलाड़ियों को ज्यादा जिम्मेदारी लेनी चाहिए. और इन वरिष्ठों को टीम के जूनियर खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करना चाहिए. साथ ही, मिश्रा से सीनियर और जूनियर दोनों से ही हालात और विरोधी टीम की गेंदबाजी के हिसाब से बल्लेबाजी करने की अपील की. मिश्रा ने भारत के लिए 22 टेस्ट में 76 विकेट लिए, तो 68 वनडे में 156 विकेट चटकाए. नवंबर में दक्षिण अफ्रीका के हाथों मिली 0-2 की हार एक और बड़ा धब्बा है. इससे पहले पिछले साल न्यूजीलैंड ने भारत को उसके घर में 0-3 से मात दी थी.
मिश्रा ने एक पोडकास्ट में कहा, 'हमें हालात और पिच के हिसाब से बैटिंग करनी होगी. हर पिच आपको 200-220 रन बनाने की इजाजत नहीं देगी. कुछ मैच 140 के स्कोर के साथ भी जीते जा सकते हैं. अब जबकि टीम में अनुभवहीन खिलाड़ी भी हैं, तो ऐसे में वरिष्ठों को आगे आकर जिम्मेदारी लेने के साथ ही उन्हें युवा बल्लेबाजों का भी मार्गदर्शन करना होगा. सीनियरों को बताना होगा कि कौन सा शॉट खेना है, किस बॉलर को टारगेट करना है और किन गेंदों का सम्मान करना है'
भारत के स्पिनरों की मददगार पिच के इस्तेमाल पर पूर्व स्पिनर ने धैर्य का परिचय दिए जाने पर जोर देने की बात हुए स्तरीय गेंदबाजी का सम्मान करने का सुझाव दिया. अमित ने कहा, 'हम सालों से ऐसी पिचों पर खेल रहे हैं. खिलाड़ियों को परिपक्वता का परिचय देने, धैर्य दिखाने और अच्छे गेंदबाजों का सम्मान करने की जरूरत है. वहीं, कोचों को भी इन बल्लेबाजों के भीतर सही मनोदशा का संचार करने की जरूरत है.'
वहीं, मिश्रा ने गंभीर और स्टॉफ की हो रही आलोचना का बचा करते हुए कहा, 'गंभीर और इनके साथ स्टॉफ के लोगों को समय दिए जाने की जरूरत है. ऐसा नहीं है कि इनके नेतृत्व में टीम ने जीत हासिल नहीं की है. हमने एशिया कप के साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती. खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. सीनियरों को युवाओं का मार्गदर्शन करना चाहिए और जूनियरों को आगे आकर जिम्मेदारी लेनी चाहिए. कोच मैदान पर जाकर नहीं खेल सकते. ये खिलाड़ी ही होते हैं, जिन्हें मैदान पर रणनीति को अमलीजामा पहनाना होता है. खेल के उतार-चढ़ावों को समझकर सही फैसले लेने होते हैं.'
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