
भारतीय टेस्ट टीम में सेलेक्शन का आखिरी चयन ट्रॉयल यानी पांच दिनी ईरानी ट्रॉफी मुकाबला रणजी ट्रॉफी और मध्य प्रदेश के बीच बुधवार को ग्वालियर में शुरू हो गया. और पहले ही दिन शेष भारत ने टॉस जीतने के बाद खेल खत्म होने के समय 3 विकेट पर 381 रन बना बना लिए. कप्तान मयंक अग्रवाल (2) तो सस्ते में आउट हो गए, लेकिन अभिमन्यु ईश्वर (154) और युवा लेफ्टी यशस्वी जयसवाल (213) ने बेहतरीन पारियों से मध्य प्रदेश को पस्त करते हुए बहुत ही शानदार अंदाज में भारतीय टेस्ट टीम दरवाजा खटखटाया है. दिन के खेल की समाप्ति पर सौरभ कुमार (नाबाद 0) और बाबा इंद्रजीत (9) पिच पर जमे हुए थे. लेकिन दिन का आकर्षण यशस्वी जयसवाल की आतिशी पारी रही और जिस बेहतरीन स्ट्राइक-रेट से उन्होंने दोहरा शतक बनाया, वह बताने के लिए काफी है कि अब इस लेफ्टी को ज्यादा दिन टेस्ट टीम से दूर नहीं रखा जा सकता.
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— Rajasthan Royals (@rajasthanroyals) March 1, 2023
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जयसवाल ने आवेश खान की गेंद पर बोल्ड होने से पहले 30 चौकों और 3 छक्कों से 259 गेंदों पर 213 रन की पारी खेली. जयसवाल सौ के स्ट्राइक-रेट से कुछ ही दूर रह गए, लेकिन उन्होंने 82.23 के स्ट्राइक रेट से दोहरा शतक बनाकर दिखाया कि भारत की अगली पीढ़ी की टेस्ट क्रिकेट के प्रति एप्रोच कैसी हो चली है.
इससे पहले जयसवाल ने मौके को दोनों हाथों से भुनाते हुए 158 गेंदों पर शतक जड़ा, लेकिन यहां से और तेज बल्लेबाजी की. और यशस्वी के अगले सौ रन सिर्फ 66 रन पर बनाए. शतक बनाने के बाद जयसवाल का अंदाज एकदम से वनडे शैली में बदल गया और उन्होंने ताबड़तोड़ अंदाज में गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाया. और जब वह आवेश की गेंद पर आउट हुए, तब तक वह शेष भारत को मजबूत करने के साथ ही बहुत ही दमदार अंदाज में भारतीय टीम का दरवाजा खटखटा चुके थे.
गुजरे सेशन में कुछ ऐसा रहा था प्रदर्शन
पिछले साल की तुलना में जयसवाल का प्रदर्शन नीचे गया. उन्होंने मुंबई के लिए खेले 5 रणजी ट्रॉफी मैचों में 45.00 के औसत से 315 रन बनाए. उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 162 का रहा. और उन्होंने एक शतक और एक अर्द्धशतक बनाया, लेकिन जयसवाल पिछले सीजन में ही ऐसी धमाकेदार पारियां खेल चुके थे कि उनका स्वत: ही शेष भारत टीम में चयन बनता था. और जब उन्हें मौका बड़े मंच पर मिला, तो उन्होंने बहुत ही प्रचंड तरीके से जवाब दिया
साल 2021-22 में थे आठवें सबसे बड़े स्कोरर
जयसवाल ने पिछले घरेलू सीजन में ही जोरदार तरीके से दस्तक दे दी थी. वह घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में आठवे नंबर के बल्लेबाज थे. हालांकि, वह तीन ही मैच खेले थे, लेकिन इन मैचों में उन्होंने 83 के औसत से तीन शतक और 1 अर्द्धशतक से 498 रन बनाए थे, लेकिन पिछले सीजन में जयसवाल को शेष भारत की इलेवन में जगह नहीं मिली थी. और जब इस बार उन्हें मौका मिला, तो उन्होंने इसे जबर्दस्त अंदाज में भुनाया है. साथ ही, जयसवाल ने इस पारी से साबित किया कि वह मुंबई के लिए बतौर ओपनर भी रन बनाना जानते हैं, तो नंबर तीन पर भी खेलने से उनकी बैटिंग शैली पर कोई असर नहीं पड़ता. जयसवाल यहां नंबर तीन पर खेलने उतरे थए.
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