यह ख़बर 22 अप्रैल, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सुप्रीम कोर्ट ने मुद्गल समिति से पूछा, क्या वह श्रीनिवासन और अन्य की जांच करेगी

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने आज जस्टिस मुद्गल समिति से पूछा कि क्या वह आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में एन श्रीनिवासन और 12 अन्य के खिलाफ आगे जांच करने की इच्छुक है। कोर्ट ने जवाब देने के लिए समिति को मंगलवार, 29 अप्रैल तक का समय दिया है।

न्यायमूर्ति एके पटनायक की पीठ ने कहा कि समिति यदि उन 13 व्यक्तियों के खिलाफ जांच के लिए राजी हो जाती है, जिनके नाम इस मामले पर शुरुआती जांच के बाद दिये गए सीलबंद लिफाफे में दर्ज हैं तो उसे जांच एजेंसियों से सहायता मुहैया कराई जाएगी।

बोर्ड ने कोर्ट को यह भी बताया कि उसने मामले की आगे जांच के लिए तीन सदस्यीय पेनल बनाने का फैसला किया है, लेकिन पीठ ने कहा कि वह सभी पक्षों को सुनने और जस्टिस मुद्गल समिति का जवाब मिलने के बाद ही फैसला देगी।

बोर्ड की कार्यसमिति ने 20 अप्रैल को हुई आपात बैठक में तय किया गया कि भारत के पूर्व हरफनमौला रवि शास्त्री, कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएन पटेल और सीबीआई के पूर्व निदेशक आर के राघवन जांच समिति के सदस्य होंगे।

पीठ ने श्रीनिवासन और बीसीसीआई को जस्टिस मुद्गल समिति से श्रीनिवासन, एमएस धोनी और आईपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर रमन की बातचीत का कुछ हिस्सा सुनने की भी अनुमति दे दी।

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पीठ ने जांच समिति को आडियो रिकार्डिंग सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को सौंपने के लिए कहा जो इसका इंतजाम करेंगे कि बीसीसीआई और श्रीनिवासन के वकील कोर्ट में ही इसे सुन सकें।