नई दिल्ली:
फिरोजशाह कोटला मैदान पर मंगलवार को होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण के 32वें मुकाबले में अपनी पहली जीत से उत्साहित मेजबान दिल्ली डेयरडेविल्स का मुकाबला किंग्स इलेवन पंजाब से होगा।
इस मुकाबले के जरिये जहां किंग्स इलेवन तालिका में अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश करेगी, वहीं डेयरडेविल्स छह मैचों के बाद मुम्बई इंडियंस पर मिली शानदार जीत के बाद अब जीत के क्रम को बनाए रखने का प्रयास करेगी।
किंग्स इलेवन ने अब तक छह मुकाबले खेले हैं। तीन में उसे जीत और तीन में हार का सामना करना पड़ा है। मोहाली में खेले गए अपने अंतिम मुकाबले में किंग्स इलेवन ने पुणे वॉरियर्स पर शानदार जीत दर्ज की थी।
वहीं, अपने पिछले मुकाबले में लगातार छह मैचों से चले आ रहे हार के क्रम को तोड़ने वाली डेयरडेविल्स एक जीत और छह हार के साथ अंक तालिका में अंतिम पायदान पर है। डेयरडेविल्स ने अपने पिछले मुकाबले में मुंबई इंडियंस को नौ विकेट से हराया था।
दोनों ही टीमों ने अपने पिछले मुकाबले में शानदार जीत हासिल की है। डेयरडेविल्स के बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और माहेला जयवर्धने ने शानदार पारियां खेलकर अपनी टीम को संस्करण की पहली जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
मुंबई इंडियंस के खिलाफ हुए मुकाबले को छोड़ दे, तो अन्य मुकाबलों में डेयरडेविल्स के लिए कुछ भी सही नहीं गया। बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी, हर मोर्चे पर वह फेल रहे थे।
कुछ ऐसा ही हाल किंग्स इलेवन का था। किंग्स इलेवन की ओर से तो पहले पांच मैचों में कोई बल्लेबाज अर्धशतक भी नहीं जमा सका था। पुणे वॉरियर्स के खिलाफ किंग्स इलेवन के बल्लेबाजों ने बेहतरीन खेल दिखाया और 185 रनों के लक्ष्य को हासिल कर लय में लौटने के संकेत दिए।
कप्तान एडम गिलक्रिस्ट का अभी भी रन नहीं बना पाना उनके लिए चिंता का सबब है। मध्यक्रम डेविड मिलर के आने से टीम के बल्लेबाजी क्रम में गहराई आई है, जो किंग्स इलेवन के लिए अच्छी बात है।
गेंदबाजी में किंग्स इलेवन के पास कोई बड़ा नाम नहीं है। कोई भी गेंदबाज खास कमाल दिखाने में कामयाब नहीं रहे हैं। प्रवीण कुमार, अजहर महमूद और पीयूष चावला विरोधी बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने में नाकामयाब हुए हैं।
पिछले मैच में दोनों टीमों के प्रदर्शन को देखकर एक रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद की जा सकती है। इस संस्करण में दिल्ली में होने वाला यह आखिरी मुकाबला है और इस कारण कोटला स्टेडियम खचाखच भरे रहने की उम्मीद है।
इस मुकाबले के जरिये जहां किंग्स इलेवन तालिका में अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश करेगी, वहीं डेयरडेविल्स छह मैचों के बाद मुम्बई इंडियंस पर मिली शानदार जीत के बाद अब जीत के क्रम को बनाए रखने का प्रयास करेगी।
किंग्स इलेवन ने अब तक छह मुकाबले खेले हैं। तीन में उसे जीत और तीन में हार का सामना करना पड़ा है। मोहाली में खेले गए अपने अंतिम मुकाबले में किंग्स इलेवन ने पुणे वॉरियर्स पर शानदार जीत दर्ज की थी।
वहीं, अपने पिछले मुकाबले में लगातार छह मैचों से चले आ रहे हार के क्रम को तोड़ने वाली डेयरडेविल्स एक जीत और छह हार के साथ अंक तालिका में अंतिम पायदान पर है। डेयरडेविल्स ने अपने पिछले मुकाबले में मुंबई इंडियंस को नौ विकेट से हराया था।
दोनों ही टीमों ने अपने पिछले मुकाबले में शानदार जीत हासिल की है। डेयरडेविल्स के बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और माहेला जयवर्धने ने शानदार पारियां खेलकर अपनी टीम को संस्करण की पहली जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
मुंबई इंडियंस के खिलाफ हुए मुकाबले को छोड़ दे, तो अन्य मुकाबलों में डेयरडेविल्स के लिए कुछ भी सही नहीं गया। बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी, हर मोर्चे पर वह फेल रहे थे।
कुछ ऐसा ही हाल किंग्स इलेवन का था। किंग्स इलेवन की ओर से तो पहले पांच मैचों में कोई बल्लेबाज अर्धशतक भी नहीं जमा सका था। पुणे वॉरियर्स के खिलाफ किंग्स इलेवन के बल्लेबाजों ने बेहतरीन खेल दिखाया और 185 रनों के लक्ष्य को हासिल कर लय में लौटने के संकेत दिए।
कप्तान एडम गिलक्रिस्ट का अभी भी रन नहीं बना पाना उनके लिए चिंता का सबब है। मध्यक्रम डेविड मिलर के आने से टीम के बल्लेबाजी क्रम में गहराई आई है, जो किंग्स इलेवन के लिए अच्छी बात है।
गेंदबाजी में किंग्स इलेवन के पास कोई बड़ा नाम नहीं है। कोई भी गेंदबाज खास कमाल दिखाने में कामयाब नहीं रहे हैं। प्रवीण कुमार, अजहर महमूद और पीयूष चावला विरोधी बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने में नाकामयाब हुए हैं।
पिछले मैच में दोनों टीमों के प्रदर्शन को देखकर एक रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद की जा सकती है। इस संस्करण में दिल्ली में होने वाला यह आखिरी मुकाबला है और इस कारण कोटला स्टेडियम खचाखच भरे रहने की उम्मीद है।
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