पंजाब किंग्स की टीम भले ही आईपीएल के प्ल-ऑफ राउंड में जगह नहीं बना सकी हो, लेकिन उसके लेफ्टी सीमर अर्शदीप सिंह दिग्गजों के बीच लगातार चर्च का विषय बने हुए हैं. खासकर भारतीय टी20 टीम में चयन के बाद उनको लेकर ज्यादा बातचीत होने लगी है, तो यह गेंदबाज अपने चयन से बहुत ही खुश है. अर्शदीप की गेंदबाजी इस साल कहीं ज्यादा परिपक्वता और सुधार देखने को मिला. इस पर अर्शदीप ने कहा कि योग और ध्यान के जरिये उन्होंने एकाग्रता पाई, जिससे परफेक्ट यॉर्कर डालने में मदद मिली. इसके दम पर वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला के लिये भारत की टी20 टीम में जगह बना सके. 23 वर्ष के इस तेज गेंदबाज ने स्वीकार किया कि आईपीएल में उन्हें सफलता मिली लेकिन सब कुछ उन्हें अपनी मेहनत से अर्जित करना पड़ा. अपनी मर्जी के हिसाब से यॉर्कर डालने का हुनर कुदरती भले ही हो लेकिन आईपीएल से पहले अपने निजी कोच जसवंत राय के साथ उन्होंने इसे निखारा. योग और ध्यान से भी दबाव के पलों में शांत बने रहने में मदद मिली.
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अर्शदीप ने कहा, "ध्यान से दिमाग स्पष्ट हो जाता है. दबाव के हालात में इस स्पष्टता का कोई विकल्प नहीं है. ऐसे पलों में शांत रहने से काफी मदद मिलती है.' आईपीएल में काफी समय बिताने के बाद घर लौटकर अर्शदीप आराम कर रहे हैं, लेकिन नौ जून से दिल्ली में शुरू हो रही श्रृंखला के लिये उन्हें भारतीय टीम से जुड़ना है. इस सत्र में उन्होंने नयी गेंद की बजाय पुरानी गेंद से अधिक गेंदबाजी की क्योंकि पंजाब किंग्स ने आखिरी ओवरों में उन पर काफी भरोसा किया. टीम द्वारा सत्र से पहले बरकरार रखे गए दो खिलाड़ियों में शामिल अर्शदीप ने डैथ ओवरों में 7. 31 की औसत से गेंदबाजी की.
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उन्होंने कहा,‘मेरी भूमिका टीम संयोजन पर निर्भर करती है. मैंने नयी गेंद, बीच के ओवर और आखिरी ओवरों में भी गेंदबाजी की है.' उनके कोच जसवंत ने कहा कि अर्शदीप मिनटों में नया हुनर सीख लेते हैं और इसकी बानगी आईपीएल से पहले यॉर्कर के अभ्यास के दौरान मिली. जसवंत ने कहा, ‘मैं एक जूता क्रीज पर रखता और दूसरा स्टम्प के पास. गेंद डालते समय मैं उससे कहता था कि यॉर्कर कहां डालनी है. वह सेकंडों में तालमेल बिठा लेता और उसी जगह पर यॉर्कर डालता था. हमने आईपीएल से पहले 20 दिन तक ऐसा ही किया.' अर्शदीप को 13 बरस की उम्र से क्रिकेट का ककहरा सिखा रहे कोच ने कहा, ‘वह अपनी मां के साथ खरार से चंडीगढ रोज आता है. एक बार साइकिल खराब हो गई तो वह पैदल 12 किलोमीटर आया. उसके बाद से पता चला कि वह एक दिन कुछ खास करेगा.'
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