भारत की स्टार ओपनर स्मृति मंधाना ने श्रीलंका के खिलाफ चौथे टी20 के बाद खुलकर बताया कि वनडे क्रिकेट के लंबे शेड्यूल के बाद टी20 मोड में लौटना कितना मुश्किल था. उन्होंने कहा कि शुरुआती मैचों में शॉट्स को अंजाम देने की कोशिश में विकेट गंवाए, लेकिन शैफाली वर्मा के साथ बल्लेबाज़ी ने सब आसान कर दिया. हाल ही में शुरुआती मैचों में फ्लॉप रहने के बाद आखिरकार भारतीय उपकप्तान स्मृति मंधाना ने श्रीलंका के खिलाफ रविवार को तिरुवनंतपुरम में 80 रन की तूफानी पारी खेलकर फॉर्म हासिल कर ली ही. स्मृति ने 48 गेंदों पर 11 चौके और 3 छक्के लगाए. और प्लेयर ऑफ द मैच बनी स्मृति ने अपनी इस पारी सहित कई सवालों को डिकोड किया.
इस शानदार पारी पर स्मृति ने कहा, 'यह पारी खेलकर बहुत अच्छा लगा. हमने पिछले छह महीनों में काफी वनडे क्रिकेट खेला है, इसलिए पहले तीन मैचों में टी20 मोड में वापस आना थोड़ा मुश्किल था. मानसिक रूप से इतनी वनडे क्रिकेट खेलने के बाद यह एक अलग स्पेस होता है। नहीं, मुझे नहीं लगता कि यह उनके बारे में था.' क्या श्रीलंका ने कुछ अलग किया के सवाल पर, स्मृति बोलीं, 'यह बात मेरे पर ज्यादा लागू होती है. मेरे पास उनकी गेंदबाज़ी के खिलाफ योजन थी. मुझे पता था क्या करना है. शुरुआती कुछ मैचों में मैंने शायद अपने विकेट उन शॉट्स को खेलते हुए गंवा दिए जिनका मैं अभ्यास कर रही थी. मैं यहाँ जल्दी आई और कुछ चीज़ों पर काम किया, लेकिन चाहे आप कितना भी ट्रेनिंग करें, बीच में जाकर करना हमेशा अलग होता है.'
शेफाली के साथ रिकॉर्ड 162 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी के बारे में मंधाना बोलीं, 'शफाली के साथ बल्लेबाज़ी करना हमेशा आंखों के लिए सुखद होता है. जिस तरह उसने शुरुआत की, उसने मेरा काम बहुत आसान कर दिया. इससे मैं अपना समय ले सकी, स्ट्राइक रोटेट कर सकी और फॉर्म में आ सकी, जबकि उसने शुरुआत में ज़्यादातर बड़े शॉट लगाए. हम एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह से कॉम्प्लीमेंट करते हैं.हमें समझ है कि किसका दिन है और उसी के अनुसार खेलते हैं.
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