आर अश्विन ने मैच में 12 विकेट लेकर टीम इंडिया की जीत सुनिश्चित कर दी (सौजन्य : BCCI)
दक्षिण अफ्रीकी टीम साल 2006 के बाद से विदेशी धरती पर कोई सीरीज नहीं हारी थी। इस दौरान उसने या तो सीरीज जीती थी या ड्रॉ कराई थी। ऐसे में फ्रीडम सीरीज के नागपुर में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने उसे 124 रन से पराजित करके इतिहास रच दिया। इस प्रकार भारत ने 11 साल बाद दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट सीरीज जीती, वहीं कप्तान विराट कोहली ने अपनी पहली होम सीरीज पर कब्जा जमाया।
310 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच के तीसरे दिन दक्षिण अफ्रीकी टीम 185 रन पर ही ऑलआउट हो गई। मैच में 12 विकेट लेने वाले आर अश्विन को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया। 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत ने 2-0 की निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। चौथा टेस्ट तीन दिसंबर से दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला जाएगा।
2015 में अश्विन के नाम 50 से अधिक विकेट
आर अश्विन ने शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए नागपुर टेस्ट में 12 विकेट लिए, वहीं इस सीरीज में उनके विकेटों की संख्या 24 हो गई है। इस प्रदर्शन के बाद वे साल 2015 में सबसे अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में सबसे ऊपर पहुंच गए हैं। उन्होंने इस साल 55 विकेट लिए हैं। इससे पहले 2008 में भारत की ओर से हरभजन सिंह ने अंतिम बार एक साल में 50 विकेट झटके थे। अश्विन ने दूसरी पारी में 7 विकेट हासिल किए। उन्होंने पहली पारी में 5 विकेट झटके थे।
वहीं अमित मिश्रा ने दक्षिण अफ्रीका के 3 खिलाड़ियों को पैवेलियन की राह दिखाई। अश्विन ने वान जिल, डीन एल्गर, एबी डिविलियर्स, जेपी डुमिनी और डेन विलास को आउट किया, वहीं मिश्रा ने हाशिम अमला, फॉफ डु प्लेसिस और इमरान ताहिर को चलता किया। अमला और डु प्लेसिस दोनों ने 39 रन बनाए।
वनडे सीरीज हारने के बाद शानदार वापसी : कोहली
कप्तान विराट कोहली ने कहा कि वनडे और टी-20 सीरीज में हारने के बावजूद हमारे प्लेयर्स ने शानदार खेल दिखाया और वापसी करके सीरीज जीती। खासतौर से अश्विन स्पेशल रहे। इस समय वे विश्व के सबसे अच्छे गेंदबाज हैं।
दूसरे दिन का खेल : अश्विन ने 15वीं बार एक पारी में लिए 5 विकेट
दूसरा दिन भी गेंदबाजों के नाम रहा। खासतौर से स्पिन गेंदबाजों के। इस बीच इस मैच में विकेट गिरने के दो ऐतिहासिक रिकॉर्ड की बराबरी हो गई। वहीं ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने टेस्ट करियर में एक पारी में 15वीं बार 5 विकेट हासिल कर लिए।
एक दिन में गिरे 20 विकेट
यदि दूसरे दिन के खेल पर नजर डाली जाए, तो दिनभर में कुल 20 विकेट गिरे, वहीं कुल 273 रन बने। इससे पहले साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई टेस्ट में एक दिन में 20 विकेट गिरे थे। यह भारत में एक दिन में सबसे अधिक विकेट गिरने का रिकॉर्ड है।
पहले दो दिन में 32 विकेट का रिकॉर्ड
नागपुर टेस्ट के पहले दो दिन में कुल 32 विकेट गिरे। ऐसा क्रिकेट इतिहास में तीसरी बार हुआ है। इससे पहले 2007 में पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए टेस्ट मैच में ऐसा हुआ था। पहली बार यह रिकॉर्ड 1912 में बना था।
दूसरी पारी में भी टीम इंडिया की फिर वही कहानी
दक्षिण अफ्रीका के बाद टीम इंडिया के बल्लेबाज भी स्पिन विकेट पर संघर्ष करते नजर आए। पहली पारी की तरह ही 'तू चल मैं आया' तर्ज पर एक के बाद एक विकेट गिरते गए। चेतेश्वर पुजारा (31) और शिखर धवन (39) के अलावा कोई भी बल्लेबाज नहीं टिका। रोहित शर्मा (23), विराट कोहली (16), अजिंक्य रहाणे (9), रिद्धिमान साहा (7) और रवींद्र जडेजा (5) का निजी स्कोर देखकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारी बल्लेबाजी का स्तर कैसा रहा। वो तो भला हो, दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों और उनके स्पिनरों का जो हमसे भी खराब खेल रहे हैं, अन्यथा स्थिति कुछ और होती।
भारत के खिलाफ द. अफ्रीका का सबसे कम स्कोर
टीम इंडिया के पहली पारी के 215 रनों के जवाब में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज घूमती गेंदों के आगे असहाय नजर आए और समर्पण कर बैठे। उनकी पूरी टीम दूसरे दिन महज 79 रन पर ऑलआउट हो गई। इस प्रकार इंडिया को पहली पारी में 136 रन की बढ़त हासिल हुई। 79 रन दक्षिण अफ्रीकी टीम का भारत के खिलाफ अब तक का सबसे कम स्कोर है। इससे पहले साल 2006 में दक्षिण अफ्रीका की टीम अपने ही देश में खेले गए जोहानिसबर्ग टेस्ट में 84 रन पर ढेर हो गई थी, वहीं भारतीय धरती पर यह किसी भी विदेशी टीम का सबसे कम स्कोर भी है।
नागपुर टेस्ट के दूसरे दिन दक्षिण अफ्रीकी टीम ने 12 रन पर ही 5 विकेट खो दिए थे। सूखी और धूलभरी पिच पर भारतीय फिरकी गेंदबाजों के सामने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज नाचते हुए नजर आए। हालांकि जेपी डुमिनी (35) जरूर कुछ संघर्ष करते हुए दिखे, लेकिन वे भी स्पिन गेंदों के सामने पूरी क्रीज पर नाचते रहे और अंत में विकेट गंवा बैठे। दक्षिण अफ्रीका के 8 बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके। डुमिनी टॉप स्कोरर रहे।
अश्विन-जडेजा ने निपटाया
दूसरे दिन की शुरुआत में ही आर अश्विन ने अपने पहले दो ओवर में डीन एल्गर (7) और हाशिम अमला (1) को आउट करके दक्षिण अफ्रीका को जोरदार झटके दिए। इसके बाद रवींद्र जडेजा ने खतरनाक माने जाने वाले एबी डिविलियर्स को शून्य के स्कोर पर अपनी ही गेंद पर कैच करके पैवेलियन भेज दिया। इसके बाद जडेजा ने फॉफ डु प्लेसिस और डेन विलास को भी चलता कर दिया। अश्विन ने 16.1 ओवर में 32 रन देकर 5 विकेट हासिल किए, जिसमें 6 मेडन रहे। जडेजा ने 12 ओवर फेंके, जिनमें 33 रन देकर 4 विकेट झटके। लेगी अमित मिश्रा को एक विकेट मिला।
पहले दिन के खेल का अपडेट : गेंदबाजों के नाम रहा दिन
दक्षिण अफ्रीका ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक 2 विकेट पर 12 रन बनाए। भारत को पहली सफलता ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने दिलाई। उन्होंने वान जिल को स्लिप में अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच आउट कराया। इसके बाद रवींद्र जडेजा ने नाइट वॉचमैन इमरान ताहिर को 4 रन पर बोल्ड कर दिया।
हार्मर ने लिए 4 विकेट
इससे पहले टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए टीम इंडिया पहली पारी में 215 रन पर ऑलआउट हो गई। स्पिन फ्रेंडली विकेट होने के बावजूद दक्षिण अफ्रीका के पेसर मॉर्ने मॉर्कल ने भारतीय बल्लेबाजों को अपनी तेजी से परेशान किया और 3 खिलाड़ियों को पैवेलियन लौटाया, जबकि साइमन हार्मर को 4 विकेट और कागिसो रबाडा, डीन एल्गर और इमरान ताहिर को एक-एक सफलता मिली।
सीरीज में टीम इंडिया 1-0 से आगे है। बेंगलुरू में दूसरे टेस्ट में पहले दिन के बाद बारिश के कारण कोई खेल नहीं हो सका था, जबकि मोहाली में पहला टेस्ट तीन दिन के भीतर खत्म हो गया था।
310 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच के तीसरे दिन दक्षिण अफ्रीकी टीम 185 रन पर ही ऑलआउट हो गई। मैच में 12 विकेट लेने वाले आर अश्विन को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया। 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत ने 2-0 की निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। चौथा टेस्ट तीन दिसंबर से दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला जाएगा।
2015 में अश्विन के नाम 50 से अधिक विकेट
आर अश्विन ने शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए नागपुर टेस्ट में 12 विकेट लिए, वहीं इस सीरीज में उनके विकेटों की संख्या 24 हो गई है। इस प्रदर्शन के बाद वे साल 2015 में सबसे अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में सबसे ऊपर पहुंच गए हैं। उन्होंने इस साल 55 विकेट लिए हैं। इससे पहले 2008 में भारत की ओर से हरभजन सिंह ने अंतिम बार एक साल में 50 विकेट झटके थे। अश्विन ने दूसरी पारी में 7 विकेट हासिल किए। उन्होंने पहली पारी में 5 विकेट झटके थे।
वहीं अमित मिश्रा ने दक्षिण अफ्रीका के 3 खिलाड़ियों को पैवेलियन की राह दिखाई। अश्विन ने वान जिल, डीन एल्गर, एबी डिविलियर्स, जेपी डुमिनी और डेन विलास को आउट किया, वहीं मिश्रा ने हाशिम अमला, फॉफ डु प्लेसिस और इमरान ताहिर को चलता किया। अमला और डु प्लेसिस दोनों ने 39 रन बनाए।
वनडे सीरीज हारने के बाद शानदार वापसी : कोहली
कप्तान विराट कोहली ने कहा कि वनडे और टी-20 सीरीज में हारने के बावजूद हमारे प्लेयर्स ने शानदार खेल दिखाया और वापसी करके सीरीज जीती। खासतौर से अश्विन स्पेशल रहे। इस समय वे विश्व के सबसे अच्छे गेंदबाज हैं।
दूसरे दिन का खेल : अश्विन ने 15वीं बार एक पारी में लिए 5 विकेट
दूसरा दिन भी गेंदबाजों के नाम रहा। खासतौर से स्पिन गेंदबाजों के। इस बीच इस मैच में विकेट गिरने के दो ऐतिहासिक रिकॉर्ड की बराबरी हो गई। वहीं ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने टेस्ट करियर में एक पारी में 15वीं बार 5 विकेट हासिल कर लिए।
एक दिन में गिरे 20 विकेट
यदि दूसरे दिन के खेल पर नजर डाली जाए, तो दिनभर में कुल 20 विकेट गिरे, वहीं कुल 273 रन बने। इससे पहले साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई टेस्ट में एक दिन में 20 विकेट गिरे थे। यह भारत में एक दिन में सबसे अधिक विकेट गिरने का रिकॉर्ड है।
पहले दो दिन में 32 विकेट का रिकॉर्ड
नागपुर टेस्ट के पहले दो दिन में कुल 32 विकेट गिरे। ऐसा क्रिकेट इतिहास में तीसरी बार हुआ है। इससे पहले 2007 में पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए टेस्ट मैच में ऐसा हुआ था। पहली बार यह रिकॉर्ड 1912 में बना था।
दूसरी पारी में भी टीम इंडिया की फिर वही कहानी
दक्षिण अफ्रीका के बाद टीम इंडिया के बल्लेबाज भी स्पिन विकेट पर संघर्ष करते नजर आए। पहली पारी की तरह ही 'तू चल मैं आया' तर्ज पर एक के बाद एक विकेट गिरते गए। चेतेश्वर पुजारा (31) और शिखर धवन (39) के अलावा कोई भी बल्लेबाज नहीं टिका। रोहित शर्मा (23), विराट कोहली (16), अजिंक्य रहाणे (9), रिद्धिमान साहा (7) और रवींद्र जडेजा (5) का निजी स्कोर देखकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारी बल्लेबाजी का स्तर कैसा रहा। वो तो भला हो, दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों और उनके स्पिनरों का जो हमसे भी खराब खेल रहे हैं, अन्यथा स्थिति कुछ और होती।
भारत के खिलाफ द. अफ्रीका का सबसे कम स्कोर
टीम इंडिया के पहली पारी के 215 रनों के जवाब में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज घूमती गेंदों के आगे असहाय नजर आए और समर्पण कर बैठे। उनकी पूरी टीम दूसरे दिन महज 79 रन पर ऑलआउट हो गई। इस प्रकार इंडिया को पहली पारी में 136 रन की बढ़त हासिल हुई। 79 रन दक्षिण अफ्रीकी टीम का भारत के खिलाफ अब तक का सबसे कम स्कोर है। इससे पहले साल 2006 में दक्षिण अफ्रीका की टीम अपने ही देश में खेले गए जोहानिसबर्ग टेस्ट में 84 रन पर ढेर हो गई थी, वहीं भारतीय धरती पर यह किसी भी विदेशी टीम का सबसे कम स्कोर भी है।
नागपुर टेस्ट के दूसरे दिन दक्षिण अफ्रीकी टीम ने 12 रन पर ही 5 विकेट खो दिए थे। सूखी और धूलभरी पिच पर भारतीय फिरकी गेंदबाजों के सामने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज नाचते हुए नजर आए। हालांकि जेपी डुमिनी (35) जरूर कुछ संघर्ष करते हुए दिखे, लेकिन वे भी स्पिन गेंदों के सामने पूरी क्रीज पर नाचते रहे और अंत में विकेट गंवा बैठे। दक्षिण अफ्रीका के 8 बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके। डुमिनी टॉप स्कोरर रहे।
अश्विन-जडेजा ने निपटाया
दूसरे दिन की शुरुआत में ही आर अश्विन ने अपने पहले दो ओवर में डीन एल्गर (7) और हाशिम अमला (1) को आउट करके दक्षिण अफ्रीका को जोरदार झटके दिए। इसके बाद रवींद्र जडेजा ने खतरनाक माने जाने वाले एबी डिविलियर्स को शून्य के स्कोर पर अपनी ही गेंद पर कैच करके पैवेलियन भेज दिया। इसके बाद जडेजा ने फॉफ डु प्लेसिस और डेन विलास को भी चलता कर दिया। अश्विन ने 16.1 ओवर में 32 रन देकर 5 विकेट हासिल किए, जिसमें 6 मेडन रहे। जडेजा ने 12 ओवर फेंके, जिनमें 33 रन देकर 4 विकेट झटके। लेगी अमित मिश्रा को एक विकेट मिला।
पहले दिन के खेल का अपडेट : गेंदबाजों के नाम रहा दिन
दक्षिण अफ्रीका ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक 2 विकेट पर 12 रन बनाए। भारत को पहली सफलता ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने दिलाई। उन्होंने वान जिल को स्लिप में अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच आउट कराया। इसके बाद रवींद्र जडेजा ने नाइट वॉचमैन इमरान ताहिर को 4 रन पर बोल्ड कर दिया।
हार्मर ने लिए 4 विकेट
इससे पहले टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए टीम इंडिया पहली पारी में 215 रन पर ऑलआउट हो गई। स्पिन फ्रेंडली विकेट होने के बावजूद दक्षिण अफ्रीका के पेसर मॉर्ने मॉर्कल ने भारतीय बल्लेबाजों को अपनी तेजी से परेशान किया और 3 खिलाड़ियों को पैवेलियन लौटाया, जबकि साइमन हार्मर को 4 विकेट और कागिसो रबाडा, डीन एल्गर और इमरान ताहिर को एक-एक सफलता मिली।
सीरीज में टीम इंडिया 1-0 से आगे है। बेंगलुरू में दूसरे टेस्ट में पहले दिन के बाद बारिश के कारण कोई खेल नहीं हो सका था, जबकि मोहाली में पहला टेस्ट तीन दिन के भीतर खत्म हो गया था।
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