टेस्ट सीरीज में मिली हार का हिसाब बराबर करते हुए भारतीय टीम ने इंग्लैंड पर एक-दिवसीय शृंखला में 3-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है, और अब आज लीड्स में होने वाले आखिरी मैच में उनका मकसद निश्चित ही इंग्लैंड का सूपड़ा साफ करना रहेगा।
दूसरी ओर, तीनों एक-दिवसीय मैचों में बेहद शर्मनाक प्रदर्शन करने के बाद आलोचनाएं झेल रही इंग्लैंड टीम और उसके कप्तान एलिस्टर कुक शुक्रवार को जीत हासिल कर कुछ हद तक सम्मान बचाने की कोशिश करेंगे, हालांकि अब वे सीरीज के परिणाम पर कोई असर नहीं डाल सकेंगे।
पिछले तीन एक-दिवसीय मैचों में इंग्लैंड का प्रदर्शन किस हद तक खराब रहा, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि इंग्लैंड का सिर्फ एक बल्लेबाज 30 से अधिक के औसत से रन बना सका है और जेम्स ट्रेडवेल को छोड़कर उनके सभी गेंदबाजों ने पांच से अधिक की इकॉनमी से रन लुटाए हैं। भारतीय टीम ने पिछले तीनों मैचों में इंग्लैंड को हर बार ऑल आउट किया है, जबकि इंग्लैंड के गेंदबाज पिछले तीन मैच में सिर्फ 11 विकेट हासिल कर सके हैं।
दूसरी ओर भारत के प्रदर्शन को देखें, तो भारत के सिर्फ एक गेंदबाज ने पांच से अधिक की रन गति से रन लुटाए हैं, और वह गेंदबाज भी हैं पदार्पण मैच खेलने वाले धवल कुलकर्णी। बल्ले से प्रदर्शन पर निगाह डालें, तो भारत के पांच बल्लेबाजों ने सीरीज में 50 के औसत से अधिक से रन बनाए हैं।
कुल मिलाकर इंग्लैंड अपने मुख्य तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड, जो पूरी सीरीज से ही बाहर हैं, और निरंतर प्रदर्शन करने वाले इयान बेल के बगैर सीरीज का आखिरी मैच खेलने उतरेगा, तो उसे बेहद कठिन चुनौती का सामना करना होगा।
दूसरी ओर, भारत अगर चौथा मैच जीतने में कामयाब हो जाता है, तो विदेशी धरती पर यह उसकी दूसरी सबसे बड़ी जीत होगी। भारतीय टीम ने पिछले ही वर्ष जिम्बाब्वे को उसी की धरती पर 5-0 से हराकर विदेशी धरती पर इतिहास में पहली बार इतने बड़े अंतर से जीतने का कारनामा किया था। हालांकि जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम पर भारतीय टीम की वह जीत भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए खुशी का इतना बड़ा कारण नहीं हो सकी थी।
भारतीय टीम इससे पहले श्रीलंका को उसी की धरती पर दो बार 4-1 से और पाकिस्तान को एक बार पाकिस्तान में और एक बार कनाडा में 4-1 से हरा चुकी है। सीरीज में भारत इतनी मजबूत स्थिति में आ चुका है कि वह अपने कुछ युवा खिलाड़ियों को मौका दे सके। केरल के क्रिकेट प्रेमी निश्चित तौर पर संजू सैमसन को जल्द से जल्द राष्ट्रीय टीम के लिए बल्लेबाजी करते देखना चाह रहे होंगे। स्टुअर्ट बिन्नी और करण शर्मा को भी इस अवसर का इंतजार जरूर रहेगा।
देखना यह होगा कि क्या भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अगले वर्ष होने वाले विश्वकप के मद्देनजर इन युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देंगे, या जीत का सिलसिला जारी रखते हुए टीम का मनोबल ऊंचा बनाए रखने के लिए उसी टीम के साथ उतरेंगे।
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