भारत ने हरफनमौला प्रदर्शन करते हुए ट्रेंट ब्रिज स्टेडियम में शनिवार को हुए तीसरे एकदिवसीय मुकाबले में इंग्लैंड को छह विकेट से हरा दिया। इसके साथ ही भारत ने पांच मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली।
इंग्लैंड को निर्धारित 50 ओवरों में 227 रनों पर सीमित करने के बाद भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चार विकेट खोकर सात ओवर पहले ही लक्ष्य हासिल कर लिया।
भारत की तरफ से अंबाती रायडू (नाबाद 64) ने सर्वाधिक रनों का योगदान दिया। शनिवार को भारत की तरफ से पारी की शुरुआत करने शिखर धवन (16) के साथ अजिंक्य रहाणे (45) को भेजा गया।
रहाणे और धवन अच्छी लय में टीम का स्कोर आगे बढ़ा रहे थे कि आठवें ओवर की दूसरी गेंद पर धवन इयान मोर्गन को कैच थमा पवेलियन लौट गए। रहाणे ने हालांकि विराट कोहली (40) के साथ दूसरे विकेट के लिए 50 रनों की साझेदारी भारत को पहले झटके का कोई असर नहीं होने दिया। छह चौके और एक छक्का लगाकर बेहतरीन लय में नजर आ रहे रहाणे हालांकि अर्धशतक से मात्र पांच रन पहले विकेट के पीछे लपक लिए गए।
कोहली इसके बाद रायडू के साथ संभलकर पारी आगे बढ़ाने लगे। दोनों के बीच अभी 35 रनों की साझेदारी ही हुई थी कि कोहली बेन स्टोक्स की गेंद पर जेम्स ट्रेडवेल के हाथों लपक लिए गए। कोहली ने इस बीच दौ चौके और एक छक्का लगाया।
दूसरे एकदिवसीय के हीरो रहे सुरैश रैना (42) के क्रीज पर आते ही संभल-संभल कर बढ़ रही भारतीय पारी में तेजी आ गई। रैना और रायडू ने तेजी से चौथे विकेट के लिए 87 रन जोड़ डाले और भारत का स्कोर 200 के पार पहुंचा दिया।
रैना लक्ष्य से मात्र 21 रन पहले ट्रेडवेल का शिकार हुए। मिडविकेट की ओर क्रिस वोक्स ने रैना का शानदार कैच लपका। इस बीच रैना ने 42 गेंदों की पारी में पांच चौके लगाए। अंत तक क्रीज पर खड़ रहकर भारत को जीत दिलाने वाले रायडू ने 78 गेंदों की अपनी कौशलभरी पारी में छह चौके लगाए।
इससे पहले, टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण चुनने के बाद भारतीय टीम ने बेहद कसी हुई गेंदबाजी शुरू की, हालांकि इंग्लैंड को कप्तान एलिस्टर कुक (44) और एलेक्स हेल्स (42) ने ठीक-ठाक शुरुआत दिलाई। रैना की गेंद पर विकेट के पीछे कैच देने से पहले हेल्स ने कुक के साथ 18 ओवरों में 82 रनों की साझेदारी निभाई।
हेल्स के जाने के साथ ही इंग्लैंड के विकेटों का पतन शुरू हो गया। अगले 17.4 ओवरों में इंग्लैंड 67 रन जोड़ने में पांच और विकेट गंवा चुका था और टीम 200 के पार जाती नहीं लग रही थी।
जोस बटलर (42) ने लेकिन क्रिस वोक्स (15) के साथ सातवें विकेट के लिए 33 रनों की साझेदारी कर इंग्लैंड को थोड़ी स्थिरता प्रदान की। जेम्स ट्रेडवेल ने आखिरी ओवरों में चार चौके और एक छक्के की मदद से 30 रनों की तेज पारी खेली।
भुवनेश्वर कुमार ने शुरू से कसी हुई गेंदबाजी की, लेकिन आखिरी मंहगे साबित हुए ओवर में उन्हें जेम्स ट्रेडवेल के रूप में उन्हें एकमात्र विकेट मिला। मैच की आखिरी गेंद पर स्टीवेन फिन (6) के रूप में इंग्लैंड का आखिरी विकेट गिरा।
रविचंद्रन अश्विन ने सर्वाधिक तीन विकेट हासिल किए। अश्विन द्वारा राउंड द विकेट से फेंकी बाहर जाती गेंदों पर इयान मोर्गन (10) और बेन स्टोक्स (2) के कैच क्रमश: विकेटकीपर और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और स्लिप पर खड़े सुरेश रैना ने लपका।
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