विज्ञापन

10वें नंबर का खिलाड़ी बन गया भारत का ओपनर, ठोक डाले तकरीबन 7000 रन, 30 साल में लिया संन्यास

Ravi Shastri - Trivia, भारतीय क्रिकेट में के इतिहास में एक ऐसे खिलाड़ी आए थे जिसने नंबर 10 पर बल्लेबाजी कर अपना डेब्यू किया था और बाद में वो टीम इंडिया के ओपनर बन गए थे

10वें नंबर का खिलाड़ी बन गया भारत का ओपनर, ठोक डाले तकरीबन 7000 रन, 30 साल में लिया संन्यास
Ravi Shastri interesting facts

Ravi Shastri interesting facts: भारतीय क्रिकेट में कई दिलचस्प कहानियां सामने आई हैं, जिसमें युवा प्रतिभाएं विश्व विजेता बनकर उभरी हैं.  सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, एमएस धोनी और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट के सबसे किंग माने जाते हैं. इन सबके अलावा कुछ और भी ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने खेल से भारतीय क्रिकेट को विश्व क्रिकेट में टॉप पर पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की है. जिसमें राहुल द्रविड़, रोहित शर्मा, अनिल कुंबले, सौरव गांगुली और मोहिंदर अमरनाथ जैसे महान खिलाड़ी शामिल है. 

Latest and Breaking News on NDTV

इन सभी महान खिलाड़ियों के अलावा भारतीय क्रिकेट में के इतिहास में एक ऐसे खिलाड़ी आए थे जिसने नंबर 10 पर बल्लेबाजी कर अपना डेब्यू किया था और बाद में वो टीम इंडिया के ओपनर बन गए थे.  वह खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री थी. रवि शास्त्री 80 के दशक के दौरान भारतीय क्रिकेट के कुछ शानदार खिलाड़ियों में से एक थे,  शास्त्री ने खेल को अपनी शर्तों पर खेला, और जब उन्होंने क्रिकेट को छोड़ा तो उनकी उम्र केवल 30 साल थी. क्रिकेट से अलग होने के बाद शास्त्री दुनिया के बेहतरीन कमेंटेटर भी बने और आज भी बतौर कमेंटेटर शास्त्री भारतीय क्रिकेट की आवाज बने हुए हैं. 

पहले टेस्ट से ही चमके

रवि शास्त्री केवल 17 साल की उम्र में ही रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करने में सफल रहे थे. जब शास्त्री कॉलेज में ही पढ़ते थे तभी उनका चयन भारतीय टीम में हुआ था उस समय उनकी उम्र 19 साल थी. शास्त्री ने भारत के लिए पहला टेस्ट मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ 1981 में वेलिंगटन में खेला था. अपने डेब्यू टेस्ट में ही शास्त्री ने शानदार गेंदबाजी की और 6 विकेट लेने में सफल रहे थे. 

शुरुआत की नंबर 10 पर बल्लेबाजी करके, फिर बने भारत के ओपनर

रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने अपने करियर का आगाज नंबर 10 बल्लेबाज के तौर पर किया था. कुछ समय में अपने परफॉर्मेंस से शास्त्री ने हर किसी को हैरान कर दिया. लगभग 2 साल के बाद शास्त्री भारत की ओर से ओपनिंग करने लगे थे. 

Latest and Breaking News on NDTV

Photo Credit: Ravi Shastri on X

ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार परफॉर्मेंस

ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ शास्त्री ने कमाल की बल्लेबाजी की. बतौर ओपनर इन टीमों के खिलाफ शास्त्री ने 39.69 की औसत के साथ 7 शतक ठोके. बतौर ओपनर टेस्ट में शास्त्री ने 56.45 की औसत के साथ रन बनाए और 4 शतक जमाने में सफल रहे. 

6 गेंद पर जमाए 6 छक्के

टेस्ट में शास्त्री ने अपनी गेंदबाजी से भी कमाल किया औऱ 151 विकेट चटकाए और साथ ही 129 विकेट वनडे में लेने में सफल रहे. फर्स्ट क्लास क्रिकेट (मिनट के हिसाब से) में शास्त्री ने सबसे तेज शतक जमाने का रिकॉर्ड भी बनाया था जो 3 दशक तक उनके नाम रहा. शास्त्री ने बड़ौदा के खिलाफ 1985 में केवल 113 मिनट में शतक जमाया था. इसी मैच में शास्त्री ने 6 गेंद पर लगातार 6 छक्का जमाने में सफल रहे थे. 

जब Audi 100 कार इनाम में मिली

1985 में हुए बेन्सन एंड हेजेस क्रिकेट वर्ल्ड चैम्पियनशिप में उन्होंने गजब का परफॉर्मेंस किया था और 5 मैचों में कुल 182 रन बना पाने में सफल रहे थे. इसके अलावा शास्त्री ने अपनी गेंदबाजी से भी कमाल करते हुए 8 विकेट चटकाए थे. शास्त्री को उनके शानदार परफॉर्मेंस के लिए मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिया गया था. खिताब के रूप में शास्त्री को Audi 100 कार इनाम में मिली थी.

इस भारतीय एक्ट्रेस को कर चुके हैं डेट

शास्त्री अपने गुड लुक्स के लिए भी जाने गए. यही कारण रहा कि उनका अफेयर उस जमाने की मशहूर अभिनेत्री अमृति सिंह के साथ भी रहा था. हालांकि बाद में दोनों का ब्रेकअप हो गया था.

2008 में बने पिता
शास्त्री ने साल 1990 को रितु सिंह के साथ शादी के बंधन में बंध गए थे. 2008 में उनकी पहली बेटी अलका का जन्म हुआ उस समय शास्त्री 46 साल के थे.

Latest and Breaking News on NDTV

कोच के तौर पर रहे सफल,  प्रति साल 10 करोड़ रुपये कमाए
शास्त्री ने 2007 और 2014 में भारतीय टीम निदेशक के रूप में काम किया, हालांकि, उन्होंने 2017 में अनिल कुंबले के स्थान पर मुख्य कोच का बड़ा काम संभाला, जिन्होंने तत्कालीन कप्तान विराट कोहली के साथ मतभेदों के बाद इस्तीफा दे दिया था. सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के पास कुंबले के उत्तराधिकारी को चुनने का एक बहुत ही मुश्किल काम था, और उन्होंने शास्त्री को बतौर कोच चुना. कोच के तौर पर शास्त्री का एमएस धोनी और कोहली जैसे वरिष्ठ सितारों के साथ बहुत अच्छा तालमेल था. उन्होंने भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में प्रति साल 8 करोड़ रुपये का भारी अनुबंध किया.

उनके कार्यकाल के दौरान, भारत ICC खिताब जीतने में विफल रहा, लेकिन उनकी कोचिग में टीम इंडिया सभी प्रारूपों में घरेलू और विदेशी दोनों ही तरह की द्विपक्षीय टूर्नामेंटों में एक जबरदस्त ताकत बनकर सामने आई थी. शास्त्री की कोचिंग में भारतीय टीम 2019 के वर्ल्डकप के सेमीफाइनल तक पहुंची थी. विश्व कप नहीं जीतने के बावजूद, कोच के तौर पर उनके अनुंबध को आगे बढ़ा दिया गया था. उनकी सैलरी में  20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई तथा प्रति साल 10 करोड़ रुपये उन्हें मिले.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com