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जयपुर के डॉक्टरों ने महिला को दिया जीवनदान, इलेक्ट्रोसर्जरी से किया हार्ट वाल्व को रिप्लेस

Heart Valve Replacement Surgery: श्रीनगर और दिल्ली के डॉक्टरों ने मरीज की उम्र और नाजुक स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए पारंपरिक सर्जरी से इनकार कर दिया और इसके बाद परिवार ने इलाज के लिए जयपुर के अस्पताल का रुख किया, जहां सर्जरी की गई.

जयपुर के डॉक्टरों ने महिला को दिया जीवनदान, इलेक्ट्रोसर्जरी से किया हार्ट वाल्व को रिप्लेस
Heart Valve Replacement Surgery: इलेक्ट्रोसर्जरी एक आधुनिक सर्जिकल टेक्नीक है.

Heart Valve Replacement Surgery: जयपुर के एक अस्पताल में इलेक्ट्रोसर्जरी से एक महिला के हार्ट वाल्व को बदला गया है और डॉक्टरों का दावा है कि यह देश में अपनी तरह का पहला मामला है. अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान अस्पताल (आरएचएल) के डॉक्टरों ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर निवासी 74 वर्षीय महिला की इलेक्ट्रोसर्जिकल वाल्व-इन-वाल्व माइट्रल प्रक्रिया सफलतापूर्वक की है. इलेक्ट्रोसर्जरी एक आधुनिक सर्जिकल टेक्नीक है जिसमें हाई फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रिक करेंट का उपयोग करके शरीर के टिश्यू को काटा जाता है या नष्ट किया जाता है.

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मरीज को क्या दिक्कत हो रही थी?

डॉक्टरों ने बताया कि महिला की पहले ‘डुअल वाल्व' रिप्लेसमेंट के लिए ओपन-हार्ट सर्जरी हुई थी और माइट्रल वाल्व में खराबी के कारण उन्हें फिर से दिक्कत हो रही थी. अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार ‘माइट्रल वाल्व' हार्ट के चार वाल्व में से एक है और हार्ट के बाएं आलिंद और बाएं निलय के बीच स्थित होता है. यह ब्लड को बाएं आलिंद से बाएं निलय में निर्देशित करता है.

श्रीनगर और दिल्ली के डॉक्टरों ने सर्जरी से कर दिया था इनकार

अधिकारियों के अनुसार, श्रीनगर और दिल्ली के डॉक्टरों ने मरीज की उम्र और नाजुक स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए पारंपरिक सर्जरी से इनकार कर दिया और इसके बाद परिवार ने इलाज के लिए जयपुर के अस्पताल का रुख किया, जहां सर्जरी की गई.

कैसे की गई सर्जरी?

आरएचएल हार्ट सेंटर के अध्यक्ष डॉ. रविंद्र सिंह राव और उनकी टीम ने एक एडवांस इलेक्ट्रोसर्जिकल तकनीक का उपयोग करके यह ऑपरेशन किया. डॉ. राव ने एक विज्ञप्ति में कहा, "टीम ने एक महीन इलेक्ट्रिक तार व सटीक इलेक्ट्रोसर्जिकल उपकरणों का उपयोग करके खराब माइट्रल वाल्व के एक हिस्से को खोला और वहां नया वाल्व ट्रांसप्लांट किया गया. यह प्रक्रिया मरीज की छाती को चीरा लगाए बिना की गई."

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इसके अनुसार इस प्रक्रिया को अनौपचारिक रूप से बैटमैन प्रक्रिया कहा जाता है, क्योंकि माइट्रल वाल्व की मरम्मत या रिप्लेसमेंट के लिए एक फुलाए हुए गुब्बारे वाले कैथेटर को रोगी की ब्लड वेसल्स में डाला जाता है. गुब्बारे का आकार बैटमैन की टोपी जैसा होता है इसलिए इस सर्जरी को बैटमैन प्रक्रिया कहा जाता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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