
युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव
- इतना कम समय, कैसे सुलझेगी समस्या?
- कहीं चौथे वनडे में भी तो लूट नहीं मचा देगी भारतीय जोड़ी
- ..तो फिर छह मैचों में ही कुछ ऐसा ही हाल होगा
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ध्यान दिला दें कि न्यूलैंड्स में खेले गए तीसरे डे-नाइट मुकाबले में भी युजवेंद्र चहल और खासकर कुलदीप यादव के सामने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज 'दर्द-ए-डिस्को' करते दिखाई पड़े. किसी की भी कुछ समझ में नहीं आया कि क्या हो रहा है. और क्या करना है. लेकर पहले वनडे से तीसरे तक मेजबान बल्लेबाजों की हालात इन दोनों के आक्रमण पर लगते ही तू चल, मैं आया जैसी रही. और अब जो बात जेपी डुमिनी ने बतायी है, उसे देखते हुए लगता नहीं कि यह समस्या आखिरी वनडे तक भी सुलझने जा रही है. हां यह बात अलग है कि जेपी डुमिनी की समझ में यह बात काफी हद तक समझ में आ गई. उन्होंने इसका सबूत भी दिया.
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यह जेपी डुमिनी ही थे, जिन्होंने न्यू लैंड्स में सबसे ज्यादा 51 रन बनाए थे. और यह बताता है कि कम से कम जेपी को तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन बाकी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को बिल्कुल समझ में नहीं आ रहा कि वे करें, तो क्या करें. और ऐसा भी नहीं है कि जेपी इन बल्लेबाजों की नेट पर मदद नहीं करते होंगे.
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जेपी डुमिनी ने कहा है कि उनकी टीम के बल्लेबाजों कों 'रॉंग-वन' मतलब कुलदीप चहल और कुलदीप यादव की फेंकी गुगली समझ नहीं आ रही हैं उनके बल्लेबाज गेंदबाज दोनों के हाथ को देखकर गुगली को नहीं पढ़ पा रहे हैं. बात तो बहुत मुश्किल है. और यहां कोई ऐसी जादू की छड़ी भी नहीं है कि यह बात झट से समझ में आ जाए. देखते हैं कि शनिवार को चौथे वनडे तक कितने मेजबान बल्लेबाजों को युजवेंद्र और कुलदीप की समझ में आती है. वैसे हालात को न के ही बराबर हैं.
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