- विराट कोहली की दो शतकीय पारियों ने रांची और रायपुर वनडे मैचों में दर्शकों की टिकटों की मांग बढ़ा दी
- रांची और रायपुर में भारत और दक्षिण अफ्रीका टीमों ने मिलकर लगभग सात सौ से अधिक रन बनाए हैं
- टीम इंडिया पर वनडे सीरीज जीतने का दबाव है क्योंकि टेस्ट सीरीज में वह दक्षिण अफ्रीका से 0-2 से पिछड़ गई है
रांची और रायपुर में किंग कोहली की विराट शतकीय पारियों ने विशाखापत्तनम को ब्लॉक-बस्टर वनडे बना दिया है. रांची वनडे के पहले विशाखापत्तनम के टिकट पूरी तरह नहीं बिक रहे थे. मगर ख़बरों के मुताबिक विराट की दो शतकीय पारियों के बाद ऑनलाइन 'टिकट-विंडो' पर 'सोल्ड आउट' यानी 'सभी टिकटें बिक गईं' हैं, का बोर्ड लग चुका है. 1200 रुपये से 18000 के तक के टिकट मिनटों में हवा हो गए. विशाखापत्तनम के डॉ.वाईएस राजशेखर रेड्डी ACA-VDCA क्रिकेट स्टेडियम के बाहर मैच से एक दिन पहले लंबी-लंबी कतारें और टिकटों की मारामारी भी देशी जा रही है.
कांटे की टक्कर, दांव पर सीरीज़
रांची और रायपुर में विराट कोहली की शतकीय पारियों ने भारत बनाम द.अफ़्रीका वनडे सीरीज़ की फ़िज़ा बदल दी है. रांची में मेज़बान और प्रोटियाज़ टीमों ने मिलकर 681 रन बनाए तो रायपुर में इससे भी क़रीब 40 रन ज़्यादा बने. दोनों टीमों ने तकरीबन 100 ओवरों 720 रन जोड़े. विशाखापत्तनम की पिच पर भी रनों की बारिश के पूरे आसार हैं. ऐसे में जिस टीम के गेंदबाज़ बेहतर इकॉनमी के साथ गेंदबाज़ी कर सकेंगे सीरीज़ उसी टीम के नाम होगी.
फिर तो नहीं होगा 38 साल पहले का हादसा?
द. अफ़्रीका के हाथों 0-2 से टेस्ट सीरीज़ में हार के बाद टीम इंडिया पर वनडे सीरीज़ का बेइंतहा दबाव है. गौतम गंभीर और टीम मैनेजमेंट इस दबाव को महसूस भी कर रही होगी. इससे पहले 1986-87 में आख़िरी बार भारत को पाकिस्तान ने टेस्ट और वनडे सीरीज़ में एक साथ शिकस्त दी थी. टीम इंडिया उस भूल जाने वाली सीरीज़ को आख़िरी मैच में भी याद नहीं करना चाहेगी.
बैटर्स की बारात, बॉलर्स का निकल रहा कबाड़ा
टीम मैनेजमेंट को अच्छी तरह इस बात का भी अंदाज़ा होगा कि 350 के रेंज में स्कोर के लिए रोहित शर्मा और विराट कोहली में से कम से कम एक बल्लेबाज़ का बड़ा स्कोर बनाना कितना लाज़िमी है. रांची में भारत के 349 के जवाब में प्रोटियाज़ टीम 332 का स्कोर बनाकर बेहद क़रीब तक पहुंच गई. जबकि, रायपुर में उसी टीम ने कप्तान टेम्बा बावुमा की अगुआई में 358 का स्कोर चेज़ कर लिया.
रांची में बैटर्स ने 1 शतक (विराट कोहली 135 रन) और 5 अर्द्धशतक जाए तो रायपुर में 3 शतक (विराट कोहली 102, ऋतुराज गायकवाड़ 105, एडन मार्करम 110 रन) और 4 अर्द्धशतक जमाए. विशाखापत्तन में भी बैटर्स रनों की महफ़िल लगाएंगे. लेकिन अगर आसमान में बादल छाये रहे तो गेंदबाज़ इनपर अंकुश लगा सकते हैं, हालांकि फिलहाल इसके असर की बात नहीं की जा रही है.

दोनों ही मैचों में टीम इंडिया के कप्तान केएल राहुल ने 6-6 गेंदबाज़ों इस्तेमाल किया. दोनों ही मैचों में वाशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा कोई भी विकेट निकालने में नाकाम रहे. ऐसे में 350 का स्कोर भी दक्षिण अफ़्रीका के लिए कभी बड़ा टारगेट नहीं लगा.
दोनों ही मैचों में तेज़ गेंदबाज़ भी रन खर्च करते रहे. रांची में प्रसिद्ध कृष्णा ने 7.2 ओवर में 48 रन खर्चे और 1 विकेट लेते हुए सबसे महंगे पेसर साबित हुए. रायपुर में भी सबसे महंगे प्रसिद्ध कृष्णा ने 10.2 रन प्रति ओवर की दर से 85 रन खर्चे और 2 विकेट अपने नाम किये.
टॉस, ओस और बादल का असर
रांची में टीम इंडिया ने लगातार 19वीं बार और रायपुर में लगातार 20वीं बार टॉस गंवाया. दक्षिण अफ़्रीकी टीम ने ओस का असर देखते हुए दोनों ही बार भारतीय टीम को पहले बल्लेबाज़ी का मौक़ा दिया और गेंदबाज़ बाद में ओस से संघर्ष करते रहे.
28 डिग्री सेल्सियस और 21 डिग्री सेल्सियस के बीच विशाखापत्तनम में मैदान पर गर्माहट बेहतर रहेगी और क्रिकट के लिए उमसभरी लेकिन खेल के अनुकूल मौसम भी रहेगा. आसमान में बादल के आसार नज़र आ रहे हैं जो पेसर्स के लिए एक्स्ट्रा मददगार साबित हो सकते हैं. लेकिन इसे लेकर टीमों ने फ़िक्र नहीं जताई है.
विशाखापत्तनम के तटीय शहर होने की वजह से रांची और रायपुर की तुलना में ओस का असर थोड़ा कम बताया जा रहा है. लेकिन मैच से पहले रात में, फिर भी मैदान पर ओस नज़र आया है. ऐसे में टीम इंडिया उम्मीद करेगी कि 10 लाख में 1 बार होने जैसी ट़स हारने की अनहोनी विशाखापत्तनम में भी ना हो और कप्तान केएल राहुल टॉस के लिए लकी साबित हों. टॉस जीतने का थोड़ा असर मैच पर ज़रूर दिख सकता है. वरना गेंदबाज़ों से टीम और फ़ैन्स एक्स्ट्रा उम्मीद करते रहेंगे.
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