
न्यूजीलैंड ने भारत को पुणे टेस्ट में 113 रनों से हराकर इतिहास रच दिया है. यह न्यूजीलैंड की भारतीय सरजमीं पर पहली टेस्ट सीरीज जीत है. तो दूसरी तरफ भारतीय टीम की इस हार के बाद काफी आलोचना हो रही है क्योंकि टीम इंडिया घरेलू सरजमीं पर 12 साल बाद टेस्ट सीरीज हारी है और इस हार के साथ उसका लगातार 18 सीरीज जीत का सिलसिला टूट गया है. भारत की निराशाजनर हार के बाद टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने टीम के प्रदर्शन का एक विश्लेषण किया है, जिसमें उन्होंने हार के पीछे प्रमुख कारणों पर प्रकाश डाला है.
1983 विश्व कप विजेता मदन लाल ने घरेलू परिस्थितियों को लेकर कहा,"घर पर, हम आम तौर पर सीरीज जीतते हैं क्योंकि परिस्थितियां हमारे अनुकूल होती हैं. पिचें हमारी शैली के अनुरूप हैं, और हम यहां बल्लेबाजी करने और खेलने के आदी हैं. हम हैं मौसम और जलवायु से अधिक परिचित, इन सभी कारकों को देखते हुए, भारत का पलड़ा आम तौर पर भारी है."
हालांकि, उन्होंने पिच की तैयारी के विकल्प पर निराशा व्यक्त की और इसके पीछे के तर्क पर सवाल उठाया. मदन लाल ने कहा,"इसके लिए हम स्वयं दोषी हैं. ऐसी पिच बनाने का कोई मतलब नहीं था. मुझे नहीं पता कि यह विकेट किसने मांगा - चाहे यह टीम प्रबंधन का निर्णय था या किसी और का."
उन्होंने भारत की गेंदबाजी लाइन-अप की ताकत पर जोर देते हुए कहा,"आपके पास एक मजबूत तेज आक्रमण और सर्वश्रेष्ठ स्पिन आक्रमण के साथ एक ठोस टीम है. फिर भी, हमने ये पिचें बनाईं और अपने ही जाल में फंस गए. अच्छे विकेटों पर, हम निश्चित रूप से टेस्ट मैच जीतेंगे."
मदन लाल ने विशेषकर शीर्ष क्रम की खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन पर भी अपनी बात कही. मदन लाल ने आगे कहा,"दूसरा कारण यह है कि हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की. हमारे शीर्ष क्रम ने प्रदर्शन नहीं किया. जब शीर्ष पांच या छह स्थानों पर हमारे बल्लेबाज प्रदर्शन करते हैं, तो हम टेस्ट मैच जीतते हैं. हमारे पास गेंदबाजी में हमेशा विकल्प होते हैं क्योंकि परिस्थितियां हमारे अनुकूल होती हैं."
मदन लाल ने खिलाड़ियों से जनता की अपेक्षाओं को स्वीकार किया और कहा कि जब टीम खराब प्रदर्शन करती है तो जांच तेज हो जाती है. मदन लाल ने कहा,"मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन जब आप प्रदर्शन नहीं करेंगे तो लोग कमेंट करेंगे. इसमें कोई संदेह नहीं है. जो लोग स्कोर करने पर आपकी तारीफ करते हैं, वही लोग तब आलोचना करेंगे जब आप फॉर्म में नहीं होंगे. उनकी कमी है, प्रदर्शन ने टीम को प्रभावित किया."
मदन लाल ने युवा खिलाड़ियों के व्यक्तिगत योगदान की सराहना करते हुए कहा,"जायसवाल जैसे युवाओं ने रन बनाए, और रवींद्र जड़ेजा ने भी योगदान दिया. लेकिन आप अकेले एक या दो बल्लेबाजों के साथ नहीं जीत सकते. एक इकाई के रूप में सफल होने के लिए शीर्ष क्रम को लगातार बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत है."
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