
Ravichandran Ashwin's mega record: इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला (Dharamsala) में शनिवार को खत्म हुए सीरीज के आखिरी और पांचवें टेस्ट मैच (Ind vs Eng) में यूं तो कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) प्लेयर ऑफ द मैच बने,लेकिन मैच में नौ विकेट चटकाने वाले रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने एक अलग ही पहलू से जोर-शोर से चर्चा बटोरी. वास्तव में अश्विन पूरी सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट (26) लेने वाले बॉलर रहे, लेकिन करियर के 100में टेस्ट को उन्होंने बहुत ही ज्यादा यादगार बना दिया. अश्विन ने सौवें टेस्ट में ऐसा यादगार प्रदर्शन किया कि महान मुरलीधरन को भी उन्होंने पीछे छोड़ दिया. और यह वह कारनामा है, जिसे पता नहीं कोई कभी तोड़ भी पाएगा या नहीं. अगर तोड़ता भी है, तो यह ईश्वर ही जानता है कि कब यह टूटेगा.
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अभी तक था मुरली का राज
जब करियर के सौवें टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बात आती है, तो शनिवार से पहले तक मुरलीधरन इस मामले में बॉस थे. मुरली ने साल 2006 में चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में 141 रन देकर नौ विकेट चटकाए थे. लेकिन अब इस बाबत बॉस अश्विन बन गए हैं. यूं तो अश्विन ने भी 9 ही विकेट लिए, लेकिन उन्होंने 128 रन देकर यह कारनामा किया. तीसरे नंबर पर महान दिवंगत शेन वॉर्न (231 रन पर 8 विकेट) हैं. यह उन्होंने साल 2002 में केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किया था.
कौन पछाड़ेगा अश्विन को?
यह वह कारनामा है, जो होता नहीं, बल्कि हो जाता है! आप देखिए कि अश्विन ने मुरलीधरन के साल 2006 के बाद करीब 18 साल बाद यह कारनामा किया. आप बखूबी समझ सकते हैं कि मुश्किलें कितनी है. पहले तो किसी को सौ टेस्ट खेलने होंगे, तो वहीं इस टेस्ट में गेंदबाज विशेष को दस या फिर अश्विन से कम रन देकर नौ विकेट लेने होंगे. भाई यह तो जब भी बनेगा, ईश्वर की कृपा से ही बनेगा क्योंकि कह कर तो कोई भी ऐसा कर नहीं सकता.
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