विराट कोहली का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने दो दिन पहले वेस्टइंडीज के मैदान पर अपना पहला दोहरा शतक लगाया था और कप्तान के रूप में कैरेबियन मैदान पर टेस्ट मैचों में पहले भारतीय कप्तान के रूप में यह गौरव हासिल किया। दोहरे शतक के बाद विराट कोहली ने बीसीसीआई टीवी को एक खास इंटरव्यू देते हुए अपने दोहरे शतक के साथ-साथ कुछ और चीजों पर भी बात की है।
दोहरे शतक से काफी खुश हैं कोहली
जब विराट से अपने दोहरे शतक के बारे में पूछा गया तो कोहली का कहना था कि वह बहुत खुश हैं कि वेस्टइंडीज के मैदान पर उन्होंने दोहरा शतक लगाया है। वह बोले कि पहले भी वेस्टइंडीज के दौरे पर आ चुके हैं लेकिन अच्छा नहीं खेल पाए थे। कोहली ने यह भी बताया कि दोहरे शतक से उन्हें काफी संतुष्टि मिली है। कोहली का कहना था कि बड़े स्कोर बनाने का वह सामर्थ्य रखते हैं और वह एक बड़ा स्कोर चाहते थे और वेस्टइंडीज के मैदान पर वह सफल हो पाए और वह बहुत खुश हैं।
पांच बल्लेबाज़ों के साथ खेलना चुनौतीपूर्ण
जब कोहली को पांच गेंदबाज़ और पांच बल्लेबाज़ों के साथ खेलने पर सवाल पूछा गया तब कोहली का कहना था कि सिर्फ पांच बल्लेबाज़ों के साथ खेलना चुनौतीपूर्ण है और यह बल्लेबाज़ों के ऊपर ज्यादा दबाव लाता है लेकिन ऐसी चुनौती के लिए वह तैयार हैं और बल्लेबाज भी इस ज़िम्मेदारी को लेने के लिए तैयार हैं।
जो काम मैं नहीं कर सकता,खिलाड़ियों को करने के लिए नहीं कहूंगा
कोहली ने यह भी बोला कि वह खिलाड़ियों को उस काम करने के लिए नहीं कहेंगे जो वह खुद नहीं कर सकते। कोहली ने कहा कि पारी की शुरुआत में वेस्टइंडीज के गेंदबाज़ काफी अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे और भारतीय बल्लेबाज रन नहीं बना पा रहे थे। कोहली ने बताया कि उनको पता था अगर वह ज्यादा देर तक पिच पर मौजूद रहेंगे तो रन बना पायेंगे जो उनके साथ-साथ टीम की भी जरूरत है।
मैदान पर नहीं रहता दबाव
जब विराट कोहली को यह सवाल पूछा गया कि टीम और क्रिकेट प्रेमी उनसे ज्यादा रन बनाने की उम्मीद रखते है और प्रतिद्वंद्वी टीम भी उनको जल्दी आउट करना चाहती है लेकिन इतने दवाब के बावजूद भी वह कैसे दूसरे की उम्मीद पर खरे उतरते हैं। कोहली का कहना था कि बहुत लोगों को यह पता नहीं कि जब वह बल्लेबाजी नहीं करते तब उन पर ज्यादा दवाब रहता है। जब वह ड्रेसिंग रूम में होते है तब खिलाड़ी एक दूसरे से बात करते हुए सुनते है तब उनको पता चलता है कि खिलाड़ी उनसे कितना उम्मीद रखते है और यह सब बात उन पर दवाब डालती है।
लेकिन “जब मैं बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर उतरता हूं तब वहां सिर्फ मैं और मेरा जोड़ीदार होता है। लोगों को यह पता नहीं कि जब मैं बल्लेबाजी करता हूं तब मैं ज्यादा शांति महसूस करता हूं क्योंकि मुझे ज्यादा लोगों के साथ बातचीत नहीं करना पड़ता है और न ही मुझे उनकी उम्मीद के बारे में पता चलता है। मुझे यह भी नहीं पता चलता है कि वह मुझसे क्या चाहते है। मैदान के अंदर मैं अपने आप पर ध्यान देता हूं। अपनी सोच और भाव को समझता हूं और उस पर अमल करता हूं।”
लोगों की उम्मीद को मैं आशीर्वाद के रूप में लेता हूँ : कोहली का कहना है कि जब कोई कुछ समय के लिए अच्छा खेलता है तो लोग उनसे उम्मीद करना शुरू कर देते हैं और वह इस उम्मीद को आशीर्वाद के रूप में लेते है। वह कहते हैं, “लोग इसीलिए मुझसे अच्छा प्रदर्शन कि उम्मीद करते हैं क्योंकि मेरी बैटिंग शैली को वह पसंद करते हैं और वह चाहते हैं कि मैं अच्छा करूं जिसकी वजह से टीम अच्छा करे।”
दोहरे शतक से काफी खुश हैं कोहली
जब विराट से अपने दोहरे शतक के बारे में पूछा गया तो कोहली का कहना था कि वह बहुत खुश हैं कि वेस्टइंडीज के मैदान पर उन्होंने दोहरा शतक लगाया है। वह बोले कि पहले भी वेस्टइंडीज के दौरे पर आ चुके हैं लेकिन अच्छा नहीं खेल पाए थे। कोहली ने यह भी बताया कि दोहरे शतक से उन्हें काफी संतुष्टि मिली है। कोहली का कहना था कि बड़े स्कोर बनाने का वह सामर्थ्य रखते हैं और वह एक बड़ा स्कोर चाहते थे और वेस्टइंडीज के मैदान पर वह सफल हो पाए और वह बहुत खुश हैं।
पांच बल्लेबाज़ों के साथ खेलना चुनौतीपूर्ण
जब कोहली को पांच गेंदबाज़ और पांच बल्लेबाज़ों के साथ खेलने पर सवाल पूछा गया तब कोहली का कहना था कि सिर्फ पांच बल्लेबाज़ों के साथ खेलना चुनौतीपूर्ण है और यह बल्लेबाज़ों के ऊपर ज्यादा दबाव लाता है लेकिन ऐसी चुनौती के लिए वह तैयार हैं और बल्लेबाज भी इस ज़िम्मेदारी को लेने के लिए तैयार हैं।
जो काम मैं नहीं कर सकता,खिलाड़ियों को करने के लिए नहीं कहूंगा
कोहली ने यह भी बोला कि वह खिलाड़ियों को उस काम करने के लिए नहीं कहेंगे जो वह खुद नहीं कर सकते। कोहली ने कहा कि पारी की शुरुआत में वेस्टइंडीज के गेंदबाज़ काफी अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे और भारतीय बल्लेबाज रन नहीं बना पा रहे थे। कोहली ने बताया कि उनको पता था अगर वह ज्यादा देर तक पिच पर मौजूद रहेंगे तो रन बना पायेंगे जो उनके साथ-साथ टीम की भी जरूरत है।
मैदान पर नहीं रहता दबाव
जब विराट कोहली को यह सवाल पूछा गया कि टीम और क्रिकेट प्रेमी उनसे ज्यादा रन बनाने की उम्मीद रखते है और प्रतिद्वंद्वी टीम भी उनको जल्दी आउट करना चाहती है लेकिन इतने दवाब के बावजूद भी वह कैसे दूसरे की उम्मीद पर खरे उतरते हैं। कोहली का कहना था कि बहुत लोगों को यह पता नहीं कि जब वह बल्लेबाजी नहीं करते तब उन पर ज्यादा दवाब रहता है। जब वह ड्रेसिंग रूम में होते है तब खिलाड़ी एक दूसरे से बात करते हुए सुनते है तब उनको पता चलता है कि खिलाड़ी उनसे कितना उम्मीद रखते है और यह सब बात उन पर दवाब डालती है।
लेकिन “जब मैं बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर उतरता हूं तब वहां सिर्फ मैं और मेरा जोड़ीदार होता है। लोगों को यह पता नहीं कि जब मैं बल्लेबाजी करता हूं तब मैं ज्यादा शांति महसूस करता हूं क्योंकि मुझे ज्यादा लोगों के साथ बातचीत नहीं करना पड़ता है और न ही मुझे उनकी उम्मीद के बारे में पता चलता है। मुझे यह भी नहीं पता चलता है कि वह मुझसे क्या चाहते है। मैदान के अंदर मैं अपने आप पर ध्यान देता हूं। अपनी सोच और भाव को समझता हूं और उस पर अमल करता हूं।”
लोगों की उम्मीद को मैं आशीर्वाद के रूप में लेता हूँ : कोहली का कहना है कि जब कोई कुछ समय के लिए अच्छा खेलता है तो लोग उनसे उम्मीद करना शुरू कर देते हैं और वह इस उम्मीद को आशीर्वाद के रूप में लेते है। वह कहते हैं, “लोग इसीलिए मुझसे अच्छा प्रदर्शन कि उम्मीद करते हैं क्योंकि मेरी बैटिंग शैली को वह पसंद करते हैं और वह चाहते हैं कि मैं अच्छा करूं जिसकी वजह से टीम अच्छा करे।”
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