रवींद्र जडेजा इस समय टेस्ट में दुनिया के नंबर वन गेंदबाज हैं (फाइल फोटो)
टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा भारतीय टीम के श्रीलंका दौरे के लिए पूरी तरह तैयार हैं. टीम इंडिया अगले सप्ताह श्रीलंका के दौरे पर रवाना हो रही है. करीब डेढ़ माह के दौरे में उसे तीन टेस्ट, पांच वनडे और एक टी20 मैच खेलने हैं. श्रीलंका के धीमे और घुमावदार विकेटों पर जडेजा अपनी लेग स्पिन गेंदबाजी से विराट कोहली ब्रिगेड के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं. वे इस समय टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक बॉलर हैं.
इस दौरे को लेकर तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर गुजरात के इस 28 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, 'चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में मुझे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना आता है. क्रिकेट में जब आपको आसान विकेट मिलते हैं उस समय अच्छा प्रदर्शन करने पर वह मजा नहीं आता. लेकिन चुनौती से भरी परिस्थितियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन देने का आनंद ही कुछ और होता है. ' इस दौरान जडेजा ने उन क्षणों को भी याद किया जब स्पिन गेंदबाजी के महारथी, ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न ने उन्हें 'रॉकस्टार' बताया था. 'जड्डू' ने कहा कि उन्हें तब इस शब्द का मतलब भी नहीं मालूम था.
वीडियो : तलवारबाजी में भी रवींद्र जडेजा को है महारत
उन्होंने कहा कि, 'रॉकस्टार का क्या मतलब होता है, तब मुझे यह पता नहीं था. जब मैं शेन वॉर्न से पहली बार मिला तब मुझे यह भी अहसास नहीं था कि वे टेस्ट क्रिकेट के इतने महान गेंदबाज है. मैं मुझे रॉकस्टार कहकर बुलाते थे और मुझे इस पर आश्चर्य होता था कि न तो मैं गाना गाता हूं या न ही कोई ऐसी कोई चीज करता हूं जिससे रॉकस्टार कहकर पुकारा जाऊं.' जडेजा ने बताया, 'मैंने अपने एक दोस्त से पूछा कि वे मुझे रॉकस्टार क्यों कहते हैं तो उस दोस्त का जवाब था कि वे ऐसा इसलिए कहते हैं कि तुम्हारे चेहरे पर ढेर सारी मुस्कुराहट रहती है. मैं अपने खेल पर बेहद कड़ी मेहनत कर रहा हूं. बैटिंग हो या बॉलिंग, मैं अपने प्रदर्शन और खेल कौशल को लगातार बेहतर करना चाहता हूं.' जडेजा ने अपनी उस समय की भावनाओं को भी बताया जब वे इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के दौरे से लौटने के बाद पहली बार अपनी बेटी से मिले थे. उन्होंने कहा, 'यह खास अनुभूति थी. मैं उसके साथ जितना अधिक समय बिताऊंगा. उतना ही अपने आपको उसके करीब महसूस करूंगा.'
जडेजा ने कहा कि जब मैंने क्रिकेट खेलना प्रारंभ किया था तो जामनगर में अच्छी सुविधाएं नहीं थीं और शनिवार या रविवार को मैच खेलने के लिए मुझे सारी चीजों का खुद ही इंतजाम करना पड़ता था. मैं खुद ही विकेट तैयार करना था और उसके बाद पैसों का इंतजाम करता था ताकि मैं मैच के लिए क्रिकेट की गेंद खरीद पाऊं.' बहरहाल उन्होंने कहा कि ऐसे चीजों में मुझे अच्छा करने के लिए ज्यादा प्रेरित किया. शुरू से ही मेरा लक्ष्य टीम इंडिया के लिए खेलना था. मैं हमेशा भारत के लिए खेलना चाहता था. (एजेंसी से इनपुट)
इस दौरे को लेकर तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर गुजरात के इस 28 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, 'चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में मुझे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना आता है. क्रिकेट में जब आपको आसान विकेट मिलते हैं उस समय अच्छा प्रदर्शन करने पर वह मजा नहीं आता. लेकिन चुनौती से भरी परिस्थितियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन देने का आनंद ही कुछ और होता है. ' इस दौरान जडेजा ने उन क्षणों को भी याद किया जब स्पिन गेंदबाजी के महारथी, ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न ने उन्हें 'रॉकस्टार' बताया था. 'जड्डू' ने कहा कि उन्हें तब इस शब्द का मतलब भी नहीं मालूम था.
वीडियो : तलवारबाजी में भी रवींद्र जडेजा को है महारत
उन्होंने कहा कि, 'रॉकस्टार का क्या मतलब होता है, तब मुझे यह पता नहीं था. जब मैं शेन वॉर्न से पहली बार मिला तब मुझे यह भी अहसास नहीं था कि वे टेस्ट क्रिकेट के इतने महान गेंदबाज है. मैं मुझे रॉकस्टार कहकर बुलाते थे और मुझे इस पर आश्चर्य होता था कि न तो मैं गाना गाता हूं या न ही कोई ऐसी कोई चीज करता हूं जिससे रॉकस्टार कहकर पुकारा जाऊं.' जडेजा ने बताया, 'मैंने अपने एक दोस्त से पूछा कि वे मुझे रॉकस्टार क्यों कहते हैं तो उस दोस्त का जवाब था कि वे ऐसा इसलिए कहते हैं कि तुम्हारे चेहरे पर ढेर सारी मुस्कुराहट रहती है. मैं अपने खेल पर बेहद कड़ी मेहनत कर रहा हूं. बैटिंग हो या बॉलिंग, मैं अपने प्रदर्शन और खेल कौशल को लगातार बेहतर करना चाहता हूं.' जडेजा ने अपनी उस समय की भावनाओं को भी बताया जब वे इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के दौरे से लौटने के बाद पहली बार अपनी बेटी से मिले थे. उन्होंने कहा, 'यह खास अनुभूति थी. मैं उसके साथ जितना अधिक समय बिताऊंगा. उतना ही अपने आपको उसके करीब महसूस करूंगा.'
जडेजा ने कहा कि जब मैंने क्रिकेट खेलना प्रारंभ किया था तो जामनगर में अच्छी सुविधाएं नहीं थीं और शनिवार या रविवार को मैच खेलने के लिए मुझे सारी चीजों का खुद ही इंतजाम करना पड़ता था. मैं खुद ही विकेट तैयार करना था और उसके बाद पैसों का इंतजाम करता था ताकि मैं मैच के लिए क्रिकेट की गेंद खरीद पाऊं.' बहरहाल उन्होंने कहा कि ऐसे चीजों में मुझे अच्छा करने के लिए ज्यादा प्रेरित किया. शुरू से ही मेरा लक्ष्य टीम इंडिया के लिए खेलना था. मैं हमेशा भारत के लिए खेलना चाहता था. (एजेंसी से इनपुट)
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