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Handshake Controversy: हैंडशेक विवाद में बड़ा खुलासा, मैच रेफरी को सिर्फ इतने मिनट पहले मिली थी सूचना

Asia Cup 2025: अब जबकि भारत-पाकिस्तान और पाकिस्तान vs यूएई के बीच दो मैच को हुए खासा समय हो गया है, तो धीरे-धीरे तमाम विवाद से जुड़ी तस्वीर एक-एक करके साफ हो रही है

Handshake Controversy: हैंडशेक विवाद में बड़ा खुलासा, मैच रेफरी को सिर्फ इतने मिनट पहले मिली थी सूचना
PCB vs Andy Pycroft: पाकिस्तान क्रिकेट के अधिकारियों में पायक्रॉफ्ट को लकेर बहुत ही ज्यादा रोष है
  • भारत-पाकिस्तान मैच के टॉस से चार मिनट पहले पायक्राफ्ट को दोनों कप्तानों के हैंडशेक न कराने की सूचना मिली
  • पायक्राफ्ट को इस असामान्य निर्देश के बारे में आईसीसी को सूचित करने का पर्याप्त समय नहीं दिया गया
  • पीसीबी ने पायक्राफ्ट पर आईसीसी को सूचना न देने का आरोप लगाते हुए कोड ऑफ कंडक्ट उल्लंघन बताया था
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यूएई (UAE) में पिछले कुछ दिनों के भीतर हुए हैंडशेक विवाद में अब बड़ा खुलासा हुआ है. एक अग्रणी वेबसाइट की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मैच रेफरी एंडी पायक्राफ्ट को टॉस से सिर्फ चार मिनट पहले ही यह सूचना दी गई कि 14 सितंबर को पाकिस्तान और भारत के बीच खेले गए मैच में दोनों कप्तानों को हाथ नहीं मिलाने हैं. इस मौके पर पायक्राफ्ट ने खुद को निर्देश देने वाले शख्स के बजाय एक मैसेंजर के रूप में खड़ा पाया. इस विवाद के बाद से ही पायक्रॉफ्ट पीसीबी के निशाने पर आ गए, जिसने मैच रेफरी को आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया. बहरहाल, अब जब एक तरह से मामला ठंडे बस्ते में चला गया है, तो धीरे-धीरे 14 और 17 सितंबर को खेले गए मुकाबले से जुड़ी परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं. पूरे क्रिकेट जगत ने देखा कि बुधवार को यूएई के खिलाफ मैच से पहले कैसे पाकिस्तान ने करीब डेढ़ घंटे तक ड्रामा किया. और फिर आईसीसी के चेतावनी देने के बाद उसकी सारी अकड़ ढीली पड़ गई.

मैच से ठीक चार मिनट पहले दी गई सूचना

इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, 'यह सारा विवाद भारत-पाकिस्तान मैच में टॉस से चार मिनट पहले हुआ. जैसे ही पायक्रॉफ्ट मैदान पाए, तो ACC के आयोजन स्थल प्रबंधक ने उन्हें सूचित किया कि भारतीय सरकार की मंजूरी के बाद बीसीसीआई ने उन्हें सूचित किया है कि दोनों कप्तान सूर्यकुमार यादव और सलमान आगा के बीच कोई हैंडशेक की रस्म नहीं होगी.

ICC ने इस वजह से पाया पायक्रॉफ्ट को निर्दोष

इस पर पीसीबी के अधिकारियों ने तर्क दिया था कि पायक्रॉफ्ट को इस असामान्य अनुरोध के बारे में आईसीसी को सूचित करना चाहिए था. लेकिन पायक्रॉफ्ट का कहना था कि उनके पास आईसीसी को सूचित करने का समय नहीं था. और अगर उनके पास पर्याप्त समय होता, तो इसे लेकर आईसीसी से जरूर विचार-विमर्श करते. बहरहाल, आखिर में हैंडशेक जब नहीं हुआ, तो आईसीसी ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना क्योंकि हाथ मिलाने को लेकर कोई प्रोटोकॉल ही नहीं है.

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