बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए तीन वन-डे मैचों की सीरीज़ के पहले मैच में भारत-ए ने बांग्लादेश-ए को 96 रन से हरा दिया। भारत-ए की ओर से गुरकीरत सिंह ने ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए टीम की जीत में अहम योगदान दिया। उन्होंने बल्लेबाजी के दौरान टॉप ऑर्डर के नाकाम रहने पर न केवल 65 रनों की शानदार पारी खेली, बल्कि गेंदबाजी में भी पांच बांग्लादेशी बल्लेबाजों को पैवेलियन भेजा।
रवींद्र जडेजा के स्थान को चुनौती
गौरतलब है कि टीम इंडिया को लंबे समय से एक अच्छे ऑलराउंडर की तलाश है। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ज़रूरत से ज्यादा भरोसे के बाद भी रवींद्र जडेजा का प्रदर्शन औसत रहा है। वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप, 2015 के दौरान धोनी ने जडेजा पर सबसे ज़्यादा भरोसा दिखाया था, और खराब प्रदर्शन के बाद भी उन्हें लगातार टीम में यह कहते हुए बनाए रखा कि वह बड़े मैच में अच्छा करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन जडेजा ने कप्तान को पूरी तरह गलत ही साबित किया।
जडेजा ने घरेलू क्रिकेट में बल्ले से अच्छे प्रदर्शन के बाद भी अंतरराष्ट्रीय मैचों में बेहद खराब बल्बेबाजी की, सो, ऐसे में गुरकीरत ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करके टीम इंडिया में शामिल किए जाने के लिए अपना दावा मजबूत कर लिया है। अब चयनकर्ताओं पर है कि वे उन पर ध्यान देते हैं या नहीं। आलोचकों का भी कहना है कि जडेजा और पहले भी आज़माए जा चुके अक्षर पटेल की जगह घरेलू सीरीज़ में गुरकीरत जैसे युवाओं पर दांव लगाया जाना चाहिए।
बांग्लादेश की ओर से लिटन दास ने 75 और नासिर हुसैन ने 52 रन बनाए। इनके अलावा कोई भी बांग्लादेशी बल्लेबाज नहीं टिक सका। बांग्लादेश-ए की पूरी टीम 226 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। भारत-ए की ओर से श्रीनाथ अरविंद ने तीन और ऋषि धवन ने 2 विकेट लिए।
बल्लेबाजी में चमके सैमसन, गुरकीरत और धवन
भारत ने 26 ओवर के भीतर ही अपने टॉप के पांच विकेट खो दिए, लेकिन इसके बाद छठे विकेट के लिए संजू सैमसन और गुरकीरत सिंह ने शानदार खेल दिखाया और भारत की बल्लेबाज़ी को संभाला। दोनों के बीच 102 रनों की साझेदारी हुई। सैमसन ने 73 रनों की शानदार पारी खेली, वहीं गुरकीरत सिंह ने 65 रन बनाए, लेकिन भारत-ए के स्कोर को गति ऋषि धवन ने दी, उन्होंने 34 गेंदों में नाबाद 56 रनों की पारी खेली, जिसमें आठ चौके और दो छक्के शामिल रहे। इस तरह भारत-ए अपने निचले क्रम के शानदार प्रदर्शन के कारण 322 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।
रैना-उन्मुक्त ने किया निराश
सुबह टॉस जीतने के बाद बांग्लादेश की टीम ने पहले गेंदबाजी चुनी। भारत-ए की ओर से उन्मुक्त चंद और मयंक अग्रवाल ने 44 रनों की साझेदारी करके अच्छी शुरुआत की, लेकिन कप्तान उन्मुक्त चंद 16 रन पर ही आउट हो गए। इसके बाद खेलने आए मनीष पांडे ने 10 गेंद खेलीं, लेकिन एक रन बनाकर चलते बने। उनके बाद मैदान पर उतरे सुरेश रैना, जिन पर सबकी नजरें थीं। रैना ने तीन लाजवाब चौके लगाकर अच्छी शुरुआत भी की, लेकिन 28 गेंदों पर 16 रन बनाने के बाद वह ऑफ स्पिनर नासिर हुसैन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए।
रवींद्र जडेजा के स्थान को चुनौती
गौरतलब है कि टीम इंडिया को लंबे समय से एक अच्छे ऑलराउंडर की तलाश है। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ज़रूरत से ज्यादा भरोसे के बाद भी रवींद्र जडेजा का प्रदर्शन औसत रहा है। वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप, 2015 के दौरान धोनी ने जडेजा पर सबसे ज़्यादा भरोसा दिखाया था, और खराब प्रदर्शन के बाद भी उन्हें लगातार टीम में यह कहते हुए बनाए रखा कि वह बड़े मैच में अच्छा करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन जडेजा ने कप्तान को पूरी तरह गलत ही साबित किया।
जडेजा ने घरेलू क्रिकेट में बल्ले से अच्छे प्रदर्शन के बाद भी अंतरराष्ट्रीय मैचों में बेहद खराब बल्बेबाजी की, सो, ऐसे में गुरकीरत ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करके टीम इंडिया में शामिल किए जाने के लिए अपना दावा मजबूत कर लिया है। अब चयनकर्ताओं पर है कि वे उन पर ध्यान देते हैं या नहीं। आलोचकों का भी कहना है कि जडेजा और पहले भी आज़माए जा चुके अक्षर पटेल की जगह घरेलू सीरीज़ में गुरकीरत जैसे युवाओं पर दांव लगाया जाना चाहिए।
बांग्लादेश की ओर से लिटन दास ने 75 और नासिर हुसैन ने 52 रन बनाए। इनके अलावा कोई भी बांग्लादेशी बल्लेबाज नहीं टिक सका। बांग्लादेश-ए की पूरी टीम 226 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। भारत-ए की ओर से श्रीनाथ अरविंद ने तीन और ऋषि धवन ने 2 विकेट लिए।
बल्लेबाजी में चमके सैमसन, गुरकीरत और धवन
भारत ने 26 ओवर के भीतर ही अपने टॉप के पांच विकेट खो दिए, लेकिन इसके बाद छठे विकेट के लिए संजू सैमसन और गुरकीरत सिंह ने शानदार खेल दिखाया और भारत की बल्लेबाज़ी को संभाला। दोनों के बीच 102 रनों की साझेदारी हुई। सैमसन ने 73 रनों की शानदार पारी खेली, वहीं गुरकीरत सिंह ने 65 रन बनाए, लेकिन भारत-ए के स्कोर को गति ऋषि धवन ने दी, उन्होंने 34 गेंदों में नाबाद 56 रनों की पारी खेली, जिसमें आठ चौके और दो छक्के शामिल रहे। इस तरह भारत-ए अपने निचले क्रम के शानदार प्रदर्शन के कारण 322 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।
रैना-उन्मुक्त ने किया निराश
सुबह टॉस जीतने के बाद बांग्लादेश की टीम ने पहले गेंदबाजी चुनी। भारत-ए की ओर से उन्मुक्त चंद और मयंक अग्रवाल ने 44 रनों की साझेदारी करके अच्छी शुरुआत की, लेकिन कप्तान उन्मुक्त चंद 16 रन पर ही आउट हो गए। इसके बाद खेलने आए मनीष पांडे ने 10 गेंद खेलीं, लेकिन एक रन बनाकर चलते बने। उनके बाद मैदान पर उतरे सुरेश रैना, जिन पर सबकी नजरें थीं। रैना ने तीन लाजवाब चौके लगाकर अच्छी शुरुआत भी की, लेकिन 28 गेंदों पर 16 रन बनाने के बाद वह ऑफ स्पिनर नासिर हुसैन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए।
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