मुंबई क्रिकेट अकादमी में आयोजित एक कार्यक्रम में वेस्टइंडीज के सर गैरी सोबर्स (फोटो : PTI)
खास बातें
- सोबर्स को हर तरह की गेंदबाजी में हासिल थी महारत
- पहली बार एक ओवर में 6 छक्के लगाने का बनाया था रिकॉर्ड
- रवि शास्त्री ने की थी उनके रिकॉर्ड की बराबरी
वेस्टइंडीज ही नहीं वर्ल्ड क्रिकेट के महान ऑलराउंडर सर गैरी सोबर्स 80 साल (28 जुलाई को) के हो गए हैं। इस अवसर पर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली, विस्फोटक वीरू जैसे कई खिलाड़ियों ने उन्हें शुभकामना संदेश भेजे हैं। जहां सहवाग ने बधाई देने का अनूठा अंदाज जारी रखा है, वहीं कोहली ने सोबर्स से मिलने की इच्छा जताई है। सोबर्स न केवल बैटिंग, बल्कि बॉलिंग और फील्डिंग में बराबर की महारत रखते थे। गैरी सोबर्स ने एक ओवर में 6 छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी बनाया था, जिसकी बराबरी टीम इंडिया के ऑलराउंडर रवि शास्त्री ने की थी। एक और खास बात उनमें थी, जो उनके खेल नहीं बल्कि शरीर से जुड़ी हुई थी।
दोनों हाथों में थी एक उंगली ज्यादा
सोबर्स के दोनों हाथों में जन्म से ही एक-एक उंगली ज्यादा थी। इस प्रकार उनके दोनों हाथों में 5-5 उंगली और एक-एक अंगूठा था। कुल मिलाकर 12 उंगलियां उनके हाथों में थीं। सोबर्स ने अपनी ऑटोबायोग्राफी- 'गैरी सोबर्स : माय ऑटोबायोग्राफी' में अपनी इस विशेषता का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि जब वह 9 या 10 साल के थे, तभी एक उंगली निकल गई थी, जबकि दूसरे हाथ की उंगली को उन्होंने खुद निकलवा दिया था। हालांकि वह एक बार फिर उग आई थी।
सबसे पहले लागाए थे 6 गेंद में 6 छक्के, 55 लाख में नीलाम हुआ था यह बैट
गैरी सोबर्स क्रिकेट इतिहास के पहले खिलाड़ी थे, जिन्होंने 6 गेंदों में 6 छक्के लगाने का कमाल किया था। उन्होंने साल 1968 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में इंग्लिश काउंटी में नॉटिंघमशायर के लिए ग्लैमरगॉन के विरुद्ध मध्यम-तेज बाएं हाथ के गेंदबाज मेलकम नॉश के ओवर में यह उपलब्धि हासिल की थी। बाद में उनका यह बैट 55 लाख रुपए से अधिक में नीलाम हुआ था। बाद में 1985 में भारत के रवि शास्त्री ने लेफ्ट आर्म स्पिनर बड़ौदा के तिलकराज की 6 गेंदो पर 6 छक्के लगाकर इसकी बराबरी की।
गैरी सोबर्स ने अपना पहला फर्स्ट क्लास मैच 1953 में बाएं हाथ के स्पिनर के रूप में 16 वर्ष की उम्र में शुरू किया था और 1954 में उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए टेस्ट खेला। टीम में उनकी जगह पहले गेंदबाज के रूप में थी और बल्ले से वह कुछ खास नहीं कर पा रहे थे। करियर के चौथे साल में 1957-58 में उन्होंने पाकिस्तान के विरुद्ध बल्ले से कमाल किया और किंगस्टन में 365 रन नाबाद ठोक दिए, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था।
गेंदबाजी की विविधता देखिए
सोबर्स ने करियर बाएं हाथ के स्पिनर के रूप में शुरू किया था, लेकिन उन्होंने चाइनामैन शैली, लेग स्पिन, गुगली के साथ ही मीडियम पेस गेंदबाजी में भी महारत हासिल कर ली थी। बाद में वह मीडियम पेसर के रूप में अधिक सफल रहे और बल्लेबाजों को खासा परेशान किया। उनके विकेट खुद इसकी गवाही देते हैं। सोबर्स कवर्स के शानदार फील्डर रहे। उन्होंने टेस्ट में 109 कैच पकड़े थे।
ऑस्ट्रेलियाई लड़की से की थी शादी
भारत के बिशन सिंह बेदी और शिखर धवन की तरह ही वेस्टइंडीज के सोबर्स ने भी ऑस्ट्रेलियन गर्ल से शादी की थी। उनकी शादी प्रूडेंस किर्बे से 12 सितंबर, 1969 को हुई थी। अब उनका तलाक हो गया है। दोनों के दो बेटे हैं। इन्होंने एक बेटी को भी गोद लिया था।
सहवाग ने फिर दी खास बधाई
वीरेंद्र सहवाग ने ट्विटर पर एक बार फिर सबको हंसाया और गैरी सोबर्स को अपने ही अंदाज में बधाई दी। सहवाग के अनुसार सोबर्स में बड़े शॉट लगाने की गजब तकनीक थी, जिससे तेज गेंदबाज भी असहाय नजर आते थे।
उन्होंने लिखा, 'जन्मदिन की शुभकामनाएं सर गैरी सोबर्स। जिस तरह आप अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से विरोधी टीम की बखिया उधेड़ते थे, वह कभी नहीं कहते रहे होंगे कि आप 'सोबर' (साधारण) हैं।
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली का वीडियो संदेश ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा है, ‘‘क्रिकेट के मैदान पर आपके (सोबर्स) प्रदर्शन को याद किया जाता रहेगा। आप कुछ ऐसे खिलाड़ियों में रहे हैं, जिन्होंने खेलने का तरीका ही बदल दिया। शानदार करियर और जीवन के लिए शुभकामनाएं। मैं भाग्यशाली हूं कि आपको 80वें जन्मदिन पर शुभकामना दे पा रहा हूं। मुझे भरोसा है कि आप यूं ही क्रिकेटरों को प्रेरित करते रहेंगे। मैं किसी दिन आपसे मिलकर क्रिकेट पर बात करना चाहूंगा। यह मेरे जीवन की इच्छाओं में से एक है।’’
सोबर्स का टेस्ट करियर, केवल एक वनडे खेला
उन्होंने 93 टेस्ट में 160 पारियां खेली थीं, जिनमें 8032 बनाए थे। वह करियर में 21 बार नॉटआउट रहे। उनका बेस्ट 365 रन है। उनके नाम 26 शतक हैं। गेंदबाजी में उन्होंने 235 विकेट लिए, जिनमें 6 बार पारी में 5 विकेट शामिल हैं। फील्डिंग में सोबर्स ने 109 कैच भी पकड़े हैं। वनडे की बात करें तो वह केवल एक ही वनडे खेले, जिसमें कोई रन नहीं बनाया।