ड्वेन ब्रावो ने कमाल का आखिरी ओवर फेंका और इंडीज को जीत दिला दी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अमेरिका में खेली जा रही टी-20 सीरीज के पहले मैच में वेस्टइंडीज ने भारत को अंतिम क्षणों के जबर्दस्त रोमांच के बाद एक रन से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली. 2-0 के अंतर से टेस्ट सीरीज गंवाने वाली इंडीज टीम का यह प्रदर्शन निश्चित रूप से उसके उत्साह को बढ़ाने वाला है. ऐसे में कल रविवार को दूसरे और आखिरी मैच में जीत हासिल कर सीरीज बराबर करना टीम इंडिया के लिए आसान नहीं होगा. भारत कल का मैच गंवाकर यदि सीरीज 0-2 से हारा तो रैंकिंग में फिसलकर चौथे नंबर पर आ जाएगा.
शनिवार को इंडीज टीम ने चैंपियन स्टाइल में प्रदर्शन किया. पहले बैटिंग में ताबड़तोड़ प्रहार करते हुए उसके खिलाड़ियों ने भारतीय गेंदबाजों को 'सेटल' होने का कोई मौका नहीं दिया और बाद में अंतिम क्षणों में, जब भारत की जीत लगभग निश्चित लग रही थी, स्थिति को बखूबी नियंत्रित किया. पारी की आखिरी गेंद पर ड्वेन ब्रावो ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को आउट करते हुए भारतीय खेलप्रेमियों को सदमे में ला दिया. धोनी के आउट होते ही भारत एक रन से मैच हार गया. उतार-चढ़ावसे भरपूर इस मैच में टीम इंडिया की हार का कारण बनीं ये चार बातें..
ब्रावो की ओर से फेंका गया चमत्कारी 20वां ओवर
भारत की हार का अगर कोई सबसे बड़ा कारण रहा तो वह है हरफनमौला ड्वेन ब्रावो द्वारा फेंका गया पारी का आखिरी ओवर. अंतिम ओवर में टीम इंडिया को जीत के लिए महज 8 रन की जरूरत थी. चूंकि 19वें ओवर में ही राहुल और धोनी की जोड़ी ने जिस तरह से 16 रन 'लूटे' थे, उसे देखते हुए जीत तय लग रही थी, लेकिन ब्रावो ने चमत्कार करते हुए जीत भारत की झोली से इंडीज की झोली में डाल दी. शुरुआती पांच गेंदों में उन्होंने एक लेग बाई सहित छह रन दिए. उनके कोई भी बाउंड्री नहीं देने से बल्लेबाजी दबाव में आ गई. आखिरी गेंद पर दो रन की दरकार थी. स्ट्राइक पर कप्तान धोनी थे जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माने जाते हैं. लेकिन शनिवार को शायद माही का दिन नहीं था. उनकी गेंद पर भारतीय कप्तान थर्ड मैन बाउंड्री पर सेमुअल्स को कैच थमा बैठे. केएल राहुल के साहस भरे शतक के बावजूद भारत को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा.
इंडीज की पहले विकेट की शतकीय साझेदारी
मैच में पहले बैटिंग करते हुए बड़ी रनसंख्या तक पहुंचने के लिए इंडीज को अच्छी ओपनिंग की जरूरत थी. चार्ल्स और लेविस की जोड़ी ने तेजी से रन बनाते हुए ठीक यही किया. इन दोनों की आक्रामक बल्लेबाजी के कारण भारतीय गेंदबाज शुरुआत से ही बैकफुट पर आ गए और रनसंख्या टैक्सी के मीटर की तरह लगातार उछाल मारती रही. चार्ल्स-लेविस के बीच 126 रन की शुरुआती पार्टनरशिप ने इंडीज के लिए बड़े स्कोर तक पहुंचने का आधार तैयार किया. इंडीज का स्कोर 245 तक पहुंचते ही यह तय हो गया था कि जीत के लिए भारत को कोई चमत्कार करना होगा. भारत इस चमत्कार को करने के बेहद करीब पहुंच गया था लेकिन अंतिम गेंद ने उसका खेल बिगाड़ दिया.
ट्रंप कार्ड रविचंदन अश्विन का नहीं चलना
टेस्ट सीरीज में रविचंद्रन अश्विन ने गेंद और बल्ले, दोनों से शानदार प्रदर्शन किया था. ऐसे में धोनी टी20 सीरीज में भी अपने इस ट्रंप कार्ड से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद लगाए थे. दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो सका. वैसे इस बात का श्रेय कैरेबियन बल्लेबाजों को भी देना होगा जिन्होंने अश्विन के आक्रमण पर आते ही उन पर 'हमला' बोला और 'सेटल' होने का कोई मौका नहीं दिया. प्रारंभिक साझेदारी तोड़ने के लिए कप्तान धोनी पारी के छठे ही ओवर में अश्विन को अटैक पर ले आए थे, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ा और इस ओवर में ही 14 रन बन गए. अश्विन के चार ओवर में 36 रन बने और वे कोई विकेट नहीं ले सके.
भारत के लिए पहले विकेट के लिए बड़ी पार्टनरशिप नहीं होना
वेस्टइंडीज के स्कोर का कामयाबी से पीछा करने के लिए भारत को भी विपक्षी टीम की तरह मजबूत ओपनिंग पार्टनरशिप की दरकार थी. रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे की जोड़ी ने शुरुआत में 'हाथ खोलते' हुए आस जगाई थी, लेकिन यह साझेदारी ज्यादा देर नहीं चल पाई और अजिंक्य रहाणे ब्रावो के बेहतरीन कैच का शिकार बन गए. इसके बाद रोहित शर्मा और राहुल ने जमकर प्रयास किए. लेकिन अहम मौके पर रोहित शर्मा का विकेट गंवाना टीम इंडिया को भारी पड़ गया. कप्तान धोनी ने इसके बाद राहुल के साथ मिलकर जीत के बहुतेरे प्रयास किए लेकिन आखिरी क्षणों में इनके कदम लड़खड़ा गए.
शनिवार को इंडीज टीम ने चैंपियन स्टाइल में प्रदर्शन किया. पहले बैटिंग में ताबड़तोड़ प्रहार करते हुए उसके खिलाड़ियों ने भारतीय गेंदबाजों को 'सेटल' होने का कोई मौका नहीं दिया और बाद में अंतिम क्षणों में, जब भारत की जीत लगभग निश्चित लग रही थी, स्थिति को बखूबी नियंत्रित किया. पारी की आखिरी गेंद पर ड्वेन ब्रावो ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को आउट करते हुए भारतीय खेलप्रेमियों को सदमे में ला दिया. धोनी के आउट होते ही भारत एक रन से मैच हार गया. उतार-चढ़ावसे भरपूर इस मैच में टीम इंडिया की हार का कारण बनीं ये चार बातें..
ब्रावो की ओर से फेंका गया चमत्कारी 20वां ओवर
भारत की हार का अगर कोई सबसे बड़ा कारण रहा तो वह है हरफनमौला ड्वेन ब्रावो द्वारा फेंका गया पारी का आखिरी ओवर. अंतिम ओवर में टीम इंडिया को जीत के लिए महज 8 रन की जरूरत थी. चूंकि 19वें ओवर में ही राहुल और धोनी की जोड़ी ने जिस तरह से 16 रन 'लूटे' थे, उसे देखते हुए जीत तय लग रही थी, लेकिन ब्रावो ने चमत्कार करते हुए जीत भारत की झोली से इंडीज की झोली में डाल दी. शुरुआती पांच गेंदों में उन्होंने एक लेग बाई सहित छह रन दिए. उनके कोई भी बाउंड्री नहीं देने से बल्लेबाजी दबाव में आ गई. आखिरी गेंद पर दो रन की दरकार थी. स्ट्राइक पर कप्तान धोनी थे जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माने जाते हैं. लेकिन शनिवार को शायद माही का दिन नहीं था. उनकी गेंद पर भारतीय कप्तान थर्ड मैन बाउंड्री पर सेमुअल्स को कैच थमा बैठे. केएल राहुल के साहस भरे शतक के बावजूद भारत को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा.
इंडीज की पहले विकेट की शतकीय साझेदारी
मैच में पहले बैटिंग करते हुए बड़ी रनसंख्या तक पहुंचने के लिए इंडीज को अच्छी ओपनिंग की जरूरत थी. चार्ल्स और लेविस की जोड़ी ने तेजी से रन बनाते हुए ठीक यही किया. इन दोनों की आक्रामक बल्लेबाजी के कारण भारतीय गेंदबाज शुरुआत से ही बैकफुट पर आ गए और रनसंख्या टैक्सी के मीटर की तरह लगातार उछाल मारती रही. चार्ल्स-लेविस के बीच 126 रन की शुरुआती पार्टनरशिप ने इंडीज के लिए बड़े स्कोर तक पहुंचने का आधार तैयार किया. इंडीज का स्कोर 245 तक पहुंचते ही यह तय हो गया था कि जीत के लिए भारत को कोई चमत्कार करना होगा. भारत इस चमत्कार को करने के बेहद करीब पहुंच गया था लेकिन अंतिम गेंद ने उसका खेल बिगाड़ दिया.
ट्रंप कार्ड रविचंदन अश्विन का नहीं चलना
टेस्ट सीरीज में रविचंद्रन अश्विन ने गेंद और बल्ले, दोनों से शानदार प्रदर्शन किया था. ऐसे में धोनी टी20 सीरीज में भी अपने इस ट्रंप कार्ड से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद लगाए थे. दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो सका. वैसे इस बात का श्रेय कैरेबियन बल्लेबाजों को भी देना होगा जिन्होंने अश्विन के आक्रमण पर आते ही उन पर 'हमला' बोला और 'सेटल' होने का कोई मौका नहीं दिया. प्रारंभिक साझेदारी तोड़ने के लिए कप्तान धोनी पारी के छठे ही ओवर में अश्विन को अटैक पर ले आए थे, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ा और इस ओवर में ही 14 रन बन गए. अश्विन के चार ओवर में 36 रन बने और वे कोई विकेट नहीं ले सके.
भारत के लिए पहले विकेट के लिए बड़ी पार्टनरशिप नहीं होना
वेस्टइंडीज के स्कोर का कामयाबी से पीछा करने के लिए भारत को भी विपक्षी टीम की तरह मजबूत ओपनिंग पार्टनरशिप की दरकार थी. रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे की जोड़ी ने शुरुआत में 'हाथ खोलते' हुए आस जगाई थी, लेकिन यह साझेदारी ज्यादा देर नहीं चल पाई और अजिंक्य रहाणे ब्रावो के बेहतरीन कैच का शिकार बन गए. इसके बाद रोहित शर्मा और राहुल ने जमकर प्रयास किए. लेकिन अहम मौके पर रोहित शर्मा का विकेट गंवाना टीम इंडिया को भारी पड़ गया. कप्तान धोनी ने इसके बाद राहुल के साथ मिलकर जीत के बहुतेरे प्रयास किए लेकिन आखिरी क्षणों में इनके कदम लड़खड़ा गए.
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