किंग्स इलेवन पंजाब के हर खिलाड़ी से उसका बेहतरीन निकलवाना है : NDTV इंडिया से अश्विन

रविचंद्रन अश्विन ने कहा- हमारी नई टीम है, पूरी यंग टीम है, हमारे पास एक अच्छा मौक़ा है टीम को आगे लेकर जाने का

किंग्स इलेवन पंजाब के हर खिलाड़ी से उसका बेहतरीन निकलवाना है : NDTV इंडिया से अश्विन

रविचंद्रन अश्विन ने NDTV इंडिया से कहा- हर किसी की अपनी पर्सनालिटी होती है, मेरी पर्सनालिटी अलग है, मैं शांत रहने वाला हूं.

खास बातें

  • कहा- टीम में स्टार कल्चर नहीं रहेगा, हमें टीम के जैसा खेलना है
  • हर गेम नहीं भी जीत सकें तो हार को हैंडल करना भी बड़ी बात
  • अपने कप्तानों के साथ मिले अनुभवों का लाभ लेने की कोशिश करूंगा
नई दिल्ली:

टीम इंडिया के नियमित सदस्य और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण में किंग्स इलेवन पंजाब टीम के कप्तान बनाए गए रविचंद्रन अश्विन अपनी टीम के हर खिलाड़ी के बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रयासरत हैं. पहली बार कप्तान बने अश्विन अपनी टीम को लेकर काफी सकारात्मक और आशान्वित हैं. अश्विन ने NDTV इंडिया से इस नई जिम्मेदारी को लेकर लंबी चर्चा की.  

सवाल: आपको एक नई ज़िम्मेदारी दी गई है. आपको कप्तानी का एक अनुभव तो है. 20 साल की उम्र में आप अपनी राज्य टीम की कप्तानी कर चुके हैं. आप नई भूमिका के लिए कितने तैयार हैं?
अश्विन: कप्तान के लिए तैयार रहना जरूरी है. रणनीति बनाकर तैयार रहना चाहिए, योजना बनाना बहुत अहम है. आईपीएल की तैयारी के लिए मैने काफ़ी सोचा है कि कैसे खिलाड़ियों से बेहतरीन निकलवाना है. कैसे उनका बेहतरीन इस्तेमाल हो सके. किस टीम के ख़िलाफ़ किस तरह की प्लेइंग-11 हो. टीम में वीरू पा जी भी हैं. सब मिलकर रणनीति बनाएंगे. ज़्यादा सोचने के लिए नहीं है. बड़ी ज़िम्मेवारी है. नई टीम है. धीरे-धीरे ही बदलाव लाया जाए यही सोच है.

सवाल: टीम पूरी तरह नए सिरे से तैयार की गई है. आप टीम से खुश हैं?
अश्विन: देखिए आईपीएल में ऑक्शन में कुछ भी हो सकता है. आपको जैसी टीम चाहिए वैसी शायद नहीं मिलेगी. हर किसी की टीम में एक-दो कमजोरियां रहेंगी ही. हमारी नई टीम है. पूरी यंग टीम है. हमारे पास एक अच्छा मौक़ा है टीम को आगे लेकर जाने का. अच्छा बिल्ट करके ले जाने का, तीन साल में. बहुत हैप्पी हूं, क्योंकि बहुत सारे लोगों ने मेरे साथ खेला हुआ है. केल राहुल हैं, युवी पाजी है, मयंक अग्रवाल हैं. सब लोगों को अच्छे से जानते हैं.

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सवाल: आपने बात की युवराज सिंह की. टीम में युवराज हैं, क्रिस गेल हैं. ये स्टार खिलाड़ी हैं. आप स्टार को कैसे हैंडल करेंगे? एक कप्तान के लिए एक प्लेयर को और स्टार को हैंडल करना कितना मुश्किल या आसान होता है?
अश्विन: सब लोग प्रोफ़ेशनल हैं. स्टार की कोई बात ही नहीं. मीडिया के लिए स्टार हो सकते हैं. लेकिन अंदर टीम में स्टार कल्चर नहीं रहेगा. हमें टीम के जैसा खेलना है. युवी पाजी को अच्छी तरह जानता हूं. वे बड़े हेल्फफ़ुल हैं. वे मेरे पहले कप्तान भी रह चुके हैं, चैलेंजर्स ट्रॉफ़ी में. गेल को उतना ज़्यादा जानता नहीं हूं. एक अप्रैल को वे आने वाले हैं. मैं उनके साथ अच्छा रिश्ता बनाने की कोशिश करूंगा. उनसे सीखने की कोशिश करूंगा.

सवाल:  क्या अश्विन की कप्तानी में आक्रामता दिखेगी? किस तरह का कप्तान हम देखेंगे अश्विन को?
अश्विन:  हर किसी की अपनी पर्सनालिटी होती है. मेरी पर्सनालिटी अलग है. मैं शांत रहने वाला हूं. अच्छी योजना बनाने वाला हूं. अच्छी रणनीति बनाने वाला हूं. हो सकता है कि हम आईपीएल में हर गेम नहीं जीत सकें. हार को हैंडल करना भी बड़ी बात है. हार को ढोना सही नहीं है.

सवाल: तुलना तो नहीं करनी चाहिए, लेकिन आप धोनी की कप्तानी में भी खेले हैं. विराट की कप्तानी में भी खेले हैं. दोनों की किस खासियत को आप अपनाना चाहेंगे?
अश्विन:  दोनों की अपनी खासियत हैं. गौती भाई की कप्तानी में भी खेला है. मेरे पहले वनडे सीरीज़ में गौती भाई कप्तान थे. रैना की कप्तानी में भी खेले हैं. इन सबका सकारात्मक अपनाने की कोशिश करूंगा. विराट बहुत आक्रामक कप्तान हैं. धोनी बहुत कूल हैं. इन सबके साथ के अनुभव को अपनी कप्तानी में डालने की कोशिश करूंगा.

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सवाल: एक गेंदबाज़ के लिए कितना मुश्किल या आसान होता है, कप्तान की भूमिका निभाना?
अश्विन: पता नहीं, मैंने कप्तानी नहीं की है, करके देखना पड़ेगा. मगर एक चीज तो जरूर पता है कि मार खाने के बाद कैसे हेंडल करना है. इस फॉरमैट में हर गेंदबाज़ को मार पड़ती है. आप देखिए न, 200 से ज़्यादा रन बनने लगे हैं. इसको कैसे हैंडल करेंगे ये देखना पड़ेगा. ये पहला अनुभव होगा. इसलिए ज़्यादा सोचने की बजाय लुत्फ़ उठाना चाहता हूं.

सवाल: आपने कभी कहा था कि बतौर बॉलर सहवाग का आप पर डिमोर्जलाइजिंग इफेक्ट रहा है. आप उनसे कैसे तालमेल बिठाएंगे, अब जब आप दोनों एक साथ हैं.
अश्विन: T20 की कप्तानी में आप गेंदबाज़ को कैसे हैंडल करते हैं ये सबसे अहम रहता है. बैट्समैन को अपना रोल पता रहता है. उन्हें मोमेंटम के साथ चलते जाना होता है. कैसे बॉलर का उपयोग करेंगे. कैसे फ़ील्ड सेट करेंगे, ये अहम रहेगा. वीरू पाजी से उस मुद्दे पर बहुत बातें हुई हैं. आगे ज़्यादा सीखने की कोशिश करूंगा. रिलैक्स्ड और पॉज़िटिव रहने की कोशिश करूंगा.

सवाल: कुछ समय से आप लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं. इसका प्रेशर कुछ होगा?
अश्विन: ऐसा ज़रूरी नहीं है. ऐसा करना है, वैसा करना है, मेरा ऐसा कोई गोल नहीं है कि इस टीम के साथ खेलना है. मैं बेचैन नहीं हूं. आईपीएल को एंजॉय करना है. मैंने अपने गेम में सुधार के लिए बहुत सारी कोशिश की है. विविधता लाने की कोशिश की है. वैसे ही कोशिश आगे भी रहेगी.

सवाल: आईपीएल में 10 साल के अपने सफर को आप कैसे आंकते हैं?
अश्विन: आईपीएल एक अच्छी जरनी थी. 10 साल तक एक ही टीम के लिए खेला. पिछले दो साल पुणे के लिए भी खेला था. एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी एक्सपीरियंस है आईपीएल का. युवा क्रिकेटर्स को मौक़ा देता है कि प्रेशर को कैसे हैंडल करना है. बहुत सारे अंतरराष्ट्रीय स्टार के साथ खेलने का अनुभव हासिल होता है. आईपीएल से कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी सामने आए हैं.

सवाल: आप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ों में शामिल रहे हैं. इस क्लब में जब आप रहते हैं तो क्या अतिरिक्त दबाव होता है?
अश्विन: वैसा कुछ है ही नहीं. जब मैंने इंडियन टीम की ओर से खलने की कोशिश शुरू की तो मेरा पहला लक्ष्य था कि अच्छा बॉलर रहना है. टॉप पर जाना हमेशा मेरा सपना रहा है. दबाव जैसी कोई बात नहीं है. हर दिन एक बेहतर क्रिकेटर बनना चाहता हूं. वही मेरा लक्ष्य है.

सवाल: आपने सबसे तेज़ 50, 100, 150, 200, 250 विकेट लिए. आपके लिए रिकॉर्ड कितना मायने रखता है?
अश्विन: मैंने कभी मन में कोई रिकॉर्ड सेट नहीं किया कि ऐसा करना है, ये अचीव करना है. जैसा कि मैंने कहा कि मेरा लक्ष्य है हर दिन बेहतर क्रिकेटर साबित करना. उस लक्ष्य को लेकर चला और रिकॉर्ड बन गए. ऐसा नहीं है कि आगे क्या करना है, पहले क्या किया है ये सब मुझे पता भी नहीं है.

सवाल: ये कहा जाता है कि अश्विन दिमाग से गेंदबाज़ी करते हैं. पढ़े-लिखे होने का एक खिलाड़ी को कितना फ़ायदा मिलता है?
अश्विन: काफी एडवाटेंज होता है. (हंसते हुए) मैं प्लान करता हूं. ऐसा नहीं कि सोच सिर्फ़ गेम में ही होगा. गेम के पहले भी प्लान करते हैं कि बैट्समैन को कैसे आउट करना है? कहां रन नहीं देना है? उनकी स्ट्रेंथ क्या हैं? वीकनेस क्या है? मतलब स्टडी करके जाता हूं. हर गेम के लिए. ऐसा करके गया तो जीतने के चांस ज़्यादा रहेंगे.

VIDEO : हर कप्तान की स्टाइल अलग

सवाल: मैंने कहीं पढ़ा था कि आप किताबें भी बहुत पढ़ते हैं?
अश्विन: बुक्स पढ़ता हूं लेकिन आजकल ज़्यादा नॉवेल्स पढ़ता हूं. मुझे इतिहास में बहुत दिलचस्पी है.


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