
फीका (The Federation of International Cricketers' Associations) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया भर के 49 प्रतिशत खिलाड़ी घरेलु क्रिकेट लीग्स में देश के लिए खेलने पर मिलने वाले कॉन्ट्रेक्ट से ज्यादा पैसा मिलने पर देश के कॉन्ट्रेक्ट को छोड़ सकते हैं. विश्व के खिलाड़ियों के डाटा इक्ट्ठा करने वाले FICA ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है. हालांकि इसमें भारतीय खिलाड़ियों का डाटा शामिल नहीं है क्योंकि इंडियन क्रिकेटर्स FICA के अंडन नहीं आते हैं.
एक बहस कफी तेज़ हो रही है कि 50 ओवर का क्रिकेट तेजी से अपनी लोकप्रियता खो रहा है और सर्वे से ये भी पता चलता है कि उन क्रिकेटरों के प्रतिशत में भी गिरावट आई है जो अभी भी सोचते हैं कि एकदिवसीय विश्व कप आईसीसी कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण घटना है. रिपोर्ट में कहा गया है, "54 प्रतिशत अभी भी 50 ओवर के विश्व कप को शिखर आईसीसी आयोजन के रूप में मानते हैं, हालांकि यह 2018/19 एफआईसीए सर्वेक्षण में 86 प्रतिशत से काफी कम हो गया है."
नि: शुल्क एजेंसी बाजार में पूरी तरह से कई घरेलू और विदेशी घरेलू कॉन्ट्रेक्ट शामिल हैं (स्वयं के देश की टी-20 लीग के साथ-साथ दुनिया भर में अन्य टी-20 लीग).दिलचस्प बात यह है कि इस प्रवृत्ति से निकाला गया निष्कर्ष यह है कि पारंपरिक बाजार में केवल भारतीय खिलाड़ी शामिल हैं क्योंकि उन्हें विदेशी टी20 लीग खेलने की अनुमति नहीं है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईसीसी की सूची में 1-9 के बीच की रैंकिंग वाले देशों ने 2021 में 81.5 दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला जबकि 10-20 के बीच की रैंकिंग वाले देशों ने औसतन 21.5 दिन खेला. अकेले 2021 में 485 अंतरराष्ट्रीय मैच थे, जो कि 2020 में COVID-19 के कारण कम थे, लेकिन फिर भी 2019 में दुनिया भर में हुए 522 खेलों की तुलना में काफी कम है.
2021 में 80 कैलेंडर दिनों के साथ मोहम्मद रिजवान ने सबसे अधिक दिन क्रिकेट खेला, जबकि 75 दिनों के साथ ऋषभ पंत भारतीयों में सबसे अधिक हैं. बीच में, 2021 में 78 दिनों के क्रिकेट के साथ जो रूट है.
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