
भारत पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में शामिल करने की पहले करने जा रहा है. सूत्रों के अनुसार जून में वर्ल्ड बैंक की एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. इस बैठक में भारत पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक की तरफ से किसी भी वित्तीय सहायता के खिलाफ अपनी बात रखेगा. सूत्रों के मुताबिक भारत इस बात से भी नाराज है कि IMF ने भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान को वित्तीय सहायता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंटरनेशनल मोनेटरी फंड की मैनेजिंग डायरेक्टर के साथ खुद बात कर पाकिस्तान को वित्तीय मदद देने के प्रस्ताव का विरोध किया था. भारत ने IMF से कहा था कि पिछले कुछ दशक में जब भी आईएमएफ ने पाकिस्तान की वित्तीय सहायता की है उस साल पाकिस्तान की हथियारों की खरीद बढ़ गई है.
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत के अनुसार पाकिस्तान अपने क्षेत्र में पैदा होने वाले आतंक पर कार्रवाई करने में विफल रहा है और हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए बहुपक्षीय एजेंसियों से धन निकाल रहा है.
देशों को FATF ग्रे लिस्ट में रखता है?
जो देश मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए अपने शासन में रणनीतिक कमियों को दूर करने में विफल रहते हैं, और उनपर निगरानी बढ़ जाती हैं, उन्हें FATF की ग्रे लिस्ट में रखा जाता है.
जब FATF किसी देश को बढ़ी हुई निगरानी में रखता है, तो इसका मतलब है कि उस देश का काम है कि वह सहमत समय सीमा के भीतर पहचानी गई रणनीतिक कमियों को तेजी से हल करे और उसपर कड़ी निगरानी रखी जाएगी.
पाकिस्तान पर पहले हो चुका है एक्शन
2018 में, पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में रखा गया था और उसे मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए एक कार्य योजना (एक्शन प्लान) मिली थी. इसके बाद 2022 में FATF ने पाकिस्तान को लिस्ट से हटा दिया. भारत ने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान को IMF के बेलआउट पैकेज की किश्त जारी करने का विरोध किया था और अभी भी भारत का विरोध जारी है.