क्रिस लिन ने केकेआर की ओर से कई शानदार पारियां खेलीं थीं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें सीजन में कई खिलाड़ी मजबूती से उभरकर सामने आए और अपनी छाप छोड़ी. आईपीएल में उनको अच्छे प्रदर्शन का यह फायदा हुआ कि उन्हें आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए नेशनल टीम में चुन लिया गया. विदेशी खिलाड़ियों की बात करें, तो इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के बाद ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस लिन ने भी अपनी अलग पहचान बनाई. हालांकि वह शुरुआती दौर में ही कंधा चोटिल करवा बैठे थे. इस चोट से वह काफी डर गए थे. अब लिन एक बार फिर क्रिकेट में धमाल मचाने को तैयार हैं.
आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेलते हुए लिन ने ओपनर के रूप में मिले मौके को बखूबी भुनाया था. वह मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेले गए पहले मैच में फील्डिंग के दौरान अपने कंधे में चोट लगवा बैठे थे. हालांकि उन्होंने टूर्नामेंट के अंत में वापसी की थी और कोलकाता के लिए आतिशी पारियां खेली थीं.
लिन को आ रहा था गुस्सा, बुरी तरह डर गए थे...
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने लिन के हवाले से लिखा है, 'ईमानदारी से कहूं तो मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था. मैं उस समय अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था. चोट के बाद जो पहली चीज मेरे दिमाग में आई वह यह थी कि मैं यहां दोबारा खेल पाऊंगा या नहीं.'
उन्होंने कहा, "इसलिए मैं भारत में रुका रहा. हालांकि वहां रुकना जरूरी नहीं था लेकिन वापसी करना मेरी प्राथमिकता थी. इसलिए मैं वहां प्रतिदिन अभ्यास करता था और दोबारा मैदान पर वापसी करने की कोशिश करता था. मैं अपने आपको मौका देना चाहता था." गौरतलब है कि लिन को वापसी करने में दो से तीन सप्ताह लगे थे.
आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी की शुरुआत गुरुवार से हो रही है. ऑस्ट्रेलियाई टीम को अपना पहला मैच शुक्रवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलना है. लिन को पूरी उम्मीद है कि उनको प्लेइंग इलेवन में अवश्य जगह मिलेगी.
लिन ने कहा, 'मैं वापसी के लिए प्रतिबद्ध था. वापसी के बाद जो पहला मैच मैंने खेला उसमें मैंने गेंद को अच्छे से मारा. इसलिए मेरा आत्मविश्वास काफी ऊपर है. अगर मुझे मौका मिलता है तो मैं टीम में अपना योगदान देना चाहूंगा.'
आईपीएल में पहले 4 साल फेल रहे
वैसे क्रिस लिन का यह पहला आईपीएल नहीं था. वह आईपीएल से साल 2012 में डेक्कन चार्जर्स जुड़े थे, लेकिन एक ही मैच खेल पाए. 2013 में उन्हें मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला. साल 2014 में कोलकाता नाइटराइडर्स की नजर उन पर पड़ी, लेकिन उन्हें दो मैच खेलने का मौका ही मिला. 2015 में फेल रहे. 2016 में दो ही मैच खेले.
रोल के बारे में नहीं कह सकता : लिन
लिन से जब टी-20 से 50 ओवर के बदलते प्रारूप के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "क्या मेरा रोल बदला है? मैं नहीं कह सकता. अंत में यह सफेद गेंद है और मैं इसे अगर उसी तरह से मार सका जिस तरह से टी-20 में मार रहा था, तो यह अच्छा है."
क्रिस लिन पहली बार 19 की उम्र में चर्चा में आए थे जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की शेफील्ड शील्ड चैंपियनशिप में जोरदार शतक जड़ा था. साल 2014 में उन्हें पहली बार ऑस्ट्रेलियाई टी20 टीम में जगह मिली. उन्हें पांच टी20 खेलने का मौका मिला फिर बाहर हो गए. पिछले साल बिग बैश लीग में छा गए, जिससे ऑस्ट्रेलिया की वनडे टीम ने उन्हें जगह मिल गई.
(इनपुट एजेंसी से भी)
आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेलते हुए लिन ने ओपनर के रूप में मिले मौके को बखूबी भुनाया था. वह मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेले गए पहले मैच में फील्डिंग के दौरान अपने कंधे में चोट लगवा बैठे थे. हालांकि उन्होंने टूर्नामेंट के अंत में वापसी की थी और कोलकाता के लिए आतिशी पारियां खेली थीं.
लिन को आ रहा था गुस्सा, बुरी तरह डर गए थे...
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने लिन के हवाले से लिखा है, 'ईमानदारी से कहूं तो मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था. मैं उस समय अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था. चोट के बाद जो पहली चीज मेरे दिमाग में आई वह यह थी कि मैं यहां दोबारा खेल पाऊंगा या नहीं.'
उन्होंने कहा, "इसलिए मैं भारत में रुका रहा. हालांकि वहां रुकना जरूरी नहीं था लेकिन वापसी करना मेरी प्राथमिकता थी. इसलिए मैं वहां प्रतिदिन अभ्यास करता था और दोबारा मैदान पर वापसी करने की कोशिश करता था. मैं अपने आपको मौका देना चाहता था." गौरतलब है कि लिन को वापसी करने में दो से तीन सप्ताह लगे थे.
आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी की शुरुआत गुरुवार से हो रही है. ऑस्ट्रेलियाई टीम को अपना पहला मैच शुक्रवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलना है. लिन को पूरी उम्मीद है कि उनको प्लेइंग इलेवन में अवश्य जगह मिलेगी.
लिन ने कहा, 'मैं वापसी के लिए प्रतिबद्ध था. वापसी के बाद जो पहला मैच मैंने खेला उसमें मैंने गेंद को अच्छे से मारा. इसलिए मेरा आत्मविश्वास काफी ऊपर है. अगर मुझे मौका मिलता है तो मैं टीम में अपना योगदान देना चाहूंगा.'
आईपीएल में पहले 4 साल फेल रहे
वैसे क्रिस लिन का यह पहला आईपीएल नहीं था. वह आईपीएल से साल 2012 में डेक्कन चार्जर्स जुड़े थे, लेकिन एक ही मैच खेल पाए. 2013 में उन्हें मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला. साल 2014 में कोलकाता नाइटराइडर्स की नजर उन पर पड़ी, लेकिन उन्हें दो मैच खेलने का मौका ही मिला. 2015 में फेल रहे. 2016 में दो ही मैच खेले.
रोल के बारे में नहीं कह सकता : लिन
लिन से जब टी-20 से 50 ओवर के बदलते प्रारूप के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "क्या मेरा रोल बदला है? मैं नहीं कह सकता. अंत में यह सफेद गेंद है और मैं इसे अगर उसी तरह से मार सका जिस तरह से टी-20 में मार रहा था, तो यह अच्छा है."
क्रिस लिन पहली बार 19 की उम्र में चर्चा में आए थे जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की शेफील्ड शील्ड चैंपियनशिप में जोरदार शतक जड़ा था. साल 2014 में उन्हें पहली बार ऑस्ट्रेलियाई टी20 टीम में जगह मिली. उन्हें पांच टी20 खेलने का मौका मिला फिर बाहर हो गए. पिछले साल बिग बैश लीग में छा गए, जिससे ऑस्ट्रेलिया की वनडे टीम ने उन्हें जगह मिल गई.
(इनपुट एजेंसी से भी)
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