
बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति की इस मुद्दे पर तीन नवंबर को बैठक होगी (प्रतीकात्मक फोटो)
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विराट और उनके साथियों को अपने दायरे में लाना चाहता है नाडा
इस मुद्दे पर प्रशासकों की समिति की 3 नवंबर को होनी है बैठक
शीर्ष क्रिकेटर रहने के स्थान की शर्त मानने से करते रहे हैं इनकार
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बीसीसीआई अभी स्वीडन की संस्था अंतरराष्ट्रीय ड्रग परीक्षण प्रबंधन (आईडीटीएम) की सेवाएं ले रहा है और उसका उसके साथ बने रहने की संभावना है. रिपोर्टों के अनुसार नाडा घरेलू टूर्नामेंटों के दौरान डोपिंग नियंत्रक अधिकारी (डीसीओ) भेज सकता है और अगर बीसीसीआई सहयोग नहीं करता है तो वह कानूनी रास्ता अपनाएगा लेकिन बोर्ड के सीनियर अधिकारियों का मानना है कि क्या सरकारी अधिकारियों के लिये ऐसा करना आसान होगा. शीर्ष भारतीय क्रिकेटर समय समय पर रहने के स्थान की शर्त को मानने से इनकार करते रहे हैं क्योंकि इससे उनकी निजता का उल्लंघन होता है.
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बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘बीसीसीआई ने नाडा संहिता पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और इसलिए डोप परीक्षण के लिये अपने क्रिकेटरों को भेजना अनिवार्यता नहीं है. आईसीसी टूर्नामेंटों में हमारे क्रिकेटरों का वाडा परीक्षण करता है लेकिन हम राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) नहीं हैं और इसलिए नाडा से जुड़ना हमारे लिये जरूरी नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारी प्रक्रिया पारदर्शी है और हाल में वाडा की रिपोर्ट इसका सबूत है जिसमें हमारे 153 क्रिकेटरों को प्रतियोगिता के दौरान और प्रतियोगिता से इतर परीक्षण किया गया और एक परीक्षण पॉजीटिव पाया गया.’अधिकारी से जब कानूनी कार्रवाई के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई पहले ही कई कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। नाडा अधिकारियों को लगता है कि वे आईपीएल या रणजी ट्राफी में आएंगे और बीसीसीआई से पंजीकृत क्रिकेटरों को डोप परीक्षण के लिये मजबूर करेंगे। हमें नहीं लगता कि यह इतना आसान है.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)