
आईपीएल 2013 में स्पॉट फिक्सिंग मामले में आजीवन प्रतिबंध झेल रहे अजीत चंदीला (Ajit Chandila) को बीसीसीआई (BCCI) के लोकपाल ने बड़ी राहत दी है. बीसीसीआई लोकपाल विनीत शरण ने अजीत चंदीला के आजीवन प्रतिबंध की सजा को घटाकर सात साल कर दिया गया है. भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज एस श्रीसंत (S. Sreesanth) और अंकित चव्हाण (Ankeet Chavan) के साथ-साथ अजीत चंदीला पर भी स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे थे. इन तीनों क्रिकेटर्स को स्पॉट फिक्सिंग मामले में दिल्ली की पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार भी किया था.
साल 2013 में सामने आए इस स्पॉट फिक्सिंग मामले के बाद भारतीय क्रिकेट को बड़ा झटका लगा था. इस मामले के सार्वजनिक होने के बाद सर्वोच्च अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा था और बाद में बीसीसीआई के संविधान को भी बदलाव हुआ था.
बीसीसीआई ने साल 2013 में इस मामले के सामने आने के बाद अजित चंदीला को किसी भी तरह की क्रिकेट गतिविधि से सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद साल 2016 में अजीत चंदीला पर बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति ने आजीवन बैन लगा दिया था. वहीं अब बीसीसीआई लोकपाल ने अजीत चंदीला पर साल 18 जनवरी 2016 से 7 साल का बैन लगाया है.
साल 2017 में केरल हाई कोर्ट ने बीसीसीआई द्वारा श्रीसंत पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया था. इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने साल 2015 में श्रीसंत को स्पॉट फिक्सिंग के तमाम आरोपों से बरी किया था, लेकिन बीसीसीआई ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया था.
हालांकि, बीसीसीआई ने बाद में श्रीसंत और अंकित चव्हाण पर लगे आजीवन बैन को हटा दिया था. श्रीसंत के पक्ष में आए आदेश के बाद चंदीला और चव्हाण ने भी अपने ऊपर लगे बैन को हटाने की मांग की थी. बता दें, बैन हटने के बाद श्रीसंत अपनी घरेलू टीम केरल की तरफ से खेलते हुए दिखाई दिए थे, जबकि अंकित चव्हाण मुंबई के अपने क्लब के खेले थे.
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