Operation Sindoor: हमले के बीच बजने वाले सायरन का इतिहास क्या है
Operation Sindoor: जम्मू में रात के सन्नाटे को केवल दो चीजें चीर रही थीं- पाकिस्तान से बरसते ड्रोन को तबाह करते भारत के हथियार और जमीं पर बजते सायरन. 8 और 9 मई की दरमियानी रात हवाई हमले की चेतावनी देते हुए सायरन की यह आवाज जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब, राजस्थान और गुजरात के कई हिस्सों में सुनने को मिली. इस सायरन के आवाज के साथ दो चीजें हो रही थीं- पूरे इलाके की बिजली बंद कर दी गई और लोगों ने अपने अपने घरों में अंधेरा कर लिया. पूरा इलाका ब्लैकआउट में चला गया. दूसरा काम कि सभी लोगों ने किसी छत के नीचे या सुरक्षित स्थानों पर जाकर शरण ले ली. तो चलिए आपको बताते हैं कि सायरन सुनते आपको क्या करना है. और उससे भी बड़ी यह बात कि यह सायरन सिस्टम शुरु कब हुआ था.
सायरन सुनते आपको क्या करना है?
सायरन मतलब खतरे की घंटी. पाकिस्तान के साथ तनाव चरम पर है और सरकार सायरन को रेड अलर्ट जारी करने के रूप में इस्तेमाल कर रही है. जैसे ही सायरन बजेगा आपको अपने-अपने घरों में ही या किसी भी छत के नीचे आ जाना है और सभी तरह की लाइट बंद कर देनी है. प्रशासन की तरफ से बिजली काट दी जाएगी और ऐसे में आपको ब्लैकआउट के दौरान इनवर्टर और जनरेटर से भी लाइट नहीं जलानी है.
युद्ध में खतरे का संकेत कैसे बना सायरन?
1937 में जब द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई तो चेतावनी के संकेत के रूप में सायरन का बडे़ पैमाने पर प्रयोग शुरू हुआ. सायरन बनाने वाली जर्मनी की कंपनी हर्मन ग्रूप की रिपोर्ट के अनुसार इस युद्ध में जर्मनी में लगभग 11,000 सायरन बजाकर जनता को हवाई हमले की चेतावनी दी जाती थी. इस काम के अलावा इन सायरन का कहीं और प्रयोग करने की इजाजत नहीं थी. उन्हें केवल हवाई हमले की चेतावनियों और खतरे के गुजर जाने के बाद ऑल-क्लियर बताने के लिए उपयोग किया जा सकता था.
वैसे तो इस युद्ध के बाद, सायरन ने अपना महत्व खो दिया, लेकिन केवल थोड़े समय के लिए ही. जैसे ही अमेरिका और सोवियर रूस के बीच शीत युद्ध की शुरुआत हुई, इसकी अहमियत फिर बढ़ गई. परमाणु हमले के डर से सरकारों ने नागरिक सुरक्षा को लेकर ज्यादा संजीदा हुई. बड़े-बड़े टावर बनाकर सायरन को उनके उपर लगाया जाने लगा. उस समय से लेकर चाहे इजरायल-गाजा युद्ध हो या फिर रूस-यूक्रेन युद्ध, इस सायरन का उपयोग किसी भी तरह के हवाई हमले की स्थिति में रेड अलर्ट जारी करने के लिए किया जाता है.
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