अब यह साफ हो ही चुका है कि टीम इंडिया के अगले कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) होंगे, लेकिन जस्टिस लोढ़ा के संविधान की प्रक्रिया पूरी करने के लिए तमाम कानूनी बातों का पूरा होना भी जरूरी है. ऐसे में बोर्ड ने रविवार को मुख्य कोच सहित तमाम बाकी पदों के लिए आवेदन मंगवाए हैं. इसमें विस्तार से कोच (राहुल द्रविड़) की भूमिका के अलावा बाकी पदों की जरूरतों और जिम्मेदारियों के बारे में भी अवगत कराया गया है. बोर्ड ने सीनियर टीम के हेड कोच के अलावा बैटिंग कोच, बॉलिंग कोच, फील्डिंग कोच और हेड स्पोर्ट्स साइंस पदों के लिए भी एप्पलीकेशन मंगायी हैं. मुख्य कोच पद के लिए आवनेदन 26 अक्टूबर शाम पांच बजे और बाकी पदों के लिए 3 नवंबर शाम पांच बजे तक आवेदन किया जा सकता है.
प्रक्रिया के तहत आवेदन के बाद क्रिकेट सलाहकार कमेटी (CAS) आवेदनकर्ताओं के रिज्यूम छंटनी करेगी और फिर तमाम छांटे गए लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा. अब यह देखने की बात होगी कि जब बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार द्रविड़ का नाम कोच पद के लिए पक्का किया जा चुका है, तो ऐसे हालात में कौन-कौन कोच पद के लिए आवेदन करेगा.
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बहरहाल, सच यह है कि बीसीसीआई ने कि नए कोच (राहुल द्रविड़) की भूमिका का विस्तार कर दिया है. और यह बोर्ड द्वारा आवेदन में कोच के लिए बतायी गयी जिम्मेदारी और जवाबदेही से साफ पता चलता है. आवेदन में बतायी गयी शर्तें बताती हैं कि वास्तव में द्रविड़ क्या चाहते थे और बीसीसीआई ने उनकी बातें मानकर उन्हें भारतीय इतिहास का सबसे पावरफुल कोच बना दिया है. चलिए हम बारी-बारी से आपको द्रविड़ की भूमिका के बारे में बता देते हैं, जो बीसीसीआई ने उनके लिए तय की हैं !!
* मुख्य कोच तीनों फॉर्मेटों में संपूर्ण रूप से भारतीय टीम के प्रदर्शन और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगा.
* हेड कोच विशेषज्ञ कोच और सपोर्ट स्टॉफ का नेतृत्व करेगा और उनकी भूमिका, उनके प्रदर्शन और जारी विकास के लिए जिम्मेदार होगा.
* मुख्य कोच भारतीय टीम के भीतर अनुशासन व्यवस्था की समीक्षा करने, इसे काबिज करने और इसे लागू करने के प्रति जिम्मेदार होगा.
* हेड कोच राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के हेड के साथ मिलकर काम करेगा. वह उसके साथ मिलकर राष्ट्रीय टीम का हिस्सा न रहे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के विकास के लिए विकास योजनाएं बनाने का काम करेगा.
* हेड कोच एनसीए के हेड के साथ खिलाड़ियों के विकास के लिए नीति बनाएगा. इस नीति को देश की सभी प्रथम श्रेणी टीमों को बताया जाएगा, जिससे प्रथम श्रेणी कोचों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल होने के लिए जरूरी मानकों के बारे में पता हो.
* राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के साथ मिलाकर प्रमुख प्रतिस्पर्धाओं के दौरान खिलाड़ियों का आंकलन करना या इन पर नजर रखना. साथ ही, जरूत पड़ने पर टीम चयन के दौरान हेड कोच अपनी सलाह चयनकर्ताओं को देगा.
* हेड कोच क्रिकेट के विकास के तरीकों में सहयोग और सलाह देगा.
* हेड कोच वर्कलोड प्रबंधन देखेगा और तमाम सपोर्ट स्टॉफ के सदस्यों के लिए परफॉरमेंस मानक/व्यवस्था बनाएगा.
कुल मिलाकर बीसीसीआई ने आवेदन में दी गई इन शर्तों के साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से बता दिया है कि द्रविड़ के मन में क्या था, तो वहीं टीम इंडिया के हेड कोच की भूमिका का भी विस्तार कर दिया गया है. ये शर्तें बताती हैं कि पहले कभी किसी कोच को इतनी पावर नहीं ही मिली. बता दें कि बीसीसीआई नए हेड को को साल में करीब दस करोड़ रुपये की फीस देगा, जो अभी तक भारतीय क्रिकेट इतिहास में किसी कोच को नहीं ही मिली है.
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