भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने रविवार को चेन्नई में हुई एक अनौपचारिक बैठक में इसी महीने के आखिर में होने वाले वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को टालने का फैसला किया है। साथ ही यह फैसला भी हुआ कि इसके आगे के कदम पर विचार 26 सितंबर को कार्यकारिणी की बैठक में लिया जाएगा।
गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की एजीएम और फिर चुनाव इसी महीने के अंत में होने थे। एन. श्रीनिवासन का तीन साल का कार्यकाल आने वाले 29 सितंबर को खत्म हो रहा है। वह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हालांकि पहले ही पद से हटाए जा चुके हैं। नियमों के अनुसार एजीएम बुलाने से पहले कार्यकारिणी समिति को 14 दिनों पहले इसकी सूचना अन्य सदस्यों को देनी होती है।
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, 'हमारे पास एजीएम को टालने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। हमने 26 सितंबर को कार्यकारिणी समिति की बैठक बुलाई है। इसमें यह फैसला लिया जाएगा कि आगे क्या कदम उठाए जाएं। एजीएम या चुनाव से पहले हमें सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करना होगा।'
अधिकारी ने बताया कि चूंकी सर्वोच्च न्यायालय ने मुकुल मुद्गल समिति से यह कहा है कि संभव हो तो वह बोर्ड अधिकारियों के पर लगे कथित आरोपों की अलग-अलग जांच कर सकती है। ऐसे में बीसीसीआई यह देखना चाहती है कि मुकुल मुद्गल समिति 26 सितंबर से पहले कोई अंतरिम रिपोर्ट पेश करती या नहीं।
बीसीसीआई ने एजीएम को तीन महीने बढ़ाने के लिए रेजिस्ट्रार सोसाइटी से भी अनुमति मांगी है। माना जा रहा है कि बोर्ड ने आईसीसी अध्यक्ष श्रीनिवासन को दोबारा चुनाव लड़ने की सुविधा प्रदान करने के लिए यह कदम उठाया है।
इससे पहले एक सितंबर को श्रीनिवासन को दोबारा बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर बहाल करने की बोर्ड की मांग को सर्वोच्च न्यायालय ने ठुकरा दिया था। साथ ही न्यायालय ने मुद्गल समिति को भी आईपीएल में हुई कथित स्पॉट फिक्ंसग और सट्टेबाजी की जांच के लिए दो महीने का समय और देने का फैसला किया।
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