भारतीय क्रिकेट टीम ने रांची में हुए सीरीज के चौथे टेस्ट में पांच विकेट की जीत के साथ इंग्लैंड के खिलाफ एक यादगार सीरीज जीत हासिल की. विराट कोहली, केएल राहुल जैसे बल्लेबाजों के बिना, रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया ने पहले टेस्ट हारने के बाद सीरीज में जबरदस्त वापसी की और लगातार तीन मुकाबले अपने नाम किए. रांची टेस्ट में कई मौकों पर इंग्लैंड ने मैच पर अपनी पकड़ बना रखी थी, लेकिन युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल, ध्रुव जुरेल और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों के चलते भारत ने मैच पर अपकी पकड़ मजबूत की और चौथे दिन मैच अपने नाम किया. इस जीत के साथ ही भारत ने पांच मैचों की सीरीज 3-1 से जीत ली है. इस सीरीज का आखिरी मुकाबला धर्मशाला में 7 मार्च से खेला जाना है. इंग्लैंड ने पहले मैच में भारत को 28 रनों से हराकर जीत के साथ सीरीज का आगाज किया था. इंग्लैंड के दौरे से पहले बैजबॉल को लेकर काफी बहस थी और सीरीज के शुरुआती मैच में जीत के बाद इसकी और अधिक चर्चा होने लगी. हालांकि, भारत के प्रदर्शन ने इंग्लैंड की बैजबॉल रणनीति पर सवालिया निशान लगा दिया है क्योंकि कोच ब्रेंडन मैकुलम और बेन स्टोक्स की जोड़ी को पहली सीरीज हार का सामना करना पड़ा है.
इंग्लैंड के टेस्ट सीरीज हारने के बाद भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ने इस पर खुलकर बात की कि क्या बैज़बॉल भी इंग्लैंड के काम नहीं आया. कुंबले ने कहा,"जब इंग्लैंड यहां आया तो चुनौती स्पष्ट थी. बैजबॉल या आप इसे जो भी कहें, भारत में खेलना और यहां भारत को हराना कभी आसान नहीं होगा. भारत ने पिछले एक दशक में घरेलू मैदान पर कभी कोई सीरीज नहीं हारी है. वे (इंग्लैंड) जानते थे कि उन्हें अलग होना होगा लेकिन उनका गेंदबाजी आक्रमण ऐसा नहीं था जिसके बारे में उन्हें लगता था कि वह भारत की बल्लेबाजी लाइन-अप को भेदने में सक्षम होंगे."
अनिल कुंबले ने आगे कहा,"रांची टेस्ट के अलावा बेन स्टोक्स, जॉनी बेयरस्टो और जो रूट सहित इंग्लैंड के सीनियर बल्लेबाजों ने लगातार योगदान नहीं दिया. कुछ महत्वपूर्ण मौके थे जिन्हें उन्होंने पकड़ लिया लेकिन कुछ अन्य महत्वपूर्ण मौके को उन्होंने गंवा दिया. यह कहना अच्छा है कि 'मैं इसी तरह से बल्लेबाजी करता हूं', लेकिन आप हर समय इस तरह से बल्लेबाजी नहीं कर सकते. तुम्हें रुकना होगा. टेस्ट मैच क्रिकेट में तो यही होता है. यह परिस्थितियों के बारे में है और रूट ने इस (रांची) मैच में यही किया. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि वह सफल रहा, जिस पर इंग्लैंड को चर्चा करनी होगी और देखना होगा."
बता दें, इंग्लैंड के बैजबॉल के जवाब में भारत ने जैसबॉल दिखाया. सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल जो पहले टेस्ट में अपने शतक से चूक गए थे, उन्होंने सीरीज के दूसरे और तीसरे टेस्ट में दोहरा शतक जड़कर इतिहास रच दिया. इसके अलावा जायसवाल ने तीसरे टेस्ट में पहली पारी में अर्द्धशतक लगाया. जायसवाल इस सीरीज में 600 से अधिक रन बना चुके हैं और वह सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. दूसरी तरफ इंग्लैंड का मध्यक्रम इस पूरी सीरीज के दौरान विफल रहा, जिससे टीम को यह सीरीज गंवानी पड़ी.
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