अजहरुद्दीन ने कहा, धोनी अब पहले जैसा खिलाड़ी नहीं रहा

अजहरुद्दीन ने कहा, धोनी अब पहले जैसा खिलाड़ी नहीं रहा

महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने रविवार को कहा कि महेंद्र सिंह धोनी अब पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे। उन्हें अपने साथियों के सामने उदाहरण पेश करके बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आना चाहिए। फिरोजशाह कोटला में दिल्ली रणजी ट्राफी मैच से इतर अजहरुद्दीन ने कहा, ‘वह (धोनी) कप्तान हैं और उन पर काफी दबाव होता है। अगर वह प्रदर्शन नहीं करता है तो चयनकर्ताओं को उसके बारे में सोचना होगा। वह अब वैसा खिलाड़ी नहीं रहा जैसा पहले था। बेशक प्रभाव छोड़ने के लिए उसे ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करनी होगी।’

'फिनिशर' बेमायने, सब में मैच को अंजाम तक पहुंचाने का कौशल हो
भारत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले एक दिवसीय मैच में रोहित शर्मा के 150 रन के बावजूद पांच रन से हार गया। यहां तक कि धोनी भी टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने में नाकाम रहे। भारत के पास फिनिशर की कमी के बारे में पूछने पर अजहरूद्दीन ने कहा कि इस शब्द को बढ़ाचढ़ाकर पेश किया गया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आता कि फिनिशर शब्द का असल में मतलब क्या है। सभी में मैच को अंजाम तक पहुंचाने का कौशल होना चाहिए। आपका मतलब है कि आपको जीतने के लिए 50 रन की जरूरत है और कोई 70 से अधिक रन बनाकर खेल रहा है तो उसे मैच खत्म करने की जिम्मेदारी किसी और पर छोड़ देनी चाहिए। अगर आप क्रीज पर हों तो भारत को जीत दिलाना आपका काम है।’

बेहतर खिलाड़ी है अजिंक्य
उन्होंने कहा, ‘अजिंक्य रहाणे की तकनीक या मनोदशा में कुछ भी गलत नहीं है। यह सबसे दुर्भाग्यशाली चीज है कि टी20 श्रृंखला के दौरान उसे बाहर बैठना पड़ा। जब उसे अंतत: चुना गया तो काफी देर हो चुकी थी क्योंकि श्रृंखला गंवा दी गई थी। अंबाती रायुडू को सम्मान देता हूं लेकिन अजिंक्य कहीं बेहतर खिलाड़ी हैं। आप विराट कोहली के बाद अपने सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज को कैसे बाहर बैठा सकते हो।’ उन्होंने कहा, ‘रहाणे आक्रामक बल्लेबाज है और उसके पास सभी शाट हैं। उसे बल्लेबाजी क्रम में ऊपर खेलना होगा।’ इस पूर्व कप्तान ने अलग-अलग प्रारूप में अलग कप्तान के मुद्दे को भी अधिक तवज्जो नहीं दी।

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टीम की अगुआई करने के लिए विराट सर्वश्रेष्ठ
अजहरुद्दीन ने कहा, ‘देखिए धोनी के जाने के बाद विराट को टीम की अगुआई करनी चाहिए जो आपका सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी है। अन्य देशों में तीन कप्तान होते हैं क्योंकि उनके काफी खिलाड़ी सभी प्रारूपों में स्वत: पसंद नहीं होते। विराट तीनों प्रारूपों में अगुआई करने का दावेदार है। जहां तक दबाव का सवाल है, तो कोई दबाव नहीं है क्योंकि यह उसकी दबाव झेलने की उम्र है। अब नहीं करेगा तो कब करेगा।’ अजहरूद्दीन की नजरों में आक्रामकता का मतलब है रन बनाना और विकेट हासिल करना। उन्होंने कहा, ‘उस आक्रामकता का क्या मतलब जिसके कारण इशांत टेस्ट मैच नहीं खेल पाएगा।’