ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी शेन वॉर्न (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
एक ऐसी सीरीज जिसमें दो चिर प्रतिद्वंदी टीमें (ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड) एक-दूसरे को हराने के लिए जी जान लगा देती हैं। जो भारत-पाकिस्तान मैच जितनी ही मनोरंजक होती है और जिसका इतिहास भी लगभग 133 साल पुराना है, उस सीरीज का नाम है 'एशेज'। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सीरीज से ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर गेंदबाज शेन वॉर्न का बेहद खास नाता है, जिसमें वॉर्न द्वारा डाली गई गेंद को 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' का नाम मिला।
दरअसल, 4 जून 1993 को ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान शेन वॉर्न ने इंग्लिश बल्लेबाज माइक गैटिंग को क्लीन बोल्ड कर दिया था। उनकी इस गेंद ने क्रिकेट के बड़े-बड़े दिग्गजों को आश्चर्यचकित कर दिया था। लेकिन ऐसा क्या था, जिससे वॉर्न की यह गेंद इस कदर चर्चा का विषय बन गई, जिसके सब कायल हो गए थे?
इसका जवाब है वॉर्न की लेग स्टंप से बाहर फेंकी गई गेंद, जो सामने खड़े बल्लेबाज (माइक गैटिंग) का ऑफ स्टंप ले उड़ी और वॉर्न की इस अद्भुत गेंद को नाम मिल गया 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' का। उस समय खेले गए ऐशेज में ऑस्ट्रेलियाई पारी का 44वां ओवर चल रहा था, जब इसी ओवर में वॉर्न की अंतिम गेंद पर गैटिंग क्लीन बोल्ड हो गए थे। बॉल इस कदर घूमी कि गैटिंग को समझने तक का मौका ही नहीं मिला। उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि वॉर्न की गेंद उनके ऑफ स्टंप पर कैसे जा लगी। शेन वॉर्न की वह बॉल किसी करिशमाई गेंद से कम नहीं थी।
गैटिंग सहित दुनिया के तमाम क्रिकेट विश्लेषकों को वॉर्न की इस गेंद ने अचंभे में डाल दिया था। गेंद 18 इंच से ज्यादा घूमती हुई गैटिंग के ऑफ स्टंप से जा टकराई थी, इसकी वजह से वॉर्न की इस गेंद को शताब्दी की गेंद (बॉल ऑफ़ द सेंचुरी) कहा गया था।
दरअसल, 4 जून 1993 को ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान शेन वॉर्न ने इंग्लिश बल्लेबाज माइक गैटिंग को क्लीन बोल्ड कर दिया था। उनकी इस गेंद ने क्रिकेट के बड़े-बड़े दिग्गजों को आश्चर्यचकित कर दिया था। लेकिन ऐसा क्या था, जिससे वॉर्न की यह गेंद इस कदर चर्चा का विषय बन गई, जिसके सब कायल हो गए थे?
इसका जवाब है वॉर्न की लेग स्टंप से बाहर फेंकी गई गेंद, जो सामने खड़े बल्लेबाज (माइक गैटिंग) का ऑफ स्टंप ले उड़ी और वॉर्न की इस अद्भुत गेंद को नाम मिल गया 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' का। उस समय खेले गए ऐशेज में ऑस्ट्रेलियाई पारी का 44वां ओवर चल रहा था, जब इसी ओवर में वॉर्न की अंतिम गेंद पर गैटिंग क्लीन बोल्ड हो गए थे। बॉल इस कदर घूमी कि गैटिंग को समझने तक का मौका ही नहीं मिला। उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि वॉर्न की गेंद उनके ऑफ स्टंप पर कैसे जा लगी। शेन वॉर्न की वह बॉल किसी करिशमाई गेंद से कम नहीं थी।
गैटिंग सहित दुनिया के तमाम क्रिकेट विश्लेषकों को वॉर्न की इस गेंद ने अचंभे में डाल दिया था। गेंद 18 इंच से ज्यादा घूमती हुई गैटिंग के ऑफ स्टंप से जा टकराई थी, इसकी वजह से वॉर्न की इस गेंद को शताब्दी की गेंद (बॉल ऑफ़ द सेंचुरी) कहा गया था।
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