जोहांसबर्ग:
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कोच मिकी अर्थर ने कानूनी दस्तावेजों के माध्यम से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) से खुद को करार की अवधि पूरा होने से पहले बर्खास्त किए जाने पर 40 लाख डॉलर का हर्जाना मांगा है।
साथ ही अर्थर ने हरफनमौला खिलाड़ी शेन वॉटसन और उनके साथी खेमेबाजी करने वाले खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए 'कैंसर' करार दिया है।
'द सेवन नेटवर्क' की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत में दाखिल दस्तावेजों के माध्यम से अर्थर ने सीए से यह भारी राशि हर्जाने के रूप में चाही है। सीए ने करार समाप्त होने से दो साल पहले ही अर्थर को बर्खास्त करते हुए डरेन लेहमन को टीम का नया कोच नियुक्त किया है।
दस्तावेजों में कहा गया है कि कप्तान माइकल क्लार्क और वॉटसन के बीच काफी गंभीर विवाद चल रहा था और अर्थर इन दोनों के बीच 'सैंडविच' बन गए थे। अर्थर ने कहा है कि क्लार्क और वॉटसन के बीच जारी विवाद कारण ही उनकी कुर्सी गई है।
अर्थर ने अपने दस्तावेजों में कहा है कि भारत दौरे के दौरान जब वाटसन सहित चार खिलाड़ियों ने अनुशासनहीनता दिखाई थी और इसे लेकर जब उन्होंने इन खिलाड़ियों के एक मैच के लिए बर्खास्त किया था, तब सीए ने इस मामले में उनका साथ नहीं दिया था।
अर्थर के मुताबिक उनके साथ भेदभाव किया गया क्योंकि वह दक्षिण अफ्रीका के निवासी हैं और ऑस्ट्रेलियाई तौर-तरीकों से वाकिफ नहीं थे।
साथ ही अर्थर ने हरफनमौला खिलाड़ी शेन वॉटसन और उनके साथी खेमेबाजी करने वाले खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए 'कैंसर' करार दिया है।
'द सेवन नेटवर्क' की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत में दाखिल दस्तावेजों के माध्यम से अर्थर ने सीए से यह भारी राशि हर्जाने के रूप में चाही है। सीए ने करार समाप्त होने से दो साल पहले ही अर्थर को बर्खास्त करते हुए डरेन लेहमन को टीम का नया कोच नियुक्त किया है।
दस्तावेजों में कहा गया है कि कप्तान माइकल क्लार्क और वॉटसन के बीच काफी गंभीर विवाद चल रहा था और अर्थर इन दोनों के बीच 'सैंडविच' बन गए थे। अर्थर ने कहा है कि क्लार्क और वॉटसन के बीच जारी विवाद कारण ही उनकी कुर्सी गई है।
अर्थर ने अपने दस्तावेजों में कहा है कि भारत दौरे के दौरान जब वाटसन सहित चार खिलाड़ियों ने अनुशासनहीनता दिखाई थी और इसे लेकर जब उन्होंने इन खिलाड़ियों के एक मैच के लिए बर्खास्त किया था, तब सीए ने इस मामले में उनका साथ नहीं दिया था।
अर्थर के मुताबिक उनके साथ भेदभाव किया गया क्योंकि वह दक्षिण अफ्रीका के निवासी हैं और ऑस्ट्रेलियाई तौर-तरीकों से वाकिफ नहीं थे।
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