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This Article is From Jun 25, 2015

मिस यू सचिन : तेंदुलकर के सबसे बड़े फैन से खास बातचीत...

मिस यू सचिन : तेंदुलकर के सबसे बड़े फैन से खास बातचीत...
सचिन के सबसे बड़े प्रशंसक सुधीर कुमार गौतम की फाइल फोटो
मैच के दौरान आपने एक ऐसे शख्स को जरूर देखा होगा, जो हाथों में भारत का झंडा थामे हुए और सचिन तेंदुलकर का नाम अपने बदन पर लिखवाकर हर मैच में मौजूद रहता है। चाहे ऑस्ट्रेलिया में हुए वर्ल्ड कप की बात की जाए या बांग्लादेश में हुए मैच की। लेकिन कुछ दिन पहले बांग्लादेश में उस शख्स पर हमला भी हुआ था, मगर यह हमला भी उसको क्रिकेट से दूर नहीं कर पाया, जिस व्यक्ति की बात मैं कर रहा हूं, उसका नाम है 'सुधीर कुमार गौतम', जो क्रिकेट को अपना लाइफ पार्टनर मानता है।

सुधीर अब तक 256 मैच देख चुका है और वे सचिन तेंदुलकर को अपना भगवान मानता है। सुधीर महान बल्लेबाज सचिन से कैसे मिले? उसने पाकिस्तान में शादी क्यों की? भारतीय टीम में लीची किस खिलाड़ी को पसंद है? कौन है जो सुधीर को मैच देखने के लिए पैसा देता है? क्या सचिन और धोनी के साथ सुधीर ने कभी एक टेबल पर खाना खाया है? किसके एक इंटरव्यू ने सुधीर को वर्ल्ड कप देखने के लिए ऑस्ट्रेलिया तक पहुंचा दिया? कौन था वह खिलाड़ी जिसने ऑकलैंड के एयरपोर्ट पर सुधीर को फाइन देने से बचाया? कौन सा ऐसा पल है, जो सुधीर को सारी उम्र याद रहेगा? इन सभी सवालों के जवाब पाने के लिए यह इंटरव्यू पढ़ें। यह इंटरव्यू लिया है सुशील महापात्रा ने......

आप क्रिकेट से इतना प्यार क्यों करते हैं?
2002 से साइकिल से जाकर क्रिकेट मैच देखता था। मेरा एक मिशन था, सचिन तेंदुलकर से मिलना। साल 2002 में  सचिन सर से मिलने के लिए साइकिल से जमशेदपुर गया, लेकिन वहां सचिन सर से मुलाकात नहीं हो पाई, फिर साइकिल से ही मुंबई तक गया उनसे मिलने के लिए और आखिरकार वहां मुलाकात हो ही गई।
 
सचिन से कैसे मुलाकात हुई? किसने मिलाया आप को सचिन से?

उस वक़्त जहां-जहां मैच होता था, मैं साइकिल से जाता था, मैच देखने के लिए। यह बात मीडिया में हाईलाइट हो गई थी, जिससे खिलाड़ी मुझे पहचाननें लगे थे। 2003 में मुंबई में त्रिकोणीय सीरीज हो रही थी। उस दौरान मैं सचिन से मिलने के लिए साइकिल से मुंबई पहुंचा और मीडिया के जरिए मुझे पता चला कि सचिन ट्राइडन्ट होटल में आ रहे हैं। मैं अपनी साइकिल लेकर होटल के बहार खड़ा हो गया। सचिन सर गाड़ी से बहार निकले, मीडिया वालों ने सचिन सर को घेर लिया। तभी मैंने साइकिल छोड़ कर सचिन सर के पांव पकड़ लिए, सचिन सर ने बोले यहां बात नहीं कर सकते, घर आओ, वह मुझे अपना विजिटिंग कार्ड दे गए। 29 अक्टूबर को मैं उनके घर पहुंच गया और वह मुझे मिले, बात हुई और फिर उस दिन से यह सिलसिला जारी है।

वहां और भी सचिन के प्रशंसक होंगे, जो सचिन से मिलना चाहते होंगे, फिर वह आपसे क्यों मिले? क्या आपने उन्हें  बोला की आप उनके बहुत बड़े प्रशंसक हैं?
 मुझे यह बोलने की जरूरत नहीं थी, जहां-जहां सचिन सर मैच खेलते थे, वहां-वहां मैं मैच देखने के लिए साइकिल लेकर पहुंच जाता था। मैं साइकिल से बिहार से मुंबई तक आया था, सिर्फ सचिन सर से मिलने के लिए और यह बात पूरी मीडिया में भी फैल चुकी थी, सचिन सर को भी पता चल गया था कि मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंशक हूं।

जब पहली बार सचिन से मुलाक़ात हुई, तो आपकी उनसे क्या बात हुई? वह कितने खुश थे?
 उनके निर्देश से ही हम गए थे, मुझे मैच के पास मिले, नाश्ता किया। जब मैच ख़त्म हो गया फिर उनसे मिला और वहां से यह सिलसिला शुरू हो गया।

जब सचिन अपने मैच खेलते थे, तो क्या आप हर मैच से पहले या मैच के बाद उनसे मिलते थे?
पहले तो उनका कॉन्टेक्ट नंबर मेरा पास नहीं था, जब बस का टाइम होता था, तो बस के सामने झंडा लेकर खड़ा हो जाता था और फिर सचिन सर अपने हाथ से मुझे पास देने लगे और फिर इसके बाद नंबर भी मिल गया, बातचीत होने लगी, तब से सचिन सर हर मैच के लिए मुझे पास देते हैं और मेरा हालचाल का भी जायजा लेते हैं।

सचिन तो रिटायर हो गए हैं, आज जब आप मैच देखने जाते हैं तो आपके कौन पास देता है?
आज अगर मुझे पास मिल रहा है, तो सचिन सर की मदद से मिल रहा है। आजकल पास रमेश काका देते हैं। रमेश मानेकर, जो भारतीय टीम के खिलाड़ियों की बॉडी मालिश करते हैं। टीम इंडिया के खिलाड़ी उन्हें काका के नाम से बुलाते हैं। जब मैं सचिन सर से मिल नहीं पा रहा था, तो सचिन सर कहते थे कि रमेश काका से पास ले लेना और रमेश काका से मुझे पास मिल जाते थे। तब से अब तक यह सिलसिला जारी है।

आप ऑस्ट्रेलिया गए थे वर्ल्ड कप देखने के लिए बांग्लादेश देश भी गए मैच दिखने के लिए आप को पैसा कौन देता है?
वर्ल्ड कप देखने के लिए मैं ऑस्ट्रेलिया गया था। मैं सचिन सर की कृपा से वहां गया था। सचिन सर ने एक रेडियो एफफम के लिए एक वॉइस इंटरव्यू दिया था और उसके बदले रेडियो एफफम से मेरा सारा खर्चा दिया था। उनके वॉइस के बदले मैं ऑस्ट्रेलिया तक पहुंच गया था। फ्लाइट का खर्चा, होटल में रहना, खाना सब खर्च, रेडियो एफएम ने दिया था।

और आपको बांग्लादेश जाने का ख़र्चा किसने दिया?
बांग्लादेश मैं अपने पैसों से गया था। भारत में या एशिया में जहां भी मैच होता है, मैं अपने खर्चे से मैच देखता हूं। बांग्लादेश मैं बस से गया था। जब श्रीलंका में मैच होता है, तो मैं चेन्नई से फ्लाइट ले लेता हूं, क्योंकि चेन्नई से कोलंबो तक के सफर के लिए कम किराया लगता है।

आप के पास पैसा कहां से आता है?
जब मैच नहीं होता है, तो उस दौरान मैं प्राइवेट जॉब कर लेता हूं और उसी पैसों से मैं अपना ख़र्चा चलाता हूं।

क्या आपने शादी कर ली है?
जी हां, मैंने शादी कर ली है। 13 फरवरी, 2006 को पाकिस्तान में मेरी शादी हुई थी।

आपने शादी पाकिस्तान में क्यों की?
2006 में, मैं मैच देखने के लिए साइकिल से पाकिस्तान तक गया था। यह मेरी पहली विदेश यात्रा थी। 13 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच गद्दाफी स्टेडियम पर मैच था। इस मैच के दौरान मुझे क्रिकेट से बहुत ज्यादा प्यार हो गया और मैंने क्रिकेट से शादी कर ली और क्रिकेट को ही अपना लाइफ पार्टनर बना लिया। क्रिकेट को छोड़ कर मैं और किसी को अपना लाइफ पार्टनर नहीं बना सकता हूं। जहां भी जाता हूं, अपनी लाइफ पार्टनर को लेकर जाता हूं।

क्या आपका परिवार आप पर शादी के लिए दबाव नहीं डालता है?
परिवार तो शादी के लिए दबाव डालता है, लेकिन मेरी कोई रुचि नहीं है। आमदनी भी नहीं है...जो भी पैसा कमाता हूं, सब क्रिकेट में ही खर्च हो जाता है। मैं क्रिकेट को छोड़ नहीं सकता, क्रिकेट को ही अपना परिवार मानता हूं।

अपनी जिंदगी का एक यादगार लम्हा बताइए?
2 अप्रैल, 2011 मुझे हमेशा याद रहेगा, उस दिन भारत ने वर्ल्ड कप जीता था। वर्ल्ड कप जीतने के बाद सचिन सर ने मुझे ड्रेसिंग रूम में बुलाया और मेरे हाथ में वर्ल्ड कप थमा दिया और ताली बजाने लगे। इससे बड़ा लम्हा मेरे लिए क्या हो सकता है। इस लम्हें को मैं कभी नहीं भूल सकता। 16 नवंबर, 2013 भी मुझे सारी ज़िन्दगी हमेशा याद रहेगा, इस तारीख को सचिन सर ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

जब सचिन रिटायर हुए थे, तो क्या आप को बुलाए थे?
जी हां, वह मुझे बुलाए थे। अगर वह नहीं बुलाए होते, तो मेरी क्या औकात थी कि मैं स्टेडियम में उनके लिए शंख नाद करता और झंडा लहराता। इतने बड़े-बड़े लोग आए थे, लेकिन उन्होंने फिर भी वहां मुझे बुलाया और मैं गया। यह दो पल मेरी ज़िन्दगी का सबसे अहम पल हैं।

आपने कभी सचिन के साथ डिनर या लंच किया है?
जी हां, जब उनके घर जाता हूं, उनके साथ खाते है।

कितनी बार आप उनके साथ खाएं हैं?
गिनती करना मुश्किल है। बहुत बार मैं उनके घर गया हूं और उनके साथ खाया है। 2003 से लेकर अब तक पता नहीं कितनी बार गया हूं। जब भी मुंबई जाता हूं, तो उनके घर जाता हूं और उनके साथ बैठ के खाना खाता हूं। बहुत अच्छा लगता है। सचिन सर मेरे लिए भगवान हैं। एक भगवान ऊपर रहते हैं और दूसरे नीचे हैं और वह है मेरे सचिन सर।

आप के भगवान का ऐसा कौन-सा गुण है, जो आपको बहुत पसंद है?
सचिन सर अपने प्रशंशकों को कभी निराश नहीं करते हैं। वह बहुत अच्छे आदमी हैं। 13 साल हो गए। वह क्रिकेट को अलविदा भी कह चुके हैं। लेकिन फिर भी मैं उनका नाम लेकर जी रहा हूं।

क्या आजकल सचिन आपसे बात करते हैं?
जी करते हैं...हालचाल पूछते हैं।

क्या भारतीय क्रिकेट टीम के दूसरे खिलाड़ी आपको पहचानते हैं?
हर खिलाड़ियों से मिलता हूं....सब खिलाड़ी मुझे पहचानते हैं और हालचाल भी पूछते हैं।

क्या आप कप्तान धोनी से भी मिले हैं?
जी हां मैं धोनी सर से भी मिलता रहता हूं और लीची लेकर उनके घर भी जाता हूं।

क्या धोनी को लीची पसंद है?
हां, उन्हें लीची बहुत पसंद है, हर साल सचिन सर के लिए, धोनी के लिए और भज्जी के लिए लीची लेकर जाता हूं। इस बार भी गया था। 28 मई को सचिन सर के लिए लीची लेकर मुंबई गया था और फिर घर आया और भज्जी के लिए लीची लेकर जालंधर गया, 3 तारीख को घर पहुंचा और फिर लीची पैक किया, इसके बाद रांची गया, धोनी के घर लीची पहुंचाने के लिए। फिर 8 मई को मैच देखने के लिए बांग्लादेश चला गया।

जब आप धोनी के घर गए थे तो क्या धोनी मिले आप से?
लीची लेकर जब सचिन सर के घर गया तो सचिन सर से मुलाक़ात हुई, भज्जी से भी मुलाकात हुई, लेकिन धोनी मुंबई चले गए थे, क्योंकि उन्हें बांग्लादेश जाना था।

क्या धोनी के घर में आपने उनके साथ मिलकर खाना खाया है?
बहुत बार खाया हूं। जब भी मैं उनके घर जाता हूं और अगर वह घर में होते है, तो उनके साथ एक टेबल पर खाना खाता हूं। अगर वह वहां नहीं होते हैं, तो उनके परिवार के लोगों के साथ मिलकर एक ही टेबल पर खाना खाता हूं।

भज्जी को लीची देने के बाद वह कितने खुश हुए?
बहुत खुश हुए.. भैया करके बात करते हैं और यह भी बोले की भैया में बांग्लादेश जा रहा हूं, टेस्ट मैच खेलने के लिए वहां मुलाकात होगी। भज्जी ने बांग्लादेश में अच्छा खेलते हुए तीन विकेट भी लिए थे।

इस बार जब आप बांग्लादेश गए थे तो क्या आप खिलाड़ियों से मिले?
जी हां, मैं मिलता रहता हूं.. आज भी टीम के होटल गया था, खिलाडियों से मिलने के लिए। कुछ खिलाड़ी जैसे धोनी, रैना, रायुडू सुबह की फ्लाइट से भारत चले गए थे। दूसरे खिलाड़ियों से मिला और उन्होंने मेरा हालचाल पूछा।

सचिन के बाद, कौन सा खिलाड़ी है, जो आपको बहुत अच्छा लगता है?
सच बात कहूं, तो सभी खिलाड़ी मुझे अच्छे लगते हैं।

लेकिन फिर भी कोई तो ऐसा खिलाड़ी होगा जो आपके दिल के सबसे करीब होगा?
मेरे लिए सभी खिलाड़ी एकसमान हैं। भले ही मैं धोनी के घर जाता हूं, भज्जी से मिलता हूं..लेकिन सभी खिलाड़ियों को सम्मान करता हूं...सब मुझे बहुत प्यार करते हैं, जो मुझे अच्छा लगता है।

जब आप बाहर जाते हैं, तो अपने परिवार के लिए कुछ लेकर आते हैं?
मेरी औकात क्या है कि मैं कुछ उनके लिए लेकर आऊंगा। मैच के दौरान मैं अपने दोस्तों के घर में रुक जाता हूं, जो भी पैसा कमाता हूं, वह बस और ट्रेन के सफर में खर्च हो जाता है।

कोई खिलाड़ी जिसने आपको कोई तोहफा दिया हो?
खिलाड़ी टी-शर्ट, पैंट देते रहते हैं.. भज्जी देते हैं, सचिन सर ने भी बहुत बार दिय़ा है।

आप इतने क्रिकेट मैच देखते हैं तो क्या आपके घर के लोग सवाल नहीं उठाते हैं?
उठाते हैं, लेकिन मैं घर पर नहीं रहता हूं। भाग जाता हूं...कपड़े लेकर बाहर चले जाता हूं, काम करने के लिए।

आप अपने पूरे बदन पर जो पेंटिंग कराते हैं, वो कौन करता है?
मैं खुद करता हूं। जो भारत का नक्शा है, मुंह पर जो पेंट होता है, मैं खुद ही कर लेता हूं। बॉडी पेंट कोई पेंटर करता  है। ऑस्ट्रेलिया में मैंने खुद ही किया था। बदन के पीछे बॉडी पर पेंट करने के लिए किसी इंडियन फैन को पकड़ लेता  था।

आप खुद अपने पैसों से पेंट खरीदते हैं?
हां, मैं खुद खरीदता हूं...जब मैं वर्ल्ड कप देखने के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड गया था, तब मैं भारत से पेंट खरदी कर ले गया था। ऑस्ट्रेलिया में तो दिक्कत नहीं हुई, लेकिन न्यूज़ीलैंड में फंस गया। ऑकलैंड के एयरपोर्ट पर मुझे रोक लिया गया और मुझसे 1400 डॉलर फाइन ले लिया गया, क्योंकि न्यूज़ीलैंड में कोई भी एयर ट्रेवल के दौरान पेंट जैसा सामान कोई साथ में नहीं ले जा सकता है, जिसके बारे में मुझे पता नहीं था।

तो फिर आपने 1400 डॉलर फाइन दिया?
फाइन तो ले लिया था, लेकिन वहां भी सचिन सर के वजह से बच गया। उनको जब पता चला कि मैं सचिन सर का  बहुत बड़ा प्रशंसक हूं, तो उन्होंने मुझे छोड़ दिया। जो अफसर मेरी चेकिंग कर रहा था, वह भी सचिन सर का बड़ा प्रशंसक था। जब उसने सचिन सर के साथ मेरी फोटो और वीडियो देखी, तो उसने मुझे छोड़ दिया और बोला दोबारा ऐसी गलती मत करना।

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