- भारत के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने NDTV वर्ल्ड समिट 2025 में सेलेक्टर पद की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की
- उन्होंने बताया कि सेलेक्टर के रूप में फैसले लेना कठिन होता है और सभी को संतुष्ट करना संभव नहीं होता
- अगरकर के अनुसार खेलना खिलाड़ियों को अधिक संतुष्टि देता है जबकि चयनकर्ता के पास सीमित विकल्प होते हैं
Ajit Agarkar at NDTV World Summit 2025: NDTV वर्ल्ड समिट 2025 में भारत के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने भी शिरकत किया. चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने NDTV वर्ल्ड समिट 2025 में कहा कि सेलेक्टर के तौर पर काम करना उनके लिए सबसे चुनौती भरा रहा है.
सेलेक्टर के तौर पर काम करना सबसे चुनौती भरा
"कमेंटेटर के तौर पर काम करना मेरे लिए आसान था. लेकिन भारत के लिए खेलना मेरे लिए सबसे बडी बात की थी. वहीं, सेलेक्टर के तौर पर आपको पता होता है कि क्या करना है. सेलेक्टर के तौर पर आपको कुछ ऐसे फैसले लेने होंते हैं जो मुश्किल भी होते हैं. बतौर सेलेक्टर आप सभी को संतुष्ट नहीं कर सकते हैं. यह एक बड़ी जिम्मेदारी है. खासकर जब आप खिलाड़ी होते हैं और फिर सेलेक्टर बनते हैं तो आपको पता होता है कि खिलाडियों को क्या लगता है. मैं कहूंगा कि मेरे लिए सेलेक्टर का काम काफी चुनौती भरा है".
चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने आगे कहा, "खेलना आपको सबसे ज़्यादा संतुष्टि देता है. हर बार जब आप मैदान पर कदम रखते हैं, तो आपको पता होता है कि आपकी ज़िम्मेदारी दांव पर है. एक खिलाड़ी के तौर पर आपके लिए एक बात यह है कि गेंद या बल्ला आपके हाथ में होता है. एक चयनकर्ता के तौर पर, एक बार जब आप 15 खिलाड़ियों की टीम चुन लेते हैं, तो आपके हाथ में और कुछ नहीं होता. यह एक चुनौतीपूर्ण, व्यस्त और उच्च मांग वाला काम है। आप सभी को खुश नहीं कर सकते".
आलोचनाओं से फर्क नहीं पड़ता
"इतने सारे खिलाड़ियों में से चुनना एक अच्छी बात है. इससे प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ता है और प्रदर्शन का स्तर ऊंचा बना रहता है. यह खेल भारत में इतना लोकप्रिय है कि आपके फैसलों की आलोचना करने वाले भी मिल जाएंगे. पिछले कुछ सालों में फैन्स की संख्या कई गुना बढ़ गई है." जब उनसे पूछा गया कि क्या वह #JusticeForShreyasIyer जैसे सोशल मीडिया ट्रेंड्स पर ध्यान देते हैं, तो अगरकर कहते हैं: "नहीं देते.. यह कोई जीत वाली स्थिति नहीं है. हम साल भर खूब क्रिकेट देखते हैं. "
अगरकर ने आगे ये भी बताया कि चयन के लिए फिटनेस एक महत्वपूर्ण मानदंड है, जबकि अपनी जगह बनाए रखने के लिए फॉर्म महत्वपूर्ण है, अगरकर ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा "आप अच्छी तरह से जानते हैं कि आप किन खिलाड़ियों को अधिक समय देना चाहते हैं, जबकि कुछ अन्य लोगों को इतनी लंबी रस्सी नहीं मिल सकती है. यह एक निर्णय है.
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