बांबे हाई कोर्ट
मुंबई:
ऐसे समय में जब मुंबई में कभी कभार ही 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला पाना संभव होता है, अधिकारियों द्वारा शहर में गाड़ियों के लिये 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तय करने के फैसले पर हैरानी जताते हुए बांबे हाई कोर्ट ने टैक्सियों में गति नियंत्रक लगाये जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टाल दी है.
न्यायमूर्ति पीडी नाइक और एमएस कार्निक की अवकाश पीठ ने मुंबई टैक्सी चालक संघ की महाराष्ट्र सरकार के 30 जून तक गाड़ियों में गति नियंत्रक लगा लेने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई 12 जून के लिये टाल दी है.
न्यायमूर्ति नाइक ने कहा, ''मुंबई में यातायात के मौजूदा हालात किसी भी स्थिति में 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति की ही इजाजत देते हैं. सरकार ने अब भी गति सीमा 80 किलोमीटर प्रतिघंटे रखी हुई है.'' परिवहन आयुक्त के दफ्तर से सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों को परिपत्र जारी किया गया था कि बिना गति नियंत्रक लगवाये आने वाली किसी भी टैक्सी को वार्षिक फिटनेस परीक्षण में क्लीयरेंस नहीं दिया जाये.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
न्यायमूर्ति पीडी नाइक और एमएस कार्निक की अवकाश पीठ ने मुंबई टैक्सी चालक संघ की महाराष्ट्र सरकार के 30 जून तक गाड़ियों में गति नियंत्रक लगा लेने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई 12 जून के लिये टाल दी है.
न्यायमूर्ति नाइक ने कहा, ''मुंबई में यातायात के मौजूदा हालात किसी भी स्थिति में 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति की ही इजाजत देते हैं. सरकार ने अब भी गति सीमा 80 किलोमीटर प्रतिघंटे रखी हुई है.'' परिवहन आयुक्त के दफ्तर से सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों को परिपत्र जारी किया गया था कि बिना गति नियंत्रक लगवाये आने वाली किसी भी टैक्सी को वार्षिक फिटनेस परीक्षण में क्लीयरेंस नहीं दिया जाये.
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