प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
नोएडा में हुई सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकित चौहान की हत्या के सिलसिले में यूपी एसटीएफ ने 2 साल बाद शशांक जादौन और उसके साथी पंकज को गिरफ्तार कर लिया है. शशांक ने साल 2014 में दिल्ली स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग से बीटेक की पढ़ाई पूरी की थी. परीक्षा पास करने के बाद इसने रियल एस्टेट के कारोबार में किस्मत आजमाई. ये एक सफल बिज़नेसमैन बन गया था लेकिन किस्मत ने ऐसी करवट ली जिसने आज शशांक को हत्या का आरोपी बना दिया.
यूपी एसटीएफ के मुताबिक 13 अप्रैल 2015 को नोएडा के सेक्टर 76 में हुई सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकित चौहान की हत्या शशांक ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर की थी. रियल एस्टेट के कारोबार में घाटा होने के बाद शशांक पर बहुत कर्ज़ हो गया था. शशांक ने अपने साथी मनोज से पैसे उधार लिए हुए थे. कर्ज़ चुकाने के लिए मनोज ने शशांक को सलाह दी कि बुलंदशहर का नामी बदमाश सतपाल को फॉर्च्यूनर गाड़ी की तलाश है. इसके बदले वो अच्छे पैसे भी देगा. इसके बाद शशांक ने मनोज और पंकज के साथ मिल कर फॉर्च्यूनर कार लूटने का प्लान बनाया.
वारदात के दिन एक प्लानिंग के साथ तीनों बदमाश अपनी एकॉर्ड कार का नंबर प्लेट बदल कर शिकार की तलाश में निकल गए. काफी तलाश करने के बाद एक्सप्रेसवे पर तीनों की नज़र अंकित की कार पर पड़ी. कार को देखने के बाद लूट का इरादा तय हो चुका था और जैसे ही अंकित अपने साथी के साथ कार लेकर निकला तो बदमाशों ने अंकित की कार का पीछा किया और नोएडा सेक्टर 76 में कार लूटने की कोशिश की. विरोध करने पर बदमाशों ने अंकित को गोली मार दी. सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकित नोएडा में ही टीसीएस कंपनी में काम करता था. शुरुआत में शक उसकी पत्नी पर गया लेकिन बाद में पुलिस को इस दिशा में कोई सबूत नहीं मिला.
इस बीच मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. सीबीआई ने आरोपियों पर 5 लाख का ईनाम भी घोषित किया था. एसटीएफ ने 1500 हौंडा एकॉर्ड गाड़ियों की जांच शुरू की. शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला था कि आरोपी के हाथ पर टैटू बना हुआ है.
इस हत्याकांड के एक आरोपी पंकज की कुछ महीने पहले ही मौत हो चुकी है. बाकी के दो आरोपियों को सीबीआई के हवाले कर दिया गया है. लेकिन अभी वो सतपाल जांच एजेंसी की पकड़ से दूर है जिसने फॉर्च्यूनर कार की डिमांड की थी.
यूपी एसटीएफ के मुताबिक 13 अप्रैल 2015 को नोएडा के सेक्टर 76 में हुई सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकित चौहान की हत्या शशांक ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर की थी. रियल एस्टेट के कारोबार में घाटा होने के बाद शशांक पर बहुत कर्ज़ हो गया था. शशांक ने अपने साथी मनोज से पैसे उधार लिए हुए थे. कर्ज़ चुकाने के लिए मनोज ने शशांक को सलाह दी कि बुलंदशहर का नामी बदमाश सतपाल को फॉर्च्यूनर गाड़ी की तलाश है. इसके बदले वो अच्छे पैसे भी देगा. इसके बाद शशांक ने मनोज और पंकज के साथ मिल कर फॉर्च्यूनर कार लूटने का प्लान बनाया.
वारदात के दिन एक प्लानिंग के साथ तीनों बदमाश अपनी एकॉर्ड कार का नंबर प्लेट बदल कर शिकार की तलाश में निकल गए. काफी तलाश करने के बाद एक्सप्रेसवे पर तीनों की नज़र अंकित की कार पर पड़ी. कार को देखने के बाद लूट का इरादा तय हो चुका था और जैसे ही अंकित अपने साथी के साथ कार लेकर निकला तो बदमाशों ने अंकित की कार का पीछा किया और नोएडा सेक्टर 76 में कार लूटने की कोशिश की. विरोध करने पर बदमाशों ने अंकित को गोली मार दी. सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकित नोएडा में ही टीसीएस कंपनी में काम करता था. शुरुआत में शक उसकी पत्नी पर गया लेकिन बाद में पुलिस को इस दिशा में कोई सबूत नहीं मिला.
इस बीच मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. सीबीआई ने आरोपियों पर 5 लाख का ईनाम भी घोषित किया था. एसटीएफ ने 1500 हौंडा एकॉर्ड गाड़ियों की जांच शुरू की. शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला था कि आरोपी के हाथ पर टैटू बना हुआ है.
इस हत्याकांड के एक आरोपी पंकज की कुछ महीने पहले ही मौत हो चुकी है. बाकी के दो आरोपियों को सीबीआई के हवाले कर दिया गया है. लेकिन अभी वो सतपाल जांच एजेंसी की पकड़ से दूर है जिसने फॉर्च्यूनर कार की डिमांड की थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं